वैज्ञानिकों का नया अनुसंधान वैज्ञानिकों ने गहन अनुसंधानों से एक ऐसे जीन का पता लगाया है जो यह निर्धारित करता है कि आप हर रोज किस समय उठेंगे और दिन के लगभग किस समय आपकी मृत्यु होगी। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार यह जीन सारी आबादी को इस प्रकार से प्रभावित करता है कि यह अन्दाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि दिन के किस विशेष समय में आपकी प्रवृत्ति कैसी होगी जैसे क्या आप सुबह जल्दी उठने की प्रवृत्ति वाले होंगे या रात्रि जागरण करेंगे। यह जैनेटिक वेरियेंट यह बताने में भी सहायक होता है कि व्यक्ति की दिन के लगभग किस समय मृत्यु होगी।
आंतरिक बायोलाॅजिकल क्लाॅक मानव के जैव विज्ञान व व्यवहार का नियमन करती है जैसे- किसको किस समय सोना अधिक प्रिय है, ज्ञान प्राप्ति व अध्ययन के लिए श्रेष्ठतम समय और अन्य शारीरिक क्रियाओं के समय का निर्धारण आदि। एंड्रयू लिम के अनुसार यह जेनेटिक वैरियेंट रक्ताघात व दिल का दौरा जैसी घटनाओं के समय को भी निर्दिष्ट करता है। प्राॅफेसर लिम के ये शोध बड़े रोचक हैं। लेकिन ज्योतिष में जीन को कुंडली के समकक्ष रख सकते हैं। ज्योतिषशास्त्रानुसार कुंडली का निर्माण जन्म के साथ ही हो जाताज्ञानिकों ने गहन अनुसंधानों से एक ऐसे जीन का पता लगाया है जो यह निर्धारित करता है कि आप हर रोज किस समय उठेंगे और दिन के लगभग किस समय आपकी मृत्यु होगी।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार यह जीन सारी आबादी को इस प्रकार से प्रभावित करता है कि यह अन्दाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि दिन के किस विशेष समय में आपकी प्रवृत्ति कैसी होगी जैसे क्या आप सुबह जल्दी उठने की प्रवृत्ति वाले होंगे या रात्रि जागरण करेंगे। यह जैनेटिक वेरियेंट यह बताने में भी सहायक होता है कि व्यक्ति की दिन के लगभग किस समय मृत्यु होगी। आंतरिक बायोलाॅजिकल क्लाॅक मानव के जैव विज्ञान व व्यवहार का नियमन करती है जैसे- किसको किस समय सोना अधिक प्रिय है, ज्ञान प्राप्ति व अध्ययन के लिए श्रेष्ठतम समय और अन्य शारीरिक क्रियाओं के समय का निर्धारण आदि। एंड्रयू लिम के अनुसार यह जेनेटिक वैरियेंट रक्ताघात व दिल का दौरा जैसी घटनाओं के समय को भी निर्दिष्ट करता है। प्राॅफेसर लिम के ये शोध बड़े रोचक हैं।