ज्योतिष की नजर में शेयर बाजार
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ज्योतिष की नजर में शेयर बाजार  

शाम धिंगरा
व्यूस : 7750 | जनवरी 2013

ज्योतिष की नजर में शेयर बाजार शाम धींगरा जिस प्रकार किसी जातक की कुंडली में लग्न, ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव रहता है और गोचर वश ग्रहों की स्थिति, महादशा और अंतर्दशा में कोई जातक आर्थिक प्रगति करता है अथवा अवनति की ओर अग्रसर होता है ठीक उसी प्रकार किसी भी देश की कुंडली के आधार पर नवग्रह उसके शेयर बाजार को नियंत्रित करते हैं। ग्रहों के आधार पर ही किसी समय विशेष पर किसी उद्योग विशेष में प्रगति होती है और तेजी-मंदी आती है।

आज प्रत्येक जातक अपने आने वाले कल के प्रति पहले से अधिक जागरूक और प्रगतिशील सोच का है इसलिए वह भविष्य की सुरक्षा के लिए निवेश करता है और निवेश को अधिक से अधिक सुरक्षित और लाभप्रद बनाना चाहता है। निवेश के लाभ प्रद रास्तों में शेयर बाजार भी एक खतरों से भरा सफल रास्ता है। किसी भी देश का शेयर बाजार उस देश की अर्थव्यवस्था का आइना होता है। शेयर बाजार का उतार चढ़ाव, उसकी स्थिरता उस देश की आर्थिक प्रगति, विकास, मुद्रास्फीति और देश में उपलब्ध लिक्विडिटी एवं विदेशी मुद्रा की उपलब्धता को दर्शाती है। जो ग्रह शुभ और सकारात्मक प्रभाव लिए होते हैं उनसे प्रभावित कंपनियों के शेयर में तेजी देखने को मिलती है और अशुभ और नकारात्मक प्रभाव वाले ग्रहों से प्रभावित कंपनियों के शेयर में मंदी का रुख रहता है और शेयर की कीमतों में अस्थिरता की स्थिति रहती है।

वर्ष 2013 में व्यापार का शुभारंभ 01 जनवरी के दिन मंगलवार को होगा। आरंभ के समय सूर्य, बुध के साथ धनुराशि में होंगे, चंद्रमा कर्क में, मंगल मकर में, गुरु, केतु, के साथ वृषभ में, शुक्र राहु के साथ वृश्चिक में और शनि तुला राशि में होंगे। शनि पूर्ण वर्ष तुला राशि में ही रहेंगे और वर्ष के दौरान 18 फरवरी को वक्री होंगे और 08 जुलाई को पुनः मार्गी होंगे। शनि 21 अक्तूबर से 20 नवंबर तक अस्त रहेंगे। वर्ष के आरंभ में गुरु वक्री होकर वृषभ राशि में होंगे और 30 जनवरी को मार्गी होकर 31 मई को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। 07 नवंबर को पुनः वक्री होकर वर्षांत तक मिथुन राशि में रहेंगे।

वर्षारंभ में राहु वृश्चिक और केतु वृषभ राशि में होंगे और 14 जनवरी को क्रमशः तुला और मेष में प्रवेश करेंगे और वर्षांत तक विद्यमान रहेंगे। मंगल मकर से यात्रा प्रारंभ करके वर्षांत में कन्या राशि में विद्यमान रहेंगे। बुध, शुक्र एवं सूर्य सभी 12 राशियों में भ्रमण करेंगे। भारत वर्ष की कुंडली में गुरु चंद्रमा से एकादश और द्वादश में गोचर करेगा, शनि वर्ष भर चतुर्थ भाव में गोचर करेगा जिसके प्रभाव स्वरूप न्याय पालिका की शक्तियों में वृद्धि होगी और कार्यों में सुधार आयेगा, सरकार के मंत्रियों और कार्पोरेट जगत की मिली भगत से होने वाले घपलों के खुलने से सरकार के गिरने की स्थिति बनेगी। राजनैतिक जिस प्रकार किसी जातक की कुंडली में लग्न, ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव रहता है

और गोचर वश ग्रहों की स्थिति, महादशा और अंतर्दशा में कोई जातक आर्थिक प्रगति करता है अथवा अवनति की ओर अग्रसर होता है ठीक उसी प्रकार किसी भी देश की कुंडली के आधार पर नवग्रह उसके शेयर बाजार को नियंत्रित करते हैं। ग्रहों के आधार पर ही किसी समय विशेष पर किसी उद्योग विशेष में प्रगति होती है और तेजी-मंदी आती है। वक्री होंगे और 08 जुलाई को पुनः मार्गी होंगे। शनि 21 अक्तूबर से 20 नवंबर तक अस्त रहेंगे। वर्ष के आरंभ में गुरु वक्री होकर वृषभ राशि में होंगे और 30 जनवरी को मार्गी होकर 31 मई को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। 07 नवंबर को पुनः वक्री होकर वर्षांत तक मिथुन राशि में रहेंगे। वर्षारंभ में राहु वृश्चिक और केतु वृषभ राशि में होंगे और 14 जनवरी को क्रमशः तुला और मेष में प्रवेश करेंगे और वर्षांत तक विद्यमान रहेंगे। मंगल मकर से यात्रा प्रारंभ करके वर्षांत में कन्या राशि में विद्यमान रहेंगे।


