दरिद्रता दूर करने का उपाय 12 भाग तांबा 16 भाग चांदी 10 भाग सोना। इन तीनों का पृथक-पृथक तार ख्ंचवाकर रविपुष्य अमृत योग में दो अंगूठी बनवायं तथा पंचामृत से हनुमान जी का अभिषेक करके उस अभिषेक में उस अंगूठी को धोकर दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में पहन लें तो घर की तथा अपनी दरिद्रता मिट जाती है। व्यवसाय मं उन्नति हेतु त्रिगुंडी और सफेद सरसों को व्यवसाय के बराबर में यदि रखें तो दुकान की क्रय-विक्रय बढ़ जाती है। पेट रोगों का उपचार एवं उपाय पेट में गैस बनना एवं उसका उपचार आक के पीले रंग के पत्ते 100 ग्राम, नमक 10 ग्राम (दोनों को मिलाकर पीस लें इसके बाद इसकी छोटी-छोटी गोलियां बनाकर सूखा लें। जब पेट में गैस बनने लगे तब इन गोलियों को मुंह में रखकर चूसते रहें। थोड़ी देर में ही लाभ हो जाता है। पेट में अपच रहने का उपचार: पंसारी की दुकान से छोटी हरड़ जिसको काली हरड़ अथवा जंग भी कहते हैं उसे खरीदकर पानी के कपड़े से साफ करके उसको मुंह में डालकर चूसते रहें। यह हरड़ एक घंटे में घुल जाती है। इस प्रकार दिन में तीन-चार हरड़ प्रतिदिन चूसने से पेट की अपच, कब्ज धीरे-धीरे चली जाती है।
चूर्ण बनाकर प्रतिदिन सेवन करेंः
- 1. अजवाइन देशी 20 ग्राम
- 2. काला नमक 5 ग्राम
- 3. हींग आधा ग्राम इन तीनों को कूट कर बारीक चूर्ण बना लें।
इसे प्रतिदिन प्रातः एक ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लें। इससे पेट के सभी रोग ठीक हो जाते हैं। जिगर तिल्ली के टोटके तथा इनका उपाय यह रोग छोटे बच्चों में पाया जाता है। इसका कारण भी कुपोषण को ही माना जाता है। जिगर तथा तिल्ली बढ़ने का रोग अधिक देखा गया है। इसमें पाचन शक्ति खराब हो जाती है। रोगग्रस्त प्राणी को भूख नहीं लगती है तथा पेट बढ़ता ही जाता है और हाथ पैर पतले हो जाते हैं। समस्त शरीर पीला पड़ जाता है। इसके लिये बच्चे की मां को मंगलवार का व्रत तथा मंगलदेव की पूजा करनी चाहिए तथा हनुमान जी के उक्त मंत्र का रोज एक माला जाप करें। मंत्र ऊँ सर्व रोग हराय नमः। टोटका: मंगलवार के दिन मंगल की होरा में गाय के ताजा कच्चे दूध में भिगोकर (डुबोकर) स्वर्ण मुद्रिका को धारण करने से यकृत संबंधी रोगों से छुटकारा मिलता है। यह प्रभावी टोटका है तुरंत लाभ देता है।
अजीर्ण रोग का टोटका मंगल के अशुभ कारण से कफ तथा अजीर्ण जैसे रोग हो जाया करते हैं। पेट में भारीपन रहना, खट्टी डकार आना व बचैनी रहना आदि लक्षण हैं। चित्रा नक्षत्रगत मंगलवार के दिन बहते हुए पानी में गुड़ के टुकड़े तथा गुड़ से बनी हुई किसी मिठाई को खाद्य सामग्री सहित प्रवाहित करने से अजीर्ण रोग से छुटकारा मिल जाता है।