लाल-किताब पद्धति के अनुसार जब ग्रह किसी खाना में अकेला बैठा हो व किसी और ग्रह से दृष्ट भी न हो तो वह शुभ प्रभाव वाला होगा। प्रत्येक ग्रह के शुभाशुभ प्रभाव जानने के लिए निम्न तालिकाओं का प्रयोग करें। अ. कौन- सा ग्रह केवल अकेला ही बैठा हो तो कौन क्या प्रभाव करेगा। तालिका गुरु कभी अशुभ असर न देगा। सूर्य स्वयं मेहनत करके अमीर बना होगा। चंद्र अपनी दया और नर्मी से फांसी तक भी माफ करवा ले। कुल को नष्ट नहीं होने देगा। शुक्र कभी अशुभ न होगा। यदि होगा तो किसी के साथ होने पर होगा। मंगल चिड़िया घर का केदी या बकरियों में पला शेर होगा। बुध लालची, देश-परदेश में खाली चक्कर शनि अकेले सूर्य के साथी खाली बुध का काम देगा।
राहु हर तरह से रक्षक परंतु माली हालत की शर्त न होगी। केतु हर समय राहु के इशारे पर चलेगा। जब दृष्टि की नज़र से बाहर ग्रह अकेला बैठा हो तो उसके शुभाशुभ प्रभाव को निम्न तालिका से जाना जा सकता है। अकेला ग्रह सामान्यतः अशुभ खाना सामान्यतः शुभ खाना बृहस्पति 6.7.10 1 से 5, 8, 9, 11, 12 सूर्य 6.7.10 1 से 5, 8, 9, 11, 12 चन्द्र 6. 8. 10. से 12 1 से 5, 7, 9 शुक्र 1. 6. 9. 2 से 5, 7, 8, 10, 11, 12 मंगल 4. 8 1 से 3, 5 से 7, 9 से 12 बुध 3. 8 से 12 सदैव अशुभ न होंगे। 1. 2. 4. 5. 6. 7 शनि 1. 4. 5. 6 2. 3. 7 से 12 राहु 1. 2. 5. 7 से 12 3. 4. 6 केतु 3 से 6. 8 1. 2. 7. 9 से 12 नोट:
1. अकेला ग्रह से तात्पर्य है कि उस ग्रह को कोई भी और ग्रह और किसी दृष्टि से न देख रहा हो या ऐसा ग्रह अकेला बैठा हो।
2. साधारणतः अशुभ का अर्थ है कि जब ग्रह ऐसे घरों में बैठे हों जहाॅं कि वह नीच स्थपित किया गया या अपने शत्रु ग्रहों के साथ या शत्रु के घर में बैठे हों।
3. सामान्यतः अच्छे का अर्थ होगा जहाॅँ वह अपने घर का स्वामी हो या अपने मित्र के घर में बैठा हो या उच्च स्थापित किये जाने के घर में हो।
स. विशेष प्रभाव: लाल-किताब पद्धति के इस नियम के अनुसार कुछ ग्रह किसी विशेष खाना में स्थित होकर अपने प्रभाव से किसी ग्रह विशेष के प्रभाव को शुभ या अशुभ कर देते हैं। कौन कौन सा ग्रह किस खाना में किस ग्रह के प्रभाव को शुभ या अशुभ करता है, यह निम्न तालिका से जाना जा सकता है। लाल-किताब पद्धति द्वारा फलित स्पष्ट करने के लिए यह सूत्र भी अपना एक महत्त्व रखता है।
तालिका खाना नं. बैठा ग्रह किस ग्रह पर असर होगा क्या असर होगा
1. केतु सूर्य सूर्य उच्च फल का होगा राहु सूर्य सूर्य ग्रहण होगा
2. बुध बृहस्पति हर तरह से बर्बाद होगा
4. बुध चंद्र हर तरह से बर्बाद होगा
6. मंगल सूर्य केतु उच्च होगा बर्बाद होगा
11. राहु केतु गुरु चंद्र बर्बाद करेगा बर्बाद होगा (अ) (अ) जब बुध खाना नं. 9 में न हो
12. गुरु चंद्र राहु केतु बर्बाद होगा (ब) जब बुध मंदा न हो बर्बाद करेगा इस पद्धति के कई एक अनोखे सूत्र हैं जिनके बारे में लेखक ने ज्यादा विस्तृत विवरण नहीं दिया है परन्तु कुण्डली का अध्ययन करने के लिए इन सूत्रों को ध्यान में रखना अति आवश्यक है।