हाथ बताए धन की बात भारती आनंद हाथों में उत्पन्न दोषों का आभास होते ही मन में एक विचित्र तस्वीर उभर आती है। क्या यह संभव है कि किसी कार्य की जानकारी पहले से ही मिल जाए? कि अमुक काम में लाभ होगा या हानि? यदि जीवन के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी पहले से ही हो जाए, तो व्यक्ति कई प्रकार की हानियों से बच सकता है। उदाहरणस्वरूप यदि किसी व्यक्ति को नए व्यापार में हानि का संकेत हो, तो उसे वह व्यापार पूरी तरह सोच विचार कर पूरी सावधानी बरतते हुए करना चाहिए ताकि जीवन में धन आदि के क्षेत्र में हानि का मुंह नहीं देखना पड़े। धन की स्थिति का पता हाथ में स्थित विभिन्न रेखाओं, ग्रहों आदि के विश्लेषण से चल सकता है। यहां रेखाओं, ग्रहों आदि की किस स्थिति में धन की स्थिति कैसी रहेगी इसका संक्षिप्त विश्लेषण प्रस्तुत है। यदि भाग्य रेखा मोटी से पतली हो, तो नया व्यापार आरंभ करने से व्यक्ति की धन की स्थति पहले की तुलना में अच्छी हो जाती है। यदि हाथ हमें मंगल व शनि ग्रह प्रतिकूल हों, या उनकी दशा ठीक नहीं चल रही हो, तो यह हाथ का एक गंभीर दोष है। इस दोष के फलस्वरूप धन की स्थिति अत्यंत खराब होती है। जीवन रेखा में आए दोष मनुष्य के व्यापार में हानि व धन के सुख में कमी कर देते हैं। राहु के अशुभ होने से व्यक्ति कई बार कर्जदार भी हो जाता है। जीवन व मस्तिष्क रेखाओं का जोड़ लंबा हो, भाग्य रेखा में द्वीप हो व भाग्य रेखा हृदय रेखा पर यदि मोटी होकर रुकती हो, तो धन की हानि होती है। ऐसा अक्सर नए व्यापार या साझीदारी की वजह से होता है। भाग्य रेखा जीवन रेखा के साथ हो, जीवन रेखा सीधी हो, मंगल क्षेत्र पर कई रेखाएं हों, तो धन की स्थिति अत्यंत खराब होती है। भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर रुकी हो, दोनों का जोड़ लंबा हो, मंगल क्षेत्र पर एक से अधिक रेखाएं हों, और ