अंकविद्यानुसार वर्ष ‘2015’ के अंकों का कुल योग 2+0+1+5 = 8 आता है। शास्त्रों में कहा गया है कि अंक 8 शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है अर्थात वर्ष 2015 में शनि का प्रभाव अधिक रहेगा। शास्त्रानुसार शनि पृथ्वी तत्व की राशि मकर व वायु तत्व की राशि कुंभ का स्वामी है। मकर राषि की त्रिकोण राशियां वृष व कन्या हैं तथा कुंभ राशि की त्रिकोण राशियां मिथुन व तुला हैं। शनि की उच्च राशि भी तुला है।
अतः वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर व कुंभ राशि वालों के लिये यह वर्ष कुछ विशेष ही रहेगा। यानि कि शुभ शनि जातक के जीवन को उत्थान व अषुभ शनि जातक के जीवन को पतन भी दे सकता है। वैदिक ज्योतिष में कहा गया है कि शनि देव हनुमान जी के भक्तों को कभी दुख नहीं देते अर्थात नववर्ष 2015 में हनुमान जी व शनिदेव की पूजा व आशीर्वाद से शुभत्व में वृद्धि और अशुभता का नाश किया जा सकता है। वर्ष 2015 में विभिन्न जातक अपनी चंद्र राशि या नाम राशि अनुसार हनुमान जी व शनि देव के विभिन्न मंत्रों का जाप कर सुख, समृद्धि, शांति प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें चाहिये कि निम्न मंत्रों में से अपनी राशि अनुसार हनुमान जी के व शनि के मंत्र चुनें।
फिर श्रद्धा भक्ति से नववर्ष में शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार या शनिवार से शुरू कर रोजाना सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर, रुद्राक्ष की माला लेकर, हनुमान जी व शनि देव की तस्वीर के सम्मुख उचित आसन पर बैठकर, धूप दीपादि जलाकर, पुष्प, अक्षत, वस्त्र, फल आदि अर्पण कर, हनुमान जी के मंत्रों की एक माला यानि 108 बार जाप करें। तत्पश्चात भोजपत्र पर बने शनि के यंत्र के सम्मुख पुष्प, मिष्टान्न आदि अर्पण कर, शनि के मंत्रों की एक माला जाप करें। यदि वर्ष 2015 में किसी विशेष काम की इच्छापूर्ति की अभिलाषा हो जैसे कि काफी प्रयास करने से भी विवाह नहीं हो पा रहा हो या कारोबार में असफलता हाथ लग रही हो या स्वास्थ्य की परेशानी चल रही हो या विद्याध्ययन में बाधा आ रही हो या संतान होने में रूकावट आ रही हो तो तालिका में दिये गये हनुमान जी एवं शनि के उपायों को श्रद्धानुसार करें तथा साथ ही निम्न उपाय भी करें:
1 शनिवार को शनिदेव के मंदिर में सरसों का तेल चढ़ायें।
2 चरित्र साफ रखें। मांसाहार व मदिरापान न करें।
3 रोजाना पीपल को जल दें। तिल व तेल चढ़ायें।
4 शनिवार से चार नींबू चार दिन तक बहते पानी में फेंकंे।
5 शनिवार को काला ऊनी कपड़ा, लोहा, छाता, नारियल व काले तिल का दान करें।
6 शनि मंदिर के बाहर पुराने वस्त्रों व जूतों का दान करना चाहिये।
7 शनिवार का व्रत भी रखना चाहिये।
8 काले घोड़े के खुर की नाल का छल्ला या नाव के कील की अंगूठी पहनें।
9 शनिवार के दिन रोटी पर तेल लगाकर कुत्ते को खिलायें।
10 रोजाना हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें। हनुमान जी व शनि देव के आशीर्वाद से सभी जातकों को नववर्ष में शुभत्व की प्राप्ति होगी व जीवन सुख, समृद्धि व शांति से भरपूर रहेगा।