स्वस्थ न रहने के ज्योतिषीय कारण: जब आपकी कुंडली में लग्न, लग्नेश, चंद्र लग्न, चंद्र लग्नेश, सूर्य लग्न व सूर्य लग्नेश कमजोर या पीड़ित हो और किसी शुभ ग्रह का प्रभाव न हो तो जातक को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप अत्यधिक मोटापे से परेशान हैं तो क्या करें? - ऐसा अक्सर देखा गया है कि आप व्यायाम भी करते हैं, दौड़ भी लगाते हैं, खाना भी कम खाते हैं किंतु फिर भी आप मोटे होते चले जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में आप किसी भी शनिवार की सायंकाल को रांगा धातु की अंगूठी मध्यमा अंगुली में डालें ( रांगा धातु जो बर्तनों को कलई करने के काम में आता है)।
साथ में आप जो भी व्यायाम करते हैं, करते रहें व अपने खान-पान पर ध्यान भी रखें आपको अवश्य लाभ होगा। अगर आप आलस्य से पीड़ित हैं तो क्या करें? - मंगलवार के दिन लाल रंग का मूंगा खरीदंे व उसी दिन चांदी की अंगूठी में जड़वा लें और हनुमान जी के मंदिर जायें। पूजा उपरांत एक माला श्री रामदूताय नमः मंत्र का जप करें और वहीं पर धारण करें, आपको अवश्य लाभ होगा। अगर आपको सिरदर्द की शिकायत ज्यादा रहती है
और किसी भी दवाई का असर नहीं हो रहा हो तो क्या करें? सूर्य उदय होने से पहले एक पुराने गुड़ का टुकड़ा लें व किसी चैराहे के समीप दक्षिण की ओर मुख कर दांतों से गुड़ को काटें व वहीं चैराहे पर डाल दें और किसी से बात किये बिना और पीछे मुड़ के देखे बिना घर वापिस आ जायें। ऐसा करने से आपको दवाई का असर होने लगेगा व धीरे-धीरे पुराने से पुराना सिर दर्द भी हो तो भी आपको अवश्य लाभ मिलेगा। अगर आप सफेद दागों से पीड़ित हैं तो क्या करें? कपास के पत्तों को पीस कर रस निकालें। इस रस को सूर्योदय से पहले सफेद दागों पर लगाएं।
थोड़ी देर बाद सूख जाने पर पानी से धो लें तथा शुद्ध गाय के घी उस पर लगा लें। प्रयोग के दिनों में खाने में भी केवल गाय के घी का ही इस्तेमाल करें। अन्य तेल-घी का परहेज रखें आपको अवश्य लाभ मिलेगा। अगर कोई जातक पहले कभी लकवे से पीड़ित रहा हो और दोबारा इसका प्रकोप न झेलना पड़े तो क्या करें?
- किसी भी रवि पुष्य योग के समय काले घोड़े की नाल की अंगूठी या कड़ा बनवा कर रोगी को पहनाने से उसे जीवन में दोबारा कभी लकवे का प्रकोप नहीं झेलना पड़ेगा।
- अगर पथरी संबंधी समस्या का सामना बार-बार करना पड़ता हो तो क्या करें? - शुक्ल पक्ष में शनि पुष्य योग में असली काले घोड़े की नाल का छल्ला बनाकर अपने दाहिने हाथ की कनिष्ठिका ऊंगली में पहनने से पथरी संबंधी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर किसी भी तरह का रोग आपको बार-बार परेशान कर रहा है तो क्या करें? पांच गोमती चक्र लें व उसे लाल सूती धागे में पिरोकर जिस पलंग पर आप सोते हांे उसके एक पाये पर बांध दें। धीरे-धीरे आपको रोगों से निवारण मिलेगा।
अगर रोगी ज्यादा गंभीर स्थिति में हो और वह आॅक्सीजन या वेंटिलेटर पर हो तो क्या करें? जौ का सवा पाव आटा लें, उसमें साबूत काले तिल मिलाकर रोटी बनायें, उस पर थोड़ा सा तिल का तेल लगायें और उस पर गुड़ रखकर रोटी को रोगी के ऊपर से 7 बार वार कर भैंसे को खिला दें। खिलाने के बाद पीछे मुड़कर न देखें, न ही उसे कोई आवाज दें। सीधे घर वापिस आयें, अवश्य लाभ होगा।