लोकसभा चुनाव 2014
लोकसभा चुनाव 2014

लोकसभा चुनाव 2014  

डॉ. अरुण बंसल
व्यूस : 35113 | अप्रैल 2014

चुनावी मौसम में स्वतंत्र भारत की जन्म पत्री में गुरु छठे भाव में तुला राषि में स्थित हैं जिसपर गोचरीय शनि व गुरु के प्रभाव से गुरु ग्रह सक्रिय हो गया है जिसके फलस्वरूप आने वाली सरकार ईमानदारी पूर्वक नैतिक मूल्यों का निर्वहन करने का प्रयास करेगी तथा भारत की सभ्यता और संस्कृति के खोए हुए गौरव को पुनर्जीवित करेगी।

भारतवर्ष की जन्मपत्री में पराक्रम व प्रभाव का प्रतिनिधित्व करने वाला तृतीय भाव विषेष प्रबल है इसलिए एक ऐसी पार्टी या नेता भारत का सही मार्ग दर्षन कर सकता है जिसकी जन्मपत्री में तृतीय भाव बली हो। भारतीय जनता पार्टी की कुण्डली में तृतीय भाव बली होने के कारण यह अपेक्षा की जा सकती है। मार्च में दो मुख्य ग्रह शनि एवं गुरु की स्थिति में परिवर्तन आया है।

शनि 2 मार्च को वक्री हो गए हैं जो 21 जुलाई को मार्गी होंगे तथा गुरु 6 मार्च से मार्गी हो गये हैं जो 7 नंवबर 2013 से अभी तक वक्री चल रहे थे। इन दो मुख्य ग्रहों की स्थिति में यह बदलाव आगे के चुनावी युद्ध में अहम परिवर्तन लाने वाला है। अनेक समीकरण बदलेंगे व कुछ व्यक्ति व पार्टियां मुख्य स्थान प्राप्त कर लें व कुछ अन्य व्यक्ति व पार्टियां अपने बने बनाए स्थान को खो दें तो इसमें कोई बड़े आष्चर्य की बात नहीं होगी।

सर्वप्रथम कांग्रेस (आई) की पत्री को देखें तो इसमें शनि दषम भाव में गोचर कर रहा है और वक्री होने के कारण इसका रुख चन्द्रमा की ओर हो जाता है जो चिन्ता के साथ सकारात्मक परिणाम देने में सक्षम है। इसी प्रकार राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की कुण्डलियों में भी साढ़े-साती चल रही है जिसमें राहुल गांधी की पत्री में शनि जन्मकालीन चन्द्रमा के अधिक निकट जा रहा है इसलिए कांग्रेस में राहुल गांधी का वर्चस्व बना रहेगा। कुल मिलाकर इनकी स्थिति में मौजूदा आकलन से सुधार होगा और सौ से अधिक सीटें भी मिल सकती हैं लेकिन सत्ता के सुख से वंचित रहना पड़ेगा क्योंकि कांग्रेस पार्टी पर शनि का प्रभाव कम हो रहा है।


जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें !


बी.जे.पी, नरेन्द्र मोदी व राजनाथ सिंह की पत्री में साढ़े-साती चल रही है और अपने चरम पर है अतः इनको सीटों का और लाभ होगा। चुनाव के उपरान्त राजनाथ सिंह व नरेन्द्र मोदी इन दोनांे की कुण्डलियों में भाग्य गुरु भाव में गोचर करेगा जिसके परिणामस्वरूप इनके कद में बढ़ोतरी होगी। सितारों की यह चाल बी.जे.पी को सत्ता में आते हुए दिखा रही है। बी.जे.पी को 200 से अधिक सीटें प्राप्त होने की संभावना है।

आम आदमी पार्टी उस समय राष्ट्रीय राजनीति में एक बुलन्द आवाज बन गयी जब शनि मार्गी व गुरु वक्री था। अब इन दोनों ग्रहों की चाल बदल चुकी है शनि वक्री व गुरु मार्गी हो चुके हैं जिसके परिणामस्वरूप आगामी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्षन गिरेगा और इन्हें अपेक्षाकृत बहुत कम सीटें प्राप्त होंगी। अरविन्द केजरीवाल की जन्मपत्री में भी शनि नीच व वक्री होकर द्वादषस्थ है इसलिए इन्हें शनि के वक्री होने का अपेक्षाकृत अधिक नुकसान सहना पड़ेगा। उपरोक्त गुरु और शनि के प्रभाव को अन्य पार्टियों में तृणमूल कांग्रेस की ममता बैनर्जी को सर्वाधिक लाभ मिलने वाला है। इन्हें लोकसभा में अधिक सीटें मिलने की सम्भावना है।

