फेंगशुई के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के लिए उसकी जन्म तिथि के अनुरूप चार दिशाएं शुभ होती हैं और चार अशुभ। फेंगशुई का पिछले दस सालों से हमने प्रयोग करना शुरू किया एवं पाया कि फेंगशुई अंक शास्त्र का सामंजस्य करने से अति लाभ प्राप्त होता है।
इस शास्त्र में व्यक्ति को दो वर्गों पूर्व और पश्चिम में बांटा जाता है। इस चीनी अंक शास्त्र का लाभ उठाने हेतु सबसे पहले हमें अपने भाग्यशाली अंक, जो हमारे जन्म वर्ष पर आधारित होता ह,ै का े निकालना चाहिए। भाग्यशाली अंक निकालने हेतु पुरुष अपने जन्म वर्ष को एकल अंक प्राप्त होने तक जोड़ें।
इस एकल अंक को 11 में से घटाएं। (11 - जन्मवर्ष फार्मूला है) उदाहरणस्वरूप जिस पुरुष की जन्म तिथि 13.12.1954 हो उसका भाग्यशाली अंक होगा 11.;1़9़5़4द्धत्र 11.;19द्ध त्र11.;1़9द्ध त्र 11.;10द्धत्र1ए अर्थात 1954 में जन्मे पुरुषों का भाग्यशाली अंक 1 होगा। स्त्रियां अपना भाग्यशाली अंक निकालने के लिए अपने जन्म वर्ष को एकल अंक तक जोड़ कर इसमें 4 जोड़ें।
उदाहरणस्वरूप जिस स्त्री की जन्मतिथि 5.5.1955 हो उसका भाग्यशाली अंक होगा 4़;1़9़5़5द्ध त्र 4़;20द्ध त्र 4़2त्र6 अर्थात 1955 में जन्मी स्त्रियों का भाग्यशाली अंक छः (6) होगा। चीनी कलेंडर हर वर्ष 5 फरवरी के आस पास बदलता है जिसकी विवरण तालिका आगे दी जा रही है।
इसके अनुसार चीनी कलेंडर बदलने की तिथि से पहले जन्मे लोग अपना भाग्यशाली अंक निकालने हेतु पहला वर्ष प्रयोग करें। उदाहरण् ास्वरूप 1960 में चीनी कलेंडर 28 जनवरी को बदल रहा है। अतः 27 जनवरी 1960 या उससे पहले किसी तिथि को जन्मे किसी व्यक्ति को भाग्यशाली अंक निकालते वक्त 1959 का प्रयोग करना चाहिए।
तालिका 1 में जन्म वर्ष और चीनी वर्ष शुरू होने की तिथियों का विवरण दिया गया है। अपना भागयशाली अंक प्राप्त करने के पश्चात आप अपनी शुभ एवं अशुभ दिशाओं का प्रयोग अपने नित्य जीवन में कर के लाभ उठा सकते हैं। अपने कक्ष का द्वार चयन करने हेतु, सिरहाने का तकिया लगाकर सोने हेतु, कार्यालय में बैठने एवं देखने की दिशा निर्धारित करने हेतु चार शुभ दिशाओं का प्रयोग करने से सफलता और ध् ान की प्राप्ति हो सकती है। स्वास्थ्य अनुकूल और पारिवारिक सुखमय हो सकता है।
तालिका 2 में शुभ दिशा, स्वास्थ्य, धन एवं प्रसन्नता आदि का विवरण दिया गया है। इस शास्त्र के अनुसार पूर्व वर्ग हेतु शुभ दिशाएं हैं पूर्व, उत्तर, दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व और पश्चिम वर्ग हेतु शुभ दिशाएं हैं दक्षिण पश्चिम, उत्तर पश्चिम, पश्चिम एवं उत्तर पूर्व। पूर्व चयन करें। चार अशुभ दिशाओं के बारे में जानकारी तालिका 3 से मिलती है।
आप इन दिशाओं का प्रयोग अपने नित्य जीवन में कम से कम करके छोटे-छोटे नुकसानों, धन हानि, षड्यंत्रों एवं मृत्यु तुल्य कष्टों से बच सकते हैं। उदाहरणस्वरूप दिल्ली में 17.10.1985 को जन्मे एक व्यक्ति का भाग्यशाली अंक फेंगशुई अंकशास्त्र है जो इसके लिए छोटी दुर्घटनाएं, धन हानि एवं मानसिक तनाव देने की दिशा है। अतः इसके लिए मुंबई जाना ही सुखदायक रहेगा।
इस प्रकार फेंगशुई अंक शास्त्र के प्रयोग से किसी व्यक्ति विशेष के लिए शुभ दिशाओं का प्रयोग करके उसके जीवन को सुखमय, शांतिमय एवं समृद्धिशाली किया जा सकता है। अगर वर्ग के अंतर्गत भागयशाली अंक 1, 3, 4, 9 जबकि पश्चिम वर्ग के अंतर्गत भाग्यशाली अंक 2, 5, 6, 7 एवं 8 आते हैं। अंक 5 को छोड़कर अन्य सभी भाग्यशाली अंकों को स्त्रियों और पुरुषों के लिए समान दिशा दी गई जबकि अंक 5 हेतु स्त्रियों एवं पुरुषों हेतु अलग-अलग दिशा तालिकाएं दर्शाई गई हैं।
उसी के अनुरूप अपनी भाग्यशाली दिशा का के अनुसार 11.;1़9़8़5द्धत्र 11.;23द्ध त्र11.;2़3द्ध त्र 11.5त्र6 होगा। इसे नौकरी हेतु मुंबई एवं मद्रास दोनों नगरों से ही अवसर प्राप्त हो रहे हैं। यह पुरुष पश्चिम वर्ग का है। मुंबई दिल्ली से पश्चिम, दक्षिण पश्चिम में पड़ती है जो इसकी सफलता, धन प्राप्ति एवं प्रेम, शादी, वंश वृद्धि एवं परिवारिक सामंजस्य की दिशा है।
मद्रास दिल्ली से दक्षिण में पड़ता आपके शयन कक्ष का द्वार आपकी अशुभ दिशा में है तो आप चिंतित न हों बल्कि अपनी सोने की दिशा सही करके इस शास्त्र का प्रयोग करें। कार्यालय में भी अगर आप अपनी अशुभ दिशा में बैठे हैं तो अपने देखने की दिशा अपनी शुभ दिशा की ओर करके बैठें।
अब कहीं भी कभी भी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषाचार्यों से। अभी परामर्श करने के लिये यहां क्लिक करें।