नकसीर आचार्य अविनाश सिंह नाक से खून के बहने को नकसीर कहते हैं। गर्मियों के मौसम में यह रोग अधिक होता है। आमतौर पर गर्मियों के दिनों में गर्मी के कारण धमनियों पर अधिक दबाव पड़ने के कारण नाक से खून बहने लगता है। कई बार बहने वाले रक्त की मात्रा से आम इंसान घबरा जाता है और सोचता है कि ऐसे में क्या करे। नकसीर रोग के कारण: नकसीर फूटने के कई कारण हैं। बहुत लोगों की नाक के भीतर अंगुली से कुरेदने की आदत होती है। वे नाक में जमे स्राव को अंगुली घुमाकर निकालना चाहते हैं, जिससे नाखून से नाक की भीतरी कोमल परत पर चोट लगकर खून बहने लगता है। उच्च रक्तचाप के रोगियों में भी नकसीर फूटने का भय होता है। नाक के भीतर संक्रमण हो जाने की दशा में ज्वर, नाक से पानी बहने और मुंह से बदबू आने के साथ-साथ खून भी निकल सकता है। नाक की त्वचा में किसी प्रकार की एलर्जी हो जाय, तो उसका स्राव सूख जाता है और वहां पपड़ी जम जाती है जो अलग होते समय रक्तस्राव कर सकती है। नाक में किसी प्रकार की गंाठ भी रक्तस्राव कर सकती है। ऐसे में सांस लेने में तकलीफ, नाक से पानी आना और नाक-दर्द जैसे लक्षण प्रायः रहते है। नाक में किसी तरह की चोट लग जाए, तो भी रक्तस्राव हो सकता है। समुद्री सतह से ऊंचाई वाले स्थान पर जाने से भी नकसीर फूट सकती है। ऐसा धमनियों पर अधिक दवाब के कारण होता है। रह्यूमैटिक फीवर, में बुखार के साथ-साथ जोड़ों में दर्द और शरीर पर लाल दाने उभर आते हैं। उसमें भी नाक से स्राव हो सकता है। कुछ व्यक्तियों में रक्त कोशिका विकृत होने पर खून जमने की क्रिया देरी से होती है या बिल्कुल नहीं होती उन्हें भी कई बार, इस बीमारी का सामना करना पड़ता है। विटामिन की कमी, मासिक धर्म की अनियमितता, अत्यधिक शारीरिक श्रम, धूप में ज्यादा देर रहना जैसे कारण भी नकसीर को जन्म देते हैं। लक्षण: आमतौर पर सिर दर्द, कान में आवाजें महसूस होना, चक्कर आना और नाक में खुजली या सुरसरी महसूस होना आदि नकसीर फूटने के लक्षण हैं। रक्त की कमी या अधिकता होना भी नकसीर का लक्षण है। नाक से खून की कुछ बूंदे टपकना या नाक में खून का थक्का जमना दिखाई पड़ना। मगर इसे मामूली समझकर इसकी अवहेलना न करें। विशेषकर बच्चों में ऐसी अवस्था में अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। उपचार: नकसीर फूटने पर उसकी अवहेलना न करें चाहे वह अल्पमात्रा में ही क्यों न हो, अचानक फूटी नकसीर से घबराए नहीं, रोगी को शांत और ठंडे स्थान पर ले जाएं और धीरज बंधाएं ताकि उसका रक्त और बढ़कर रक्तस्राव न बन जाए, नाक को अंगूठे और तर्जनी से जोर से लगातार दबाए रखें। मरीज को मुंह से सांस लेने दें और गले तक खून रिस रहा हो, तो थूकने को कहें। रोगी की नाक और माथे पर बर्फ के पानी की पट्टियां रखें और सीधा बैठाएं। इस पर भी खून बहना न रुके, तो रुई का एक गोला बनाकर किसी भी क्रीम या ग्लिसरीन में डुबोकर नाक के भीतर अच्छी तरह ठूंस दें या फिर अंगुली पर क्रीम या वैसलीन लगाकर नथुनों में डालकर नाक के बीच हड्डी को जोर से दबाकर रखें। ऐसे पांच मिनट तक रखें। यदि खून बंद हो जाता है, तो मरीज को लिटा दें और ठंडा पेय पीने को दें। उसे मुंह से सांस लेने के लिए पे्ररित करें और ध्यान रखें कि वह नाक में अंगुली न डालने पाए या नाक से बार-बार सांस न लें, वह खंखारे भी नहीं, वरना रक्तस्राव पुनः शुरु हो सकता है। यदि उपर्युक्त सभी तरीके अपनाने के बाद भी रक्त बहना बंद न हो, तो रोगी को तुरंत विशेषज्ञ के पास ले जाएं क्योंकि ऐसी स्थिति में अधिक रक्त के बहने से रोगी को अतिरिक्त रक्त चढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है। अवहेलना न करें। घरेलू उपचार: मुलतानी मिट्टी को पानी में भिगोकर रखें और प्रातः पानी निकालकर छान लें। इस पानी को पिलाने से दो-तीन दिन में ही वर्षों पुरानी नकसीर सदा के लिए ठीक हो जाती है। सुहागे को थोड़े से पानी में घोलकर दोनों नथुनों पर लेप करें, नकसीर तत्काल बंद हो जाएगी। अनार के रस की नकसीर देने से खून गिरना बंद हो जाता है। मीठे अंगूर का रस नाक से धीरे-धीरे खींचे, नकसीर ठीक हो जाएगी। अजवायन और नीम के पŸाों को बारीक पीसकर कनपटी पर लगाएं। इससे नाक से खून आना बंद हो जाता है। ताजे नींबू का रस निकालकर नाक में पिचकारी देने से नकसीर ठीक हो जाती है। बेर के पŸाों को बिना पानी के पीसकर सिर पर लगाने से नकसीर ठीक हो जाती है। सुखे आंवले को पानी में भिगोकर रख दें। प्रातः छानकर पानी पीएं। मेंहदी की ताजी पŸिायां पानी में पीसकर तलवों में लगाने से नकसीर बंद हो जाती है। तुलसी के रस की बूंदे नाक में डालने से नकसीर में आराम होता है। फिटकरी पानी में घोलकर दो तीन, बूंदें नाक में डालने से आराम होता है। देसी घी की चार-पांच बूंद नाक में डालने से नकसीर में आराम होता है। लगातार 15 दिन डालने से नकसीर स्थायी रूप से ठीक हो जाएगी। केले के तने का रस निकालकर नाक में डालने से नकसीर ठीक हो जाती है। चैलाई और नीम के पŸो पीसकर कनपटी पर लगाने से नकसीर छूटना बंद हो जाती है। 10 ग्राम मात्रा 15 दिन प्रयोग करें। बेर के पŸाों को पीसकर सिर पर लगाने से नकसीर छूटना बंद हो जाती है बेर के पŸाों की मात्रा 20 ग्राम और सेवन एक सप्ताह तक करें। सफेद पेठे का मुरब्बा ढाई सौ ग्राम दूध के साथ रोजाना लेने से नकसीर समाप्त हो जाती है। वेल का मुरब्बा या शर्बत पीने से नकसीर में लाभ होता है।