खेल जगत में सफलता जातक की शारीरिक क्षमताओं, साहस तथा विषम व दबाव की परिस्थितियों में जीतने की योग्यताओं को दर्शाने वाले तृतीय भाव, छठे भाव, मंगल, बुध व राहु पर निर्भर करती है क्योंकि श्रेष्ठ खिलाड़ी योग के निर्माण में इन्हीं ग्रहों व भावों का महत्व सर्वोपरि है। बलवान तृतीय भाव से जातक बल और पराक्रम से युक्त होता है। बली तृतीय भाव वाला जातक खेल जगत के लिए आवश्यक शारीरिक क्षमताओं से युक्त होता है। छठे घर के बली होने पर जातक प्रतिद्वंद्वियों पर भारी पड़ता है और छठे घर के अध्ययन से ही इस बात का अनुमान लगाया जा सकता है कि जातक में दबाव की स्थितियों में जीतने की वास्तव में कितनी क्षमता है।
छठे घर के बली होने पर सकारात्मक परिणाम बिना किसी अवरोध के स्वयं अल्प समय में ही प्राप्त किये जा सकते हैं। मंगल की ताकत के आकलन से खेल खेलों में करियर करियर परिचर्चा लेख शृंखला की इस कड़ी में ‘‘खेल जगत में करियर’’ विषय पर चर्चा की जा रही है जिससे आप यह जान सकेंगे कि किस प्रकार के ग्रह योग जातक को खेल जगत में सफलता दिला सकते हैं। जो लोग ज्योतिष नहीं जानते वे जान सकेंगे कि व्यक्ति स्वयं कुछ नहीं करता अपितु ग्रह योग ही उसे एक विशेष दिशा की ओर अग्रसर कर देते हैं व जो ज्योतिष सीख रहे हैं वे विभिन्न ग्रहयोगों के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे और जो ज्योतिष जानते हैं
उनके लिए यह आलेख एक पुनराभ्यास का कार्य करेगा। के मैदान में जातक की शारीरिक शक्तियों व साहस का अन्वेषण किया जा सकता है। बली मंगल का तृतीय भाव से संबंध होने पर जातक सुदृढ़ शरीर वाला और साहसी होता है। बली बुध का तीसरे व छठे भाव से संबंध होने पर जातक मनपसंद खेल हेतु तकनीकी रूप से दक्ष होता है। राहु की श्रेष्ठतम स्थिति जीत के प्रति सकारात्मक रवैये को इंगित करती है।