कहीं आपके घर की सीढ़ियां तो आपकी परेशानियों का कारण नहीं?
कहीं आपके घर की सीढ़ियां तो आपकी परेशानियों का कारण नहीं?

कहीं आपके घर की सीढ़ियां तो आपकी परेशानियों का कारण नहीं?  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 2942 | जून 2022

Vastu tips for Stairs: वास्तु हमारे घर के छोटे से छोटे हिस्से को भी प्रभावित करता है।  इसलिए यह आवश्यक है की घर के प्रत्येक कोने को वास्तु मानदंडों के अनुसार बनाया जाये। ऐसा करने से घर में सुख व समृद्धि का वास होता है। आपके घर की सीढ़ियां कैसी है? क्या वे वास्तु मानदंडों पर खरी उतरती हैं? घर की सीढ़ियां आपके जीवन की समृद्धि को अत्यंत प्रभावित करती हैं। इस लेख के माध्यम से हम आपके घर की सीढ़ियों से जुडी प्रत्येक जानकारी आपको विस्तार में देंगें ताकि आपके घर में लक्ष्मी व आरोग्यता का वास हो।

आखिर सीढ़ी वास्तु है क्या?

वास्तु सिद्धांत के अनुसार सीढ़ियां बनवाने के लिए कई नियम हैं। सीढ़ियों को वास्तु के अनुसार बनाने से सामान्य आवाजाही में आसानी के साथ साथ पूरे घर में सकारात्मकता का प्रवाह होता है। यह हर छोटी-बड़ी दुर्घटना की संभावना को कम कर घर में समृद्धि लता है।

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सीढ़ियों में वास्तु दोष का प्रभाव

घर में सीढ़ियां बनवाते वक्त वास्तु के सिद्धांतों को हर हाल में अपनाएं। घर के इस हिस्से को अधिकतर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है जबकि पूरे घर की समृद्धि में यह महत्वपूर्ण भाग निभाती है। घर के भीतर रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य, करियर और दैनिक कार्यों में सफलता घर में बनी सीढ़ियों पर बहुत अधिक निर्भर करता है। ऐसा कहा जाता है कि सीढी अगर सही दिशा में ना बनाई जाए, तो जातक के घर में वास्तु दोष बन जाता है और जातक को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है। परिवार में कोई ना कोई बीमारी और आर्थिक तंगी बनी रहती है। 

वास्तु के अनुसार सीढ़ियां की संख्या कितनी होनी चाहिए?

घर में सीढ़ियां हमेशा ऑड नंबर में होनी चाहिए।  सीढ़ियों के विषम (15, 17, 19 या 21) संख्या में होने से वास्तु दोष नष्ट होता है।  सीढ़ियों के संख्या कभी भी 0 पर समाप्त नहीं होनी चाहिए जैसे 10, 20 आदि। सीढ़ियों के विषम संख्या में होने के पीछे एक कारण है।  एक सामान्य व्यक्ति सीढ़ियां चढ़ते हुए अपना दाहिना पैर पहले रखता है और यदि सीढ़ियां विषम संख्या में होंगीं तो वो सीढ़ियां खत्म होने पर भी अपना अपना दायां पैर नीचे रखेगा।  यह कार्य की पूर्णता को दर्शाता है। 

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वास्तु के अनुसार सीढ़ी की सर्वोत्तम दिशा ?

वास्तु सिद्धांत के अनुसार, सीढ़ी के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा सर्वोत्तम है। सीढ़ी उत्तर दिशा से शुरू होनी चाहिए और दक्षिण की ओर जानी चाहिए। या फिर यह पूर्व दिशा से शुरू होकर पश्चिम दिशा की ओर जा सकती है। कभी भी आंतरिक सीढ़ी को घर के केंद्र में नहीं बनाना चाहिए। 

बाहरी सीढ़ियों की दिशा

  • साउथ-ईस्ट, जो पूर्व की ओर जाती हो। 

  • साउथ-वेस्ट, जो पश्चिम की ओर जाती हो। 

  • साउथ वेस्ट, जो दक्षिण की ओर जाती हो। 

  • नॉर्थ वेस्ट, जो उत्तर की ओर जाती हो।  

सीढ़ियों को कभी भी नॉर्थ ईस्ट में नहीं बनवाना चाहिए चाहे वे घर के अंदर बनी हो या बाहर। इसके अलावा मुख्य एंट्रेंस से पहले भी सीढ़ियां नहीं बनाना चाहिए।  

