उत्तर-पश्चिम में घर के मुखिया का कमरा- एक गंभीर वास्तु दोष पि जिनके नीचे स्टोर था। सीढ़ियों के नीचे का स्थान बंद होने से परिवार की उन्नति में हर तरफ से रुकावट आती है तथा स्त्रियों का स्वास्थ्य खराब रहता है। पश्चिम में स्थित रसोई घर में गैस स्टोव दक्षिण-पश्चिम में रखा था और सिंक दक्षिण-पूर्व में था। दोनों एक ही लाइन में थे। दक्षिण-पश्चिम में शौचालय था। घर के इस भाग में शौचालय का होना एक गंभीर वास्तु दोष है जो घर के मुखिया की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों एवं धन हानि का कारण होता है। घर का मुख्य द्वार और पिछला द्वार एक ही सीध में थे। घर के मुखिया का कमरा उत्तर-पश्चिम में यह भी एक गंभीर वास्तु दोष है जिसके कारण घर के मुखिया को अक्सर घर से बाहर ही रहना पड़ता है। उपर्युक्त दोषों के विश्लेषण के बाद उन्हें दूर करने के निम्नलिखित उपाय बताए गए: उत्तर दिशा में बने स्वागत कक्ष में उत्तर की दीवार पर पानी के झरने की फोटो लगवाई जाए। उत्तर-पूर्व, पूर्व में बनी सीढ़ियां हटाई जाएं और शौचालय एवं पिछले दरवाजे को स्थानांतरित किया जाए जिससे शौचालय भी पूर्व में हो जाए और द्वारों के आमने-सामने होने का दोष भी दूर हो जाए। दक्षिण-पूर्व, पूर्व में बनी सीढ़ियों के नीचे बने स्टोर को हटवाया जाए और सीढ़ियों के नीचे का हिस्सा खुला रखा जाए। रसोईघर में गैस को दक्षिण-पूर्व की तरफ रखा जाए ताकि खाना बनाते समय गृहिणी का मुख पूर्व की तरफ हो। सिंक उत्तर की तरफ रखा जाए। दक्षिण का कमरा मुखिया का शयन कक्ष हो और उत्तर-पश्चिम के कमरे को कार्य-कक्ष बनाया जाए ताकि उनका सामान जल्दी से बिक सके। स्टोर को स्थानांतरित किया जाए। इस प्रकार, उपर्युक्त सभी उपाय करने पर श्री जयलाल जी की हालत में बहुत सुधार आया।