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बुध, शुक्र एवं सूर्य सभी 12 राशियों में भ्रमण करेंगे। भारत वर्ष की कुंडली में गुरु चंद्रमा से एकादश और द्वादश में गोचर करेगा, शनि वर्ष भर चतुर्थ भाव में गोचर करेगा जिसके प्रभाव स्वरूप न्याय पालिका की शक्तियों में वृद्धि होगी और कार्यों में सुधार आयेगा, सरकार के मंत्रियों और कार्पोरेट जगत की मिली भगत से होने वाले घपलों के खुलने से सरकार के गिरने की स्थिति बनेगी। राजनैतिक अस्थिरता की खबरें भी रहेंगी लेकिन कोई विशेष सŸाा परिवर्तन नहीं होगा और सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। मार्च में आने वाला बजट भी अगले चुनावों से प्रभावित रहेगा जिसमें ब्याज दरों में कमी और आर्थिक सुधारों की भरमार होगी जिसके फलस्वरूप शेयर बाजार में निश्चित रूप से प्रगति तो होगी, लेकिन ऐसे में लाभ कमाना एक उचित निर्णय रहेगा क्योंकि जून महीने में तीव्र गिरावट भी देखने को मिलेगी ऐसे में गिरावट पर निवेश से निश्चित रूप से लाभ की प्राप्ति होगी। भूमि और रियल्टी में गतवर्ष की मंदी दीपावली तक बनी रहेगी।

रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, शिक्षा, आई.टी और टेलीकाॅम में गत वर्ष की मंदी के बाद पुनः तेजी देखने को मिलेगी। स्टील, पावर और पेट्रोलियम कंपनियों में भी विशेष तेजी की आशा रहेगी, शराब और एफ.एम.सी.जी में इस वर्ष गत वर्ष की तुलना में लाभ की आशा कम रहेगी, मोटर-वाहन उद्योग में भी किसी विशेष तेजी की आशा नहीं रहेगी। बैंक और विŸाीय संस्थाओं में लाभ के अवसर अवश्य मिलेंगे। चीनी मिलांे में भी प्रत्येक गिरावट पर निवेश ठीक रहेगा, मनोरंजन क्षेत्र में भी निवेश लाभप्रद रहेगा। एविएशन सेक्टर से दूर ही रहंे, अमरीका और पाकिस्तान से भी रिश्तों में सुधार की खबरों से बाजार की चाल में सुधार आयेगा। सोने में गत वर्ष की तेजी देखने को नहीं मिलेगी लेकिन चांदी और काॅपर में लाभ के उŸाम योग हैं।

सोना 29000 प्रति 10 ग्राम और चांदी 55000 प्रति किलो तक मिलने के योग बनेंगे। ऐसे में इनमें निवेश एक उचित निर्णय रहेगा क्योंकि इनमें 35000 से 75000 तक के स्तर देखने को मिल सकते हैं। रिटेल में एफ.डी.आई के चलते विदेशी निवेश तो होगा लेकिन विदेश व्यापार में घाटे की स्थिति रहेगी, जिससे डाॅलर की कीमतों में विशेष कमी नहीं आ पायेगी, फिर भी प्रति डाॅलर भाव 50 रूपये तक आने की आशा रहेगी। चलिए अब आपको शेयर बाजार के अपेक्षित मासिक उतार चढ़ाव के बारे में विस्तार से अवगत करा देते हैं, वर्ष के आरंभ में बाजार सकारात्मक रुख के साथ खुलेंगे।

लेकिन व्यापार की मात्रा में कमी आयेगी। पेट्रोलियम और गैस उद्योग एवं टेक्सटाइल इंडस्ट्रडीज में तेजी रहेगी और टेलीकाॅम सेक्टर में भी लाभ कमाने के अवसर मिलेंगे, उनका सदुपयोग करें क्योंकि शीघ्र ही नीचे के मूल्यों पर मिलने की आशा रहेगी। एफ.एमसी. जी. एवं शराब उद्योग में भी तेजी आते ही लाभ कमाना एक उचित निर्णय रहेगा। बैंक और विŸाीय संस्थाओं एवं इंश्योरंेस कंपनियों के शेयर नीचे के मूल्यों पर मिलने की आशा रहेगी। इनमें निवेश कर सकते हैं। रेलवे से जुड़ी कंपनियों में भी निवेश से अगले महीने में लाभ प्राप्ति की आशा रहेगी। हाॅस्पीटल ओर मेडिसीन उद्योग में बिकवाली से गिरावट आयेगी। ऐसे में गिरावट आते ही खरीदारी करना एक उचित निर्णय रहेगा। मीडिया और आईटी. में किसी विशेष तेजी या मंदी की आशा नहीं रहेगी।

सीमेंट और रियल्टी एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में अस्थिरता की स्थिति रहेगी, उनमें निवेश से दूर रहें। माह के अंत में बाजार के मामूली सी बढ़त के साथ बंद होने की आशा रहेगी। फरवरी, में व्यापार आरंभ 1 तारीख को शुक्रवार के दिन होगा। ग्रहों के प्रभाव स्वरूप बाजार तेजी के साथ खुलने की प्रबल आशा रहेगी। भारी मशीन व सड़ंक निर्माण से जुड़े उद्योगांे में निवेश से माह के अंत में लाभ प्राप्ति की आशा रहेगी। तेल और गैस उद्योग में भी गिरावट देखने को मिलेगी। इनमें निवेश कर सकते हैं। मेटल और


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