बिगड़ते प्रेम-संबंध एवं हस्त रेखाएं भारती आनंद किसी शायर ने सच ही कहा है, ‘‘कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता’ कभी जमीं तो कभी आसमां नहीं मिलता’’। यह जिंदगी की हकीकत मनुष्य के जीवन के हर पहलू पर लागू होती है। प्रेम-संबंधों के मामले में भी इसकी अहमियत कम नहीं है। क्या आपने कभी सोचा है, ऐसा क्यूं होता है? जब कोई लड़का-लड़की या स्त्री-पुरुष गहरे प्रेम में होते हैं और आपसी संबंधों को नाम देने की सोचते भी हैं तो वक्त और हालात के कारण कभी-कभी अलग-अलग हो जाते हंै। फिर सारी जिंदगी इस बात का जवाब नहीं मिल पाता है कि हमारे साथ ही ऐसा क्यूं हुआ? लेकिन, सामान्यतः लोग हालात को ही सबसे दोषी ठहराते हैं। दरअसल, इसका सबसे बड़ा कारण हाथों की रेखाओं में दोष और ग्रहों का दुष्प्रभाव होता है। प्रेम करने वाले कई जातकों के हाथों का अध्ययन बताता है कि यदि - Û भाग्य रेखा पर द्वीप हो, शुक्र पर्वत उठा हो, शुक्र पर्वत पर तिल हो तो भी प्रेम-संबंध बिगड़ जाते हैं। ऐसे जातकों के प्रेम को इनके परिवार के सदस्य समझ ही नहीं पाते हैं और इनके संबंधों को हमेशा अनुचित मानते हैं। ऐसी स्थिति में कई बार परिवार में कलह भी होता है। यह भी सच है कि ऐसे कुछ व्यक्ति ही अपने रिश्तों को अंजाम तक पहुंचा पाते हैं। उपाय:- इस प्रकार के दोष को रोकने के लिए शुद्ध पारे के शिवलिंग की आराधना शिव रुद्राष्टकम् पढ़कर करनी चाहिए। Û हृदय रेखा टूटी-फूटी हो या हृदय रेखा पर द्वीप हो, जीवन रेखा को मोटी-मोटी रेखाएं काटती हों, शुक्र पर्वत व चंद्र पर्वत अत्यधिक विकसित हों तथा भाग्य रेखा जीवन रेखा के साथ हो तो जातक को अपना मनपसंद जीवन साथी नहीं मिल पाता है। उपाय:- इस दोष को दूर करने के लिए शिव पार्वती का चित्र स्थापित करें, जोत जलाकर पारे के शिवलिंग का स्पर्श करें व शिव मंत्र का जाप करें।। Û हृदय रेखा से शाखाएं मस्तिष्क रेखा में मिलती हों, मस्तिष्क रेखा चंद्र पर्वत पर जाती हांे, शुक्र पर्वत पर अधिक रेखाएं हों, गुरु की अंगुली सूर्य की अंगुली से छोटी हो तथा हाथ मध्यम श्रेणी का हो तो जातक का प्रेम-संबंध अक्सर बिगड़ जाता है। उपाय:- इस दोष को दूर करने के लिए पारे की माला पहननी चाहिए व शिव-पार्वती की आराधना मंत्र उच्चारण के साथ करनी चाहिए। Û हाथ का रंग काला हो, हृदय रेखा का अंत सीधे गुरु पर्व के नीचे हो, हाथ में रेखाएं कम व हाथ सख्त हो तो परिवार के सदस्य ऐसे जातकों के प्रेम को बढ़ने नहीं देते हैं और प्रेमी-प्रेमिका में भी अक्सर झगड़ा ही होता रहता है। उपाय:- यह दोष हाथ में बहुत ही बुरा माना जाता है। इसके लिए नव ग्रह-पूजन व पारे के शिवलिंग की विधिवत पूजा करने से ही राहत मिल सकती है। Û हाथ सख्त हों व अंगुलियां अंगूठे के की तरफ हां े तो भी जातक के जीवन मंे प्रत्येक संबंध को लेकर खट-पट चलती रहती है। उपाय:- रोजाना नव ग्रहों का जाप व पारे से बनी किसी देवी की मूर्ति की आराधना विधिपूर्वक करने से इस दोष से निजात मिलती है। Û भाग्य रेखा व हृदय रेखा मोटी हो, गुरु की अंगुली छोटी, मस्तिष्क रेखा का अंत चंद्र पर्वत पर, हाथ सख्त व काला हो तो ऐसे लोगों की बात-बात में झगड़ने की आदत के कारण संबंध टूट जाते हैं। उपाय:- ऐसे जातकों को मंगल यंत्र की स्थापना के साथ-साथ पारे के शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। Û शनि की अंगुली व बुध की अंगुली तिरछी हांे, मंगल ग्रह और बुध ग्रह पर रेखाओं का जाल अधिक हो तो भी प्रेम संबंधों में कई प्रकार की रुकावटें आती हैं। उपाय:- इस दोष को दूर करने के लिए शनि ग्रह का उपाय दान करें व छल्ला धारण करने के साथ पारे के शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। Û हृदय रेखा से शाखाएं नीचे की तरफ गिरती हों, भाग्य रेखा टूटी-फूटी या मोटी पतली हो, मंगल क्षेत्र पर मोटी रेखाएं हों, गुरु पर्वत व बुध पर्वत दबे हांे तो भी प्रेम-संबंध अक्सर बिगड़ते ही पाये गये हैं। उपाय:- इस दोष की पूर्ति के लिए पारे की माला व पारे के शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए व नित्य सूर्य व चंद्र को अघ्र्य भी देना चाहिए। इस प्रकार, हाथ में कोई दोष नजर आए तो उनका उपाय करके व्यक्ति अपने जीवन को सुखमय बना सकता है।