गर्मी का वरदान: मड बाथ
गर्मी का वरदान: मड बाथ

गर्मी का वरदान: मड बाथ  

वीरेन्द्र अग्रवाल
व्यूस : 5770 | सितम्बर 2010

षरीर पंच तत्वों से मिलकर बना है जिसमें मिट्टी तत्व षरीर को षीतलता व षांति प्रदान करता है। मिट्टी जीवन का अस्तित्व है, इसका सीधा सम्पर्क षरीर व अंगों को नवजीवन देता है। गर्मी के दिनों में वातावरण का तापमान बढ़ जाने की वजह से षरीर को अत्यधिक गर्मी का अहसास होने लगता है और षरीर में मिट्टी तत्व की कमी होने पर घमोरियाँ, त्वचा का जलना, कालापन, मुहाँसे आदि तकलीफें बढ़ जाती हैं।

उसके लिए मिट्टी-स्नान लिया जाता है। मिट्टी की अपनी उपयोगिता है जो इसके गुण धर्म और महिमा को बढ़ा देती है।

गुण धर्मः मिट्टी में एक्टिनोमाइसिटेस नामक जीवाणु पाया जाता है। इन जीवाणुओं का व्यवहार व आचरण मौसम के अनुरूप होता है और ये जीवाणु पानी के सम्पर्क में आने पर तेज गति से वृद्धि करने लगते हैं। मिट्टी में जो सौंधी-सौंधी खुषबू आती है, वह इन्हीं जीवाणुओं के कारण आती है। एक्टिनोमाइसिटेस जीवाणु लाभप्रद जीवाणुओं की श्रेणी में आते हैं।

मड-बाथ: गर्मियों के दिनों में सम्पूर्ण षरीर का मड-बाथ षरीर में मिट्टी तत्व की कमी को पूरा करता है। सम्पूर्ण षरीर का मड-बाथ अस्थि-मज्जा को प्रभावित कर लाल रक्त कणिकाओं की संख्या में वृद्धि करता है। मड-स्नान से त्वचा की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जब षरीर की त्वचा पर लगभगं 1/2 इंच के आसपास मिट्टी की परत चढ़ाई जाती है तो त्वचा द्वारा आॅक्सीजन धारण करने की क्षमता बढ़ जाती है, फलस्वरूप षरीर का प्रत्येक रोम फेफड़ों तक आक्सीजन पहुँचाकर रक्त की षुद्धता को बढ़ाता है।


क्या आपकी कुंडली में हैं प्रेम के योग ? यदि आप जानना चाहते हैं देश के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से, तो तुरंत लिंक पर क्लिक करें।


ॅभ्व् के सर्वेक्षणों द्वारा साबित हो चुका है कि षुद्ध व ताजा मिट्टी कैन्सर, स्किन-सोरायसिस, एक्जिमा, क्षय-रोग आदि में तेज गति से लाभ पहुँचाती है, इसके साथ-साथ अनिद्रा व डिपे्रषन की स्थिति में मिट्टी सेरोटोनिन का स्त्राव बढ़ाकर गहरी नींद देती है।

मड पैक: किसी अंग विषेष को मिट्टी देना ही मिट्टी पट्टी या मड पैक कहलाता है, जैसे पेट की मिट्टी पट्टी, सिर की मिट्टी पट्टी आदि। मड पैक उस अंग को वही लाभ पहुँचाता है जो मिट्टी का गुणधर्म है। किसी अंग का निष्क्रीय या कमजोर हो जाने की स्थिति में उस अंग पर मड पैक उस अंग को नवजीवन प्रदान करता है। मिट्टी की अपनी उपयोगिता है और महानता भी। इसीलिए कहा गया है कि मिट्टी के अनुसार ही वीर और सपूत पैदा होते हैं। मिट्टी का उपयोग शरीर को जवां व सुन्दर बनाता है।

इसका प्रभाव पुरुषों की तुलना में स्त्रियों पर अधिक पड़ता है, कारण है स्त्री में प्रोजेस्ट्रान हार्मोन का स्त्रावण जो कि मिट्टी से अधिक प्रभावित होता है।

मिट्टी का उपयोग भिन्न-भिन्न तरीकों द्वारा करके महिलायें अपने को स्वस्थ, सुन्दर व जवां रख सकती हैं-

1. हल्की गीली मिट्टी में नंगे पैर चलकर यानि टहलना। (पैरों द्वारा मिट्टी का मिलन)

2. बर्तनों को मिट्टी से मांजकर। (इसमें एक पंथ दो काज वाली कहावत चरितार्थ है)

3. हाथों को मिट्टी से धोकर। (मिट्टी सबसे बड़ा ऐन्टीसेप्टिक है)

4. चेहरे पर मिट्टी का लेप लगाकर। (अधिक चिकनाई को सोखकर कील-मुँहासे आदि से निजात व रंग साफ होता है।)

5. सुबह खुली हवा में घूमकर। (अधिक आक्सीजन के अलावा शुद्ध हवा व मिट्टी का श्वांस से मिलन।)



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.