इसी प्रकार रामविलास पासवान भी पहले से अधिक बेहतर प्रदर्षन कर पाएंगे। मुलायम सिंह यादव भी बेहतर प्रदर्षन कर सकते हैं। नितीष जी जितने कमजोर दिख रहे हैं उससे अधिक बेहतर तो अवष्य करेंगे लेकिन कुछ विषेष अच्छा कर पाएंगे इसमें सन्देह है। परन्तु लालू जी का पत्ता ही साफ हो जाएगा। चन्द्रबाबू नायडू, जयललिता, मायावती व शरद पवार जैसे नेताओं का वर्चस्व आगामी तीन महीनों में घटता हुआ प्रतीत होता हैै।

अतः यह अधिक सीटें प्राप्त करने में सक्षम न हो सकेंगे। कुल मिलाकर बी.जे.पी सत्ता में आने के कगार पर है और अनेक सहयोगी दल भी इसके बढ़ते वर्चस्व का लाभ उठाएंगे। जिनका समय खराब होने वाला है, वे दल किसी न किसी कारणवष बी.जे.पी से करार कर पाने में असमर्थ रहेंगे।


For Immediate Problem Solving and Queries, Talk to Astrologer Now


अपील- अधिकांष पाटियां ैमबनसंतपेउ के नाम पर केवल डपदवतपजल ब्संेेमे को लुभाने में लगी रहती है। कांग्रेस सरकार ज्योतिष शास्त्र को भगवाकरण के नाम पर अछूत मानकर ठुकराती रही है। आप के केजरीवाल ज्योतिषियों के कहे अनुसार चाहे नीला वस्त्र, नीला मफ्लर, नीला स्वैटर व नीली गाड़ी ही प्रयोग करते रहे हों लेकिन ज्योतिष उनकी नजर में भी एक अन्धविष्वास मात्र है, इसलिए उन्होंने शपथ ग्रहण के समय अपना मुहूर्त नहीं संषोधित कराया और अष्टम चन्द्रमा के समय शपथ ग्रहण की जिसका नुकसान उनको सत्ता से वंचित होकर चुकाना पड़ा।

28.12.2013 को 11ः59 बजे रामलीला मैदान, दिल्ली में उनके शपथ ग्रहण करने के समय चन्द्रमा अष्टम भाव में राहु व शनि के मध्य यानि पापकर्तरी योग से पीड़ित था। ज्योतिष के अनुसार इससे अधिक नेष्ट काल और नहीं होती। भारतीय वैदिक संस्कृति का नेत्र ज्योतिष विज्ञान एक पूर्ण विज्ञान है जिसे काल व उपेक्षा ने बढ़ने नहीं दिया।

1999 से 2004 तक के बी.जे.पी के शासन काल में ज्योतिष में एक जागृति की लहर दिखी थी जब इसे मुरलीमनोहर जोषी जी द्वारा विष्वविद्यालय में एक पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किया गया लेकिन षिक्षित व्यक्तियों के अभाव के कारण अनेक विष्वविद्यालय चला नहीं पाए यदि ज्योतिष बन्धुओं को ज्योतिष के गौरव को पुनर्जीवित करना है तो उन्हें ऐसी पार्टी को वोट देना चाहिए जो ज्योतिष के लिए सकारात्मक प्रयास करती रही है।

इतना ही नहीं, उन्हें प्रत्येक ज्योतिषी की अपनी यजमान शृखंला होती है और अपने यजमानों की बुद्धि पर पकड़ होती है अतः उन्हें चाहिए कि वह उन्हें समझाकर इस लाभदायक वैदिक ज्ञान के पुनर्रुद्धार के लिए जनता को प्ररित करें और इस वैदिक षिक्षा यज्ञ में अपना अंषदान करें।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.