अंक कुंडली
अंक कुंडली

अंक कुंडली  

रिचा वक्सी
व्यूस : 3446 | जुलाई 2010

अंकशास्त्र में अंक कुंडली का बड़ा महत्व है। अंक कुंडली से जातक के व्यक्तित्व, चरित्र तथा उसके भौतिक विकास एवं उन्नति का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। आजकल जो हम नाम में कोई भी अक्षर प्रयेाग करके जीवन को अच्छा या सुखमय बनाने का प्रयास करते हैं, उसका आधार भी अंक कुंडली में यह देखकर किया जाता है कि जातक को किस ग्रह और योग की आवश्यकता है। अंक कुंडली वैवाहिक जीवन में भी बहुत महत्वपूर्ण है। जो योग लड़की की कुंडली में नहीं है

वह योग अगर लड़के की कुंडली में हुआ तो वह जीवन में सामंजस्य बिठाने में सहायक होगा। दोनों मिलकर जीवन की हर स्थिति को सुधारने का प्रयास करेंगे। अंक कुंडली स्थिर होती है जो इस प्रकार होगी। अंक कुंडली को तीन भागों में बांटा गया है। ऊपर की पंक्ति में 3-1-9 जो आध्यात्मिक स्तर बताता है। बीच की पंक्ति 6-7-5 जो बौद्धिक एवं भावनात्मक है। आखिरी पंक्ति 2-8-4 है जो भौतिक एवं सांसारिक अंक हैं।

जन्मतिथि के आधार पर हम इसमें अंकों को बिठाते हैं जैसे यदि किसी की जन्मतिथि 12.05.1976 है तो अंक कुंडली इस प्रकार होगी। इस कुंडली के आधार पर यह जातक बौद्धिक तथा भावनात्मक स्तर पर परिपक्व है। सूर्य के होने से हर कार्य में दक्ष होता है। चंद्रमा से दिल से अच्छा और भावुक होगा। अंक कंुडली के कुछ योग: 3-1-9 यह योग अगर जन्मतिथि से बन जाए तो जीवन में सब कुछ आसानी से मिल जाता है। परंतु अंक 8 का इस पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। ऐसा जातक तीक्ष्ण बुद्धि वाला, उŸाम विद्या प्राप्त करने वाला व दूसरे का भला करने वाला होता है। यह व्यक्ति अधिकारी, शासक होगा परंतु यह व्यक्ति शराब का सेवन करेगा। तो जीवन विवादों में गुजरेगा। 3-6-2/6-2 का योग अशुभ भी है।

परंतु 3 का होना बहुत शुभकारी माना गया है। यह हमें हर परेशानी से बचा लेगा। 6-2 के योग से जीवन में बाधाएं आती हैं तथा पर स्त्री से संबंध बनता है। संतान का सुख कम बनता है पर 3 होने से सब सुख मिलते हैं। जातक अगर संबंध बनाता है तो उस रिश्ते को नाम भी देता है, कोई अवैद्ध संबंध नहीं रखता है। विद्या अच्छी रहती है। जातक परिवार का सुख पाता है और जिम्मेदार होता है। 1-7-8 / 7-8 से शारीरिक कष्ट, व्यापार में उतार चढ़ाव रहते हैं। परंतु नौकरी लाभदायक रहती है। ऐसे व्यक्ति का धन दूसरे के काम आता है। परंतु सूर्य (1) के होने से व्यक्ति सफल होता है। उसमें हर समस्या का सामना करने की हिम्मत रहती है। यह योग मध्यम उम्र के बाद आध्यात्मिकता को बढ़ाता है। वह अपनी आस्था एवं अपने विश्वास पर जीवन को सफल बनाता है व ईश्वरोन्मुख हो जाता है।

9-5-4 यह योग साहस और बुद्धिमता का प्रतीक है ऐसा जातक तकनीकि शिक्षा, मेडिकल, इंजीनियरिंग, सेना, पुलिस, आदि में सफल होगा। ऐसा व्यक्ति आंदोलन करता है। समाज में गलत देखकर आंदोलन करने को तैयार रहता है। ऐसे जातक संघर्षमय जीवन जीते हैं। इस योग से प्लाट, भूमि, मकान व जमीन जायदाद के विवाद का संकेत बनता है। 6-7-5 यह योग जीवन उन्नति के लिए बहुत अच्छा है। इससे यात्रा, विदेश यात्रा का योग बनता है। किसी विशेष ज्ञान एवं कला के कारण मान सम्मान मिलेगा। पत्नी मददगार रहती है। व्यापार में सफलता मिलेगी, वाहन का सुख मिलेगा परंतु साझेदारी में लाभ नहीं होगा। 2-8-4 यह योग बहुत अशुभ है। शारीरिक कष्ट रहेगा। पूरा जीवन दुखों में जीना पड़ता है।

परंतु इस अंक स्थिति में यदि जातक अपने विश्वास को बनाए रखे तो तरक्की करता है और शिखर पर पहुंचता है। यानी कि या तो उन्नति ही उन्नति या फिर परेशानी ही परेशानी। परंतु ऐसा व्यक्ति स्वार्थी होगा और केवल अपने भले के लिए ही सोचेगा।


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