कई बार किसी व्यक्ति द्वारा बताई गई उक्तियां जादू का सा काम करती हैं। इसे ही अनुभव का तप कहा जाता है। कई दुर्लभ वस्तुएं यदि सुलभ हो जाएं तो दैनिक जीवन में उनसे लाभ प्राप्त किया जा सकता है, कैसे आइए जानें...
बिल्ली की नाल: बिल्ली जब बच्चा देती है तब बच्चे के साथ-साथ जेर बाहर होती है जिसे बिल्ली तुरंत खा लेती है। यदि किसी को यह जेर मिले तो वह धनवान हो सकता है क्योंकि इसमें लक्ष्मी प्राप्त कराने की अद्भुत शक्ति होती है। इसे सिंदूर में रंगकर सुरक्षित रख लें।
हत्थाजोड़ी: तंत्र साधना में प्रयुक्त होने वाली यह एक अति महत्वपूर्ण वस्तु है। कुछ लोगों का मानना है कि यह विरूपा नाम के पौधे से प्राप्त होती है। वहीं कुछ लोगों के अनुसार अपामार्ग से तो कुछ अन्य लोगों के अनुसार पटरागी जानवर की टांगों में मिलती है। हत्थाजोड़ी बहुत प्रभावशाली है। इसे प्राप्त कर किसी चांदी की डिबिया में भरकर रखें। इसमें भी लक्ष्मी प्राप्त कराने की शक्ति होती है।
आंवले का बांदा: आंवला वृक्ष का बांदा यदि मिले, तो उसे बड़ी ढक्कन वाली चांदी की डिबिया में शहद के साथ डुबो कर रखें। इसमें अचानक धन प्राप्त कराने की शक्ति होती है।
बड़ का बांदा: बड़ के वृक्ष का बांदा यदि मिले, तो उसे ग्यारह सफेद गुंजा के साथ शहद में डालकर रखें। इससे भी धन प्राप्ति संभव है।
गरुड़: गरुड़ वृक्ष दुर्लभ है और इसका बांदा अत्यधिक दुर्लभ है। रत्नों से कहीं ज्यादा प्रभावशाली फल इस बांदे का होता है। इसके जरिये कई प्रयोग किए जा सकते हैं जैसे वशीकरण, उच्चाटन, सर्प विष हरण, टोने, टोटके आदि। अचानक लक्ष्मी प्राप्त कराने की शक्ति भी इसमें होती है।
हरसिंगार का बांदा: हरसिंगार या हड़जोड़ के बांदे में हड्डी जोड़ने की शक्ति होती है। यदि किसी व्यक्ति का कोई अंग टूट जाए तो इस बांदे को कूटकर लगाने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। इसी कारण इसे ग्रामीण लोग हड़जोड़ भी कहते हैं। इसमें लक्ष्मी प्राप्ति कराने की महान शक्ति होती है। यह व्यक्ति को समृिद्धशाली बनाता है। इसे इक्कीस सफेद गुं¬ज्जाओं के साथ शहद में डुबो कर रखें। यह रत्नों से भी कहीं ज्यादा प्रभावशाली और कीमती है।
शादी विवाह में अड़चन: यदि किसी के विवाह में देरी हो रही है या फिर वैवाहिक जीवन में दरार आ जाए, तो इसके निवारण के लिए यहां कुछ तंत्र प्रयोगों का उल्लेख किया जा रहा है।
हरसिंगार के बांदे, को हल्दी में ऊपर से रंग कर पीले कपड़े में बाधकर रखने से उपर्युक्त समस्या का निवारण होता है। यह अनुभूत है। विवाह के बाद पति-पत्नी में दरार पड़ जाए तो हरसिंगार के बांदे को कू टपीसकर सुगंधित तेल में डालकर लगाने से उनमें आपसी प्रेम बढ़ता है। इसमें वशीकरण की शक्ति होती है।
बंध्या के भी पुत्र हो: यदि किसी का विवाह हुए कई साल बीत गए हांे और संतान न हो रही हो, तो यह पूर्णतः प्रमाणिक है। पीपल और थूहर के बांदों को पीसकर गाय के दूध में डालकर पीने से बंध्या स्त्री भी पुत्रवती हो जाती है। यदि अनार के बांदे से बना कवच धारण किया जाए तो और भी अच्छा है। इसके अतिरिक्त निम्नलिखित मानस मंत्र का जप करें।
ऐहि विधि गर्भसहित सवा नारी। भई हृदय हरषित सुख भारी।। जा दिन ते हरि गर्भहि आए। सकल लोक सुख संपति छाए।। इस मंत्र का रोज पूजा के समय कम से कम 108 बार जप करें।