मंगल दोष के उपाय
मंगल दोष के उपाय

मंगल दोष के उपाय  

जय इंदर मलिक
व्यूस : 13921 | जुलाई 2015

मंगल स्तोत्र का जाप मंगल दोष परिहार में इस जाप का विशेष महत्व है। यदि कोई अन्य उपाय कर रहे हैं तो साथ में इस स्तोत्र का जाप जरूर करें। मंगलवार को इस स्तोत्र का पाठ विषम संख्या में 5-11-21 बार अवश्य करें। यह जाप शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को शुरू किया जा सकता है। विष्णु प्रतिमा विवाह यह उन कन्याओं के लिये है जिनकी कुंडली में यह दोष है। यदि किसी कन्या की कुंडली में यह दोष है तो उसे वैधव्य भोगना पड़ता है। इसलिये पीपल विवाह, कुंभ विवाह तथा विष्णु प्रतिमा विवाह की विशेष मान्यता है। भगवान विष्णु जीवन-मृत्यु के बंधन से दूर हैं इसलिये जिस कन्या की कुंडली में यह दोष होता है इस उपाय से वैधव्य योग समाप्त हो जाता है। इस विवाह को पूरी तरह गोपनीय रखना चाहिये अन्यथा फल प्राप्त नहीं होगा। यह केवल कन्या ही करे पिता की कोई भूमिका नहीं होती। विष्णु प्रतिमा विवाह में कन्यादान की जरूरत नहीं होती। विवाह के समय परिवार की महिलायें उपस्थित रहें।

यह विवाह पूरी तरह गोपनीय रखना चाहिये। जिस आचार्य से विवाह करवाना हो उसे इसके बारे में बता दें। मंगल रत्न इसका मुख्य रत्न मूंगा है। इसे 8 से 15 रत्ती का सोने या तांबे में जड़वायें और शुक्लपक्ष के प्रथम मंगलवार हनुमान जी के मंदिर में जाकर ।। ओम अं अंगारकाय नमः।। मंत्र का 11 बार जाप करके अंगूठी पर घुमाकर अनामिका में धारण करें। 9 दिन के बाद इसका प्रभाव शुरू हो जाता है। ध्यान रहे यदि पत्नी की कुंडली में मंगल दोष है तो पति को यह रत्न धारण करना चाहिये और यदि पति की कुंडली में यह दोष हो तो पत्नी को धारण करना चाहिए। मंगल व्रत मंगल दोष को समाप्त करने के लिये मंगलव्रत का भी विशेष महत्व है। यह व्रत शुक्लपक्ष के प्रथम मंगलवार से आरंभ करें। हल्का आहार जैसे फल, मावे की मिठाई, चूरमा आदि लिया जा सकता है। । ओम क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः की एक माला का जाप करें। मंत्र जाप के समय लाल रूमाल अवश्य रखें।

मंगलवार और बुधवार को ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें। इसके साथ यह धन, भवन, सुख-समृद्धि तथा मनचाही संतान भी देने वाला है। मंगल चण्डिका स्तोत्र मंगलदोष समाप्त करने के लिये मंगल चंडिका स्तोत्र का पाठ बहुत लाभदायक है। पंचमुखी दीपक जलाकर पाठ करें। यह 108 मंगलवार करें। 7 या 21 की संख्या हो। जितनी संख्या शुरू करें उतनी ही पूरी रखें, संख्या कम या अधिक नहीं होनी चाहिये। अंगारक स्तोत्र इस स्तोत्र का पाठ करने से दूषित प्रभाव समाप्त हो जाता है। इस स्तोत्र का पाठ रोज या हर मंगलवार करें। मंगल के 108 नाम मंगल दोष को समाप्त करने के लिये मंगल के 108 नामों का उच्चारण बहुत लाभदायक होता है। प्रतिदिन 108 नामों का पाठ करने से मंगल दोष का परिहार हो जाता है। इससे दांपत्य जीवन सुखी हो जाता है। मंगल दोष मुक्ति के लिए लग्नानुसार उपाय मंगल दोष से मुक्त होने के लिए शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार को करें। जो उपाय शनिवार को करने हैं वह शनिवार से शुरू करें।

