संपूर्ण फलदायक त्रिशक्ति कवच लॉकेट आचार्य रमेश शास्त्राी फ्यूचर पॉइंट, दिल्ली अतिविशिष्ट, अलौकिक एवं अद्भुत ईश्वरीय शक्ति से युत त्रिशक्ति कवच अथवा लॉकेट को धारण कर अपार धन-संपदा एवं सुख-समृद्धि पाएं 'सर्वेगुणाः कांचनमाश्रयन्ते'- शास्त्र वचन के अनुसार जो व्यक्ति धन-संपदा से संपन्न होता है वह समाज की दृष्टि में सर्वगुण संपन्न माना जाता है। आज प्रत्येक व्यक्ति आर्थिक रूप से संपन्न होना चाहता है। ऐसी स्थिति में यह लॉकेट धारण करना लक्ष्मी वृद्धि में विशेष लाभदायक है। धन संपदा आज के भौतिकवादी एवं महानगरीय जीवनशैली की प्रमुख शर्त बन गई है और जरूरत भी। धन संपदा होगी तभी आप सुख-समृद्धि पा सकेंगे। धन-संपदा नहीं है तो कदम-कदम पर आपको विभिन्न कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। इसके अभाव में पारिवारिक जीवन छिन्न-भिन्न हो जाता है। धन-संपदा नहीं हो, आय नहीं हो तो स्वयं का कैरियर एवं संतान की शिक्षा-दीक्षा विशेष रूप से प्रभावित होती है। ऐसे ही जीवन की तमाम समस्याओं, बाधाओं आदि से मुक्ति, सतत सफलता एवं अपार धन-संपदा पाने के लिए शास्त्रों में वर्णित विधि से निर्मित इस त्रिशक्ति लॉकेट या कवच को किसी शुभ मुहूर्त में धारण करें। आप पर त्रिदेवी श्री लक्ष्मी, श्री दुर्गा एवं श्री सरस्वती की कृपा निरंतर बनी रहेगी। यह लॉकेट मूंगा, मोती और पीतांबरी इन तीन रत्नों को एक साथ जोड़कर बनाया गया है। मूंगा मंगल का रत्न है। मंगल ग्रह शक्ति एवं साहस का प्रतीक है। मूंगा धारण करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, कार्यों में मन लगता है तथा परिश्रम का उत्तम फल प्राप्त होता है। मोती चंद्रमा का रत्न है। मोती रत्न का लक्ष्मी के साथ विशेष संबंध है, क्योंकि इन दोनों की उत्पत्ति समुद्र से ही हुई है। यह रत्न लक्ष्मी वृद्धि में विशेष सहायक है। मन के कारक ग्रह चंद्र का रत्न होने के कारण मोती मानसिक शांति भी प्रदान करता है। पीतांबरी रत्न बृहस्पति ग्रह का उपरत्न है। बृहस्पति धन एवं विद्या का कारक ग्रह है। इस रत्न को धारण करने से विद्यार्थियों को ज्ञान, सरकारी नौकर को सम्मान और व्यापारी को धन की प्राप्ति होती है तथा आय के नवीन स्रोतों में वृद्धि होती है। इन तीनों रत्नों से बने लॉकेट को गले में धारण करने से जीवन में आर्थिक सम्पन्नता बनी रहती है। इसे धारण करने से न सिर्फ लक्ष्मी की प्राप्ति होती है बल्कि यद्गा, कीर्ति, सुख स्वास्थ्य, विद्या, शत्रु विजय एवं हर कार्य में सफलता भी मिलती है। इस लॉकेट को धारण करने वालों को अपार लोकप्रियता और समाज में प्रतिष्ठा मिलती है और हर प्रकार की बाधाएं एवं दरिद्रता दूर होती है। धारण विधि : इस लॉकेट को सोमवार या गुरुवार के दिन या किसी सिद्ध मुहूर्त में सुबह स्नानादि करके पंचामृत से धोकर तथा पूजन आदि करके धारण करें। इच्छित फल प्राप्ति के लिए प्रतिदिन 108 बार निम्न में एक या अनेक मंत्रों का जप करें और सुखद जीवन व्यतीत करें। जप के लिए विभिन्न मंत्र (धन संपदा एवं समृद्धि के लिए): ¬ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः। (स्वास्थ्य वृद्धि के लिए): ¬त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम् पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ (विद्या प्राप्ति के लिए): ¬ह्रीं ऐं ह्रीं ¬सरस्वत्यै नमः। (विजय प्राप्ति के लिए): सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वाथसाधिके शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते। (नवग्रह शांति के लिए): ¬ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु शशि भूमि सुतो बुधश्च गुरुश्च शुक्रः शनि राहु केतवः सर्वे ग्रहाः शान्ति करा भवन्तु। (शांति के लिए): ¬नमः शिवाय। (पुत्र प्राप्ति के लिए): ¬देवकीसुतगोविंद वासुदेवजगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः॥ (पत्नी प्राप्ति के लिए): पत्नीं मनोरमां देहि, मनोवृत्तानुसारिणम्। तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भ्भवाम्॥ (वर प्राप्ति के लिए): कात्यायनि महाभाये महायोगिन्य धीश्वरि! नन्दगोपसुतं देवं पतिं मे कुरु ते नमः। (बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए): सर्वाबाधा-विनिर्मुक्तो, धनधान्यसमान्वितः। मनुष्यो त्वत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः॥