लाल किताब के नियमानुसार शुक्र खाना नं. 9 में शादी के सुख के लिए अच्छा नहीं माना जाता बल्कि हलचल भरी शादी का कारण बनता है। यह स्थिति और भी खराब हो जाती है जब शुक्र खाना नं. 9 वाले जातक के घर में आने का द्वार दक्षिण की ओर होता है। उदाहरण के लिए भगवान राम के टेवे में शुक्र खाना नं. 9 में उच्च का होकर पड़ा है। जिस कुटिया से सीता का अपहरण हुआ उसका द्वार दक्षिण दिशा की ओर था।
- अगर टेवे में सूर्य व शुक्र इकट्ठे हों तो व्यक्ति की शादी सूर्य की आयु (22 साल) या फिर शुक्र की आयु (25वें साल) में होती है तो तलाक या अलग होने का योग बनता है।
- अगर टेवे में चंद्रमा खाना नं. 1 में हो तो चंद्रमा की आयु (25वें वर्ष) में शादी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि चंद्रमा खाना नं. 7 को देखता है जो कि शुक्र है और शुक्र व चंद्रमा में शत्रुता है।
- अगर राहु टेवे के खाना नं. 7 में हो तो 21वें साल में की गई शादी दुर्भाग्यपूर्ण साबित होगी।
- शनि टेवे के खाना नं. 6 में हो तथा शुक्र खाना नं. 2 या 12 में हों तो पत्नी/पति की आयु को खतरा बना रहता है।
- शुक्र टेवे में जिस खाने में हो, उससे अगले (दूसरे) या पिछले (बारहवें) खाने में अशुभ ग्रह हों तो तलाक की संभवना रहती है। बुध को लाल किताब में अशुभ ग्रह माना गया है।
- जिस व्यक्ति के टेवे में बुध खाना नं. 6 में हो उसे अपनी कन्या उत्तर दिशा में रहने वाले व्यक्ति को नहीं ब्याहनी चाहिए, वर्ना लड़की शादी के बाद दुःखी रहेगी।
- जिस व्यक्ति के टेवे में चंद्रमा खाना नं. 11 में हो उसे अपनी लड़की का कन्यादान सूर्योदय के समय नहीं करना चाहिए वर्ना बाप-बेटी दोनों दुःखी रहते हैं क्योंकि यह समय केतु से प्रभावित होता है।
- सूर्य, राहु व बुध की युति टेवे में हो तो जातक की एक से अधिक शादियां होंगी और सभी दुःखपूर्ण रहेंगी।
- अगर सूर्य खाना नं. 6 में और शनि खाना नं. 12 में हो तब भी एक से अधिक शादियों की संभावना रहती है।
उपाय
ग्रहों की शांति व खुशहाल शादी के लिए नीचे लिखे उपाय, ग्रहों के अनुसार हैं। उपाय कन्या द्वारा किये जाने चाहिए।
- यदि टेवे में बृहस्पति खराब हो तो शादी के वक्त कन्या को अपने माता पिता से सोने के दो चैकोर टुकड़े लेने चाहिए। एक अपने पास रखें और दूसरा पानी में बहाएं। वजन कितना भी हो सकता है। किसी कारण पास रखा टुकड़ा यदि खो जाए तो एक और टुकड़ा अपने मां-बाप से लेना चाहिए परंतु दूसरी बार पानी में बहाने की आवश्यकता नहीं।
- यदि टेवे में सूर्य खराब हो तो सूर्य की धातु यानी तांबे के दो टुकड़े उपर्युक्त विधि से इस्तेमाल करने चाहिए।
- यदि टेवे में चंद्रमा खराब हो तो उपर्युक्त विधि द्वारा सच्चे (2) मोतियों का इस्तेमाल करना चाहिए। किसी कारणवश मोती न मिल सके तो ससुराल से लड़की के वजन के बराबर चावल या फिर चांदी के बर्तन में गंगाजल लेकर ससुराल में रखना चाहिए।
- शुक्र के टेवे में खराब होने की अवस्था में सफेद रंग के दो मोतियों का उपर्युक्त विधि से इस्तेमाल करें।
- खराब मंगल के लिए लाल रंग के दो पत्थर के टुकड़ों का इस्तेमाल करना चाहिए लेकिन उन पत्थरों में चमक नहीं होनी चाहिए।
- यदि टेवे में बुध खराब हो तो दो सीपियों का उपर्युक्त ढंग से इस्तेमाल करें।
- खराब शनि के लिए स्टेनलैस स्टील के दो चैकोर टुकड़ों का या फिर सुरमे की डालियों का उपयोग करें।
- यदि टेवे में राहु खराब हो तो चंद्रमा की मदद लें या फिर चांदी के दो टुकड़ों वाला उपाय करें। दूल्हे को अपने ससुराल वालों से नीलम किसी भी शक्ल में लेना मना है।
- केतु के खराब होने पर बृहस्पति की वस्तु यानि सोने के टुकड़ों का उपाय करना चाहिए।