मिश्रित ज्योतिषीय सामग्री
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मिश्रित ज्योतिषीय सामग्री  

फ्यूचर पाॅइन्ट
व्यूस : 2540 | जुलाई 2010

इस बार हम पाठकों के विशेष आग्रह पर लगभग सभी तरह की ज्योतिषीय सामग्री उपहार के रूप में दे रहे हैं। हर एक पत्रिका में अलग-अलग उपहार हंै। अतः पाठक अपनी पसंद के अनुसार उपहार सहित पत्रिका ले सकते हैं।

उपहार में दी गयी सामग्री का विवरण निम्नलिखित है-

- शंख माला: इस माला को शुद्ध जल से धोकर गले में धारण करें अथवा अपने पास रखें। इसके प्रभाव से मानसिक शांति प्राप्त होती है।

- अष्टधातु पिरामिड: इस पिरामिड को घर के उत्तर-पूर्व के कोने में रखें। इसके प्रभाव से घर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

- शनि की लोहे की अंगूठी: इस अंगूठी को शुद्ध जल से धोकर मध्यमा उंगली में शनिवार को धारण करें। इसके प्रभाव से शनि ग्रह शांत होता है।

- वशीकरण यंत्र: इस यंत्र को लाल अथवा पीले कपड़े में लपेट कर अपने पास रखें, इसके प्रभाव से मनोनुकूल व्यक्ति का वशीकरण होता है।

- स्फटिक/सफेद माला: इस माला पर चंद्र, शुक्र, लक्ष्मी आदि का मंत्र जप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

- गणपति की मूर्ति: इस मूर्ति को शुद्ध जल, गंगा जल से स्नान कराकर नित्य दर्शन पूजन करें। इसके प्रभाव से विघ्न बाधाएं दूर होती हैं।

- पंचमुखी रुद्राक्ष लाॅकेट: इस लाॅकेट को कच्चे दूध से धोकर सोमवार के दिन गले में धारण करें। इसके धारण करने से मन को शांति प्राप्त होती है।

- ओनेक्स रत्न: इस रत्न को चांदी अथवा पंचधातु की अंगूठी में बनाकर अथवा लाॅकेट में दायें हाथ की सबसे छोटी उंगली में बुधवार की सुबह धारण करें। इसे धारण करने से विद्या, बुद्धि, धन की प्राप्ति होती है।

- भाग्यशाली सिक्के: इन सिक्कों को अपने पास रखें अथवा गले आदि में धारण करें। इनके प्रभाव से भाग्य में उन्नति होती है।

- रुद्राक्ष ब्रेसलेट: इसे शुद्ध जल गंगाजल से शुद्ध करके दायें हाथ में सोमवार को धारण करें। इसे धारण करने से आत्मरक्षा होती है।

- लाल और पीले रंग का पिरामिड: इस पिरामिड को घर की दक्षिण या उत्तर दिशा में रखें। इसके प्रभाव से घर का वातावरण सुखमय बनता है।

- कालसर्प योग यंत्र कवच: इस यंत्र को दूध अथवा गंगा जल से धो कर शुभवार को गले में धारण करें। इसके प्रभाव से कालसर्प योग की शांति होती है।

- पांचमुखी रुद्राक्ष कवच: इस कवच को सोमवार को शुद्ध जल से धोकर गले में धारण करें इसके प्रभाव से जीवन में सकारात्मक भावना का विकास होता है।

- वाहन दुर्घटना नाशकयंत्र: इस यंत्र को गंगा जल से शुद्ध करके वाहन में लगाएं, इसके प्रभाव से वाहन दुर्घटना आदि से रक्षा होती है।

- सर्वविघ्न हरण माला: इस माला को बुधवार अथवा गुरुवार को गले में धारण करें इसके प्रभाव से सभी विघ्न बाधाओं की शांति होती है।

- शनि यंत्र को शनिवार के दिन कच्चे दूध से धोकर अपने घर के मुख्य द्वार के उपर लगाएं। इसके प्रभाव से घर की नजर दोष आदि से रक्षा होती है।

- सफेद कछुआ: कछुए को सोमवार के दिन अपने घर के उत्तर दिशा में रखें। उसके प्रभाव से घर में बरकत होती है।

- लैन्स: इस लैंस को अपनी आवश्यकता अनुसार उपयोग कर सकते हैं। हस्तरेखा देखने वाले लोगों के लिए यह उपयोगी है।

- अष्टधातु का कछुआ: इस कछुए को बृहस्पतिवार के दिन घर की उत्तर पूर्व दिशा में स्थापित करें। इसके प्रभाव से घर में स्थाई रूप से सुख शांति बनती है।

- पितृदोष एवं ऊपरी बाधा निवारण यंत्र: इस यंत्र को अमावस्या के दिन अपने घर में स्वच्छ करके घर में रखें। इसके प्रभाव से पितृदोष, प्रेत बाधा आदि से लाभ होता है।

- हनुमान जी की मूर्ति: इस मूर्ति को मंगलवार के दिन गंगाजल से धोकर तिलक करें धूप देकर पूजा स्थल अथवा अपने मुख्य दरवाजे के उपर स्थापित करें। इसके प्रभाव से घर में सुख शांति बढ़ती है।

- कुबेर यंत्र: इस यंत्र को शुद्ध करके धूप दीप आदि से पूजा करके अपनी तिजोरी में रखें। उसके प्रभाव से व्यापार में वृद्धि होती है।

- हनुमान लाॅकेट: इस लाॅकेट को पुरुष ही गले में धारण करें। मंगलवार के दिन शुद्ध करके हनुमान जी का स्मरण करके पहने। इसके प्रभाव से मनोबल में वृद्धि होती है।

- महामृत्युंजय लाॅकेट: इस लाॅेकेट को कच्चे दूध से धोकर सोमवार के दिन गले में धारण करें। इसके प्रभाव से जीवन, आयु आरोग्यता का लाभ होता है।

- कालसर्प यंत्र: इस यंत्र को सोमवार के दिन पूजा अर्चना करके घर में नित्य दर्शन पूजन करें। इसके प्रभाव से कालसर्प योग की शांति होती है।

- सफेद रंग का पिरामिड: इस पिरामिड को अपने घर में पूर्व एवं उत्तर दिशा में स्थापित करें। इसके प्रभाव से घर में वास्तुदोष आदि की शांति होती है।

- काले हकीक की माला: इस माला को शनि मंत्र अथवा राहु मंत्र का जप करने से लाभ होता है। इसको अपने पास रखने से नजर दोष आदि में भी लाभ मिलता है।

- तांबे का छल्ला: इस छल्ले को मंगलवार के दिन दायें हाथ की अनामिका उंगली में धारण करें। इसके प्रभाव से मंगल ग्रह की शांति होती है।

- वैजयन्तीमाला: इस माला को गंगा जल से शुद्ध करें, इस पर भगवान विष्णु का नाम जप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसे गले में धारण करने से मन को शांति प्राप्त होती है।

- कृष्ण मूर्ति लाॅकेट: इस लाॅकेट को कच्चे दूध से धोकर धूप-दीप से पूजन करके गले में धारण करें। इसे धारण करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।

- पाकुआ मिरर: इस अष्ट कोणीय पाकुआ मिरर को अपने घर के दक्षिण पूर्व कोने में स्थापित करने से वास्तुदोष की शांति होती है।

- पारद लाॅकेट: इस लाॅकेट को गंगाजल से धोकर गले में धारण करें। इसके प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आदि में लाभ होता है।



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