फ्यूचर समाचार पत्रिका में पाठकों के लिए अक्तूबर 2010 अंक के साथ मुफ्त उपहार कष्टहर्ता नवदुर्गा कवच (लाॅकेट) दिया जा रहा है। जिसे श्रद्धापूर्वक धारण करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। मार्कण्डेय पुराण में नवदुर्गा के बारे में अनेक चमत्कारिक प्रयोग बताये गये हैं जिनमें से एक नव दुर्गा कवच है। इस कवच की श्रद्धा पूर्वक पूजा प्रतिष्ठा करने से मानव कल्याण एवं अनेक परेशानियों से छुटकारा मिलता है। मां भगवती के कई मूल मंत्रों को इस कवच में समाहित किया गया है जो इसकी विशेषता का प्रतीक है। नवदुर्गा लाॅकेट को कोई भी धारण कर सकता है।
उपयोग से लाभ: नवदुर्गा लाॅकेट को धारण करने से सब प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। लाॅकेट की पूजा विधि: नवदुर्गा लाॅकेट कवच को ईशान कोण पूर्व-उत्तर में रवि-पुष्य, गुरु-पुष्य, को नवरात्र में किसी भी दिन चतुर्दशी तिथि में शुभ नक्षत्र और योग के समय लाॅकेट को स्थापित करके पूजा करने से अति शीघ्र चमत्कारी फल प्राप्त होता है और जिस साधक को किसी भी प्रकार की नजर लग जाती है या अन्य किसी भी प्रकार का दोष हो तो उसे नवदुर्गा कवच का लाॅकेट धारण करना चाहिए।
लाल पेपर या कपड़े में लपेट कर साथ रखें और शुद्ध मंत्र पढ़े ताकि आपको सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिल सके। साथ ही दुर्गा कवच का पाठ करें। दुर्गा कवच पहनने के पश्चात् नित्य प्रति दुर्गा कवच के पाठ से सभी प्रकार से रक्षा होती है तथा सभी दुख, रोग, दारिद्रय और भय से मुक्ति मिलती है और जिस-जिस कामना को करते हैं वह पूरी होती जाती है तथा सब प्रकार से कल्याण होता है। मंत्र:ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।