भारत, विश्व और आप नव वर्ष के ज्योतिषीय आइने में आचार्य किशोर नववर्ष आरंभ के समय कन्या लग्न में शनि गुरु से दृष्ट है जिस कारण राजा व राष्ट्र की प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नववर्ष में आर्थिक स्थिति व संचार शक्ति का निश्चित रूप से सुदृढ़ीकरण होगा। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से होने वाली आय में निरंतर वृद्धि होगी। 4जनवरी को भारत की जन्म कुंडली के अष्टम भाव में ग्रहण के प्रभाव से पहले दो महीनों में प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं व आतंकवाद की संभावना को भी नहीं नकारा जा सकता। यह योग सत्ता या नेतृत्व परिवर्तन स्थिति उत्पन्न करने का भी संकेत देता है। इस वर्ष जल अच्छा बरसेगा, वायु वेग से फसलों की हानि की संभावना कम है।
कृषक वर्ग संतुष्ट रहेगा। देश नई योजनाओं से प्रगति करेगा। जून 2011 तक समय मिला-जुला रहेगा और जब गुरु मेष राशि में प्रवेश करेंगे तब स्थिति में काफी सुधार होगा, भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और मंहगाई कम होगी परंतु फिर भी अशांति बनी रहेगी क्योंकि शनि भारत की जन्म राशि से तृतीय (पराक्रम भाव) में बलवान होकर सरकार के पक्ष में सहायता करने लगेंगे क्योंकि गुरु का प्रभाव शनि के ऊपर नहीं रहेगा और गुरु से छठे भाव में यानी मेष राशि से कन्या राशि पर गुरु की दृष्टि नहीं होने की बजह से सरकार का आक्रोश बढ़ जायेगा और सरकार विरोधी दल की बातों को दर किनार करके अपनी मनमानी करती रहेगी
प्रैल 2011 के बाद जब राहु एवं केतु का परिवर्तन होगा तब देश में और अशांति बढ़ेगी परंतु हमारे पड़ोसी देश हमसे सतर्क हो जाएंगे, क्योंकि भारत के जन्मांग में राहु, केतु और शनि का गोचरीय प्रभाव मेष राशि के गुरु से दूसरे, छठे और आठवें भावों में होने से शत्रु बढ़ेंगे परंतु परास्त होंगे। भारत की जन्मराशि कर्क से तीसरे भाव में शनि, पांचवें में राहु, एकादश में केतु और दशम में गुरु का गोचर भारत की सहायता करेगा। शनि एवं राहु विदेशी होने के कारण विदेश से अमेरिका, फ्रांस, रुस जैसे बड़े देश भारत को सहायता देंगे। जिसके कारण भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी रूप से सदस्य बनने का मौका मिलेगा फिर भी हमारे पड़ोसी देश बंग्लादेश, चीन, पाकिस्तान षडयंत्र करते ही रहेंगे। परंतु हमारा कुछ बिगाड़ नहीं सकते।
2011 में हमारे भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी फिर भी मंहगाई कम नहीं होगी। जब गुरु और शनि एक-दूसरे को देखेंगे, यानी मेष राशि में गुरु व तुला राशि में शनि रहेंगे तभी देश में मंहगाई पर नियंत्रण किया जा सकता है क्योंकि धन कारक ग्रह बृहस्पति व भारत के लग्न से नवमेश-दशमेश योगकारक शनि की एक-दूसरे पर दृष्टि आर्थिक स्थिति को मजबूत कराएगा और मंहगाई को भी कम करायेगा। शनि कन्या राशि में दिसंबर 2011 तक रहेंगे और गुरु जून 2011 से मेष राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए जून 2011 से दिसंबर 2011 तक एक-दूसरे पर दृष्टि नहीं होगी। इससे पहले 06 दिसंबर 2010 से जून 2011 तक शनि एवं गुरु का संबंध एक-दूसरे को मिलता रहेगा। इसलिए कांग्रेस सरकार तब तक मजबूत रहेगी।
जो कुछ भी अशांति चल रही है उससे सरकार के ऊपर कोई खराब प्रभाव नहीं पड़ेगा। 2015 तक भारत की कुंडली में सूर्य की महादशा चलती रहेगी। तब तक भारत को अमेरिका जैसे और भी दूसरे देशों की भी सहायता मिलेगी और हमारे दुश्मन को परास्त करते रहेंगे 2011 में मनमोहन सिंह जी के स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आयेगी। वर्तमान समय में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी की राहु की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा 27 फरवरी 2011 तक रहेगी और शुक्र तुला राशि में जब तक रहेंगे तब तक उनके लिए समय अनुकूल नहीं रहेगा। आने वाले चुनाव के बाद कांग्रेस सरकार की देश को चलाने की संभावना क्षीण है। 2011 नये साल में मेष राशि के लिए समय जून 2011 तक मध्यम रहेगा कहीं दूर की यात्रा होगी (विदेश यात्रा) और अधिक खर्चा होगा।
वृष राशि वालों का विद्यार्थियों के लिए आति उत्तम समय साबित होगा। गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ सावधानी बरतनी पड़ेगी। मिथुन राशि वालों के लिए समय अत्यधिक खराब रहेगा क्योंकि शनि राहु, केतु विपरीत स्थिति में चल रहे हैं फिर भी जून 2011 तक कुछ अनुकूल स्थिति बनेगी जुलाई से दिसंबर तक सतर्क रहें। कर्क राशि वालों के लिए यह वर्ष उत्तम रहेगा अविवाहित व्यक्तियों का विवाह होगा। व्यापार में भी वृद्धि होगी। सिंह राशि वालों के लिए उतार-चढ़ाव का समय रहेगा परंतु जून से दिसंबर तक हर तरफ से शुभ समाचार मिलता रहेगा। कन्या राशि वालों का नया साल मिला-जुला रहेगा फिर भी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी आय व्यय समान रहेगा।
तुला राशि वालों की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। कोई नया काम बनेगा। वृश्चिक राशि वालों का समय खराब रहेगा, मानसिक अशांति बढ़ेगी। जून 2011 तक कोई नया कार्य नहीं करना चाहिए। धनु राशि वालों का समय 2011 के मध्य तक ठीक नहीं रहेगा परंतु फिर भी आर्थिक स्थिति श्रेष्ठ रहेगी। मकर राशि वालों का समय अनुकूल रहेगा जून 2011 तक उसके बाद पूरा वर्ष विपरीत फल मिलेगा। कुंभ राशि वालों के लिए अष्टम का शनि अच्छा नहीं रहेगा किसी से धोखा मिल सकता है। इसलिए सतर्क रहे। मीन राशि वालों का 2011 बहुत शुभ रहेगा रुका हुआ काम बनेगा। अचानक धन का लाभ होगा फिर भी कहीं दूर की यात्रा होगी जिससे धन की हानि होगी।