1. प्रत्येक शनिवार को हनुमानजी की तस्वीर के आगे चमेली के तेल का दीपक जलायें और सुंदर कांड का पाठ करें।

2. अभिमंत्रित मंगल यंत्र गले में धारण करें।

3. यदि पत्रिका में मंगल कारक हो तो त्रिकोण मूंगा धारण करें।

4. त्रिधातु का कड़ा कन्या बायें हाथ में और पुरूष दायें हाथ में धारण करें।

5. 750 ग्राम गुड़ की रेवड़ी बहते जल में प्रवाह करें। यह 3 मंगलवार करें।

6. घर के दरवाजे पर चांदी की कील ठुकवायें।

7. 900 ग्राम लाल मसूर की दाल लाल वस्त्र में बांध कर तीन मंगलवार किसी युवा गरीब को दें।

मेष लग्न:

1. लाल रूमाल सदैव अपने पास रखें।

2. दक्षिणमुखी मकान में न रहें।

3. मंगलवार को किसी 9 वर्ष की कन्या को मीठा खिलायें।

वृषभ लग्न:

1. पत्नी को चांदी की चूड़ी पर लाल रंग करवा कर धारण करवायें।

2. श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।

3. मांस-मदिरा से दूर रहें।

4. किसी विधवा की सेवा करते रहें।

5. घर में नौकर को समय से वेतन देते रहना चाहिये।

मिथुन लग्न:

1. किसी से मुफ्त की वस्तुएं न लें चाहे वह उपहार ही क्यांे न हो।

2. भतीजों से प्रेम करें।

3. मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में लड्डू का भोग लगायें।

कर्क लग्न:

1. श्री हनुमान जी का कोई पाठ या मंगल स्तोत्र का पाठ करें।

2. मंगलवार को मीठा व्रत रखें।

3. सोते समय तांबे के बर्तन में जल रखें तथा सुबह खाली पेट ग्रहण करें।

सिंह लग्न:

1. झूठी गवाही कभी मत दें।

2. निर्बल पर अत्याचार न करें।

3. माता- मौसी की सेवा करें।

कन्या लग्न:

1. हाथी की कोई तस्वीर घर में न रखें।

2. किसी से दान न लें।

3. बड़े भाई, ताऊ व मामा की सेवा करें।

4. शहद व सिंदूर बहते जल में प्रवाहित करें।

5. किसी निर्जन स्थान में मिट्टी से दीवार बनाकर स्वयं गिरायें।

6. बुआ, मौसी अथवा साली के घर जायें तो मिठाई लेकर जायें।

तुला लग्न:

1. मंगलवार को मीठा भोजन गरीबों को खिलायें।

2. गायत्री मंत्र का जाप करें।

3. दूध से बने हलवे को गरीबों में बांटें।

4. मंगलवार को बजरंगबाण का पाठ करके हनुमान जी के मंदिर में प्रसाद बांटें।

5. तंदूर की मीठी रोटी कुत्ते को दें।

वृश्चिक लग्न:

1. लाल रूमाल हमेशा अपने पास रखें।

2. सुबह उठ कर शहद चाटें।

3. भतीजों से विशेष प्रेम करें।

4. किसी से अपशब्द न बोलें।

5. शहद व सिंदूर जल में प्रवाहित करें।

धनु लग्न:

1. मांस, जुआ, तामसिक भोजन से दूर रहें।

2. मंगलवार को कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं।

3. दक्षिणमुखी मकान में न रहें।

मकर लग्न:

1. लाल रंग और इससे मिलते रंग के वस्त्र धारण करें।

2. मेहमानों को मीठा खिलायें।

3. काले व काने व्यक्ति से दूर रहें।

कुंभ लग्न:

1. हनुमान चालीसा की पुस्तक का दान करें।

2. निर्बलों की सहायता करें।

3. मंगलवार व शनिवार को पीपल को जल दें।

मीन लग्न:

1. मुफ्त की कोई वस्तु न लें।

2. मद्यपान से दूर रहें।

3. मंगलवार को हनुमानजी को चोला चढ़ायें।

4. घर में कोई जंगवाला पुराना हथियार न रखें।

5. शहद व केसर का सेवन करें।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.