सीढ़ियों को प्रभावित करने वाले अन्य कारक

सीढ़ी बनाते समय निम्न वास्तु नियमों का ध्यान रखें -

  • सीढ़ी बनाने की जगह- जो मकान मालिक स्वयं पहले तल पर रहते हैं और ऊपरी हिस्सा किराये पर दिया हुआ है, उन्हें मुख्य द्वार पर सीढ़ियां बनाने से बचना चाहिए। इस तरह की सीढ़ियां वित्तीय परेशानियां देती हैं।  

  • सीढ़ी का प्रारम्भ - घर के अंदर बनायीं गयी सीढ़ियों को रसोई, स्टोर, या पूजा घर से या उसके आखिरी बिंदु से नहीं शुरू होना चाहिए। मकान के ऊपर के फ्लोर पर जाने वाली सीढ़ियां और बेसमेंट में जाने वाली सीढ़ियां आपस में जुड़ी नहीं होनी चाहिए।  

  • वास्तु के अनुसार अंदर बनी सीढ़ियां आपके घर मिलने आने वाले लोगों की नज़रों से दूर होनी चाहिए। सीढ़ी के प्रारम्भ व अंत में दरवाज़ा होना भी ठीक नहीं है।  

घर की सीढ़ियों की चाल 

घर की सीढ़ियों पर चले जाने वाले कदम आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर स्थायी प्रभाव डालते हैं।  इसी कारण से सीढ़ियों के ओरिएंटेशन के लिए निम्न वास्तु टिप्स को ध्यान में रखना चाहिए -

  • सीढ़ियों को हमेशा घडी की दिशा में ही घूमना चाहिए। वास्तु एक्सपर्ट्स के अनुसार घड़ी की विपरीत दिशा में होने से सीढ़ियां व्यापार व करियर में रूकावट व अवरोध उत्पन्न करती है। 

  • वास्तु के अनुसार, सीढ़ियों को राइट एंगल पर झुकते हुए स्क्वेयर और रैक्टैंगुलर आकार में होना चाहिए।  जो सीढ़ियां ज्यादा ऊंची-ऊंची होती हैं, उससे चढ़ने उतरने वाला बहुत थका थका महसूस करता है।  यही कारण है की वास्तु विशेषज्ञ खड़ी सीढ़ियां बनवाने को मना करते हैं।   

कैसे करें सीढ़ियों के नीचे के हिस्से का सही इस्तेमाल?

सीढ़ियों के नीचे अक्सर रसोई, बाथरूम या पूजा घर बना दिया जाता है जो बिलकुल भी नहीं किया जाना चाहिए। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार सीढ़ियों के नीचे के हिस्से का उपयोग घर की चीजों को रखने के लिए ही किया जाना चाहिए। बहुमूल्य चीजों जैसे कैश या जेवर को सीढ़ियों के नीचे नहीं रखना चाहिए। जूतों की रैक और बेकार पड़ी चीजों को रखने के लिए इस जगह का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

 

किस रंग की होनी चाहिए सीढ़ियां?

घर की सीढ़ियां बनवाते समय रंग का ध्यान रखना बहुत ही ज़्यादा जरूरी होता है। वास्तु शास्त्र में रंगों का उपयोग बहुत अहम होता है और कभी भी सीढ़ियों के लिए गहरे रंगों का चुनाव नहीं किया जाना चाहिए। आपको घर में सीढ़ियां बनवाने के लिए हल्के रंगों का चयन करना बहुत ही आवश्यक है। घर की सीढ़ियों में लाल और काले रंगों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

इन विशेष बातों का रखें ध्यान –

घर में सीढ़ियां बनवाते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

  • सीढी की ऊंचाई 4 इंच से 7.75 इंच के बीच ही होनी चाहिए। और थ्रेड की लम्बाई 10 से 11.25 मीटर के मध्य होनी चाहिए।
  • घर के अंदर बनी सीढ़ियां बिना रेलिंग के भी बन सकती हैं। बाहर की सीढ़ियां यदि पांच से ज्यादा हैं तो रैलिंग लगाना जरुरी है।

अपने घर में आप हर कोने को सुव्यवस्थित तरीके से सजाते हैं पर यदि आपके घर की सीढ़ियां वास्तु अनुरूप नहीं तो आप कही न कहीं परेशान रहेंगें।  आज ही वास्तु विशेषज्ञ से सलाह लेकर अपने घर की सीढ़ियों को अपने जीवन में सफलता की सीढ़ी बनाएं।

अधिक जानकारी के लिए आप Future Point के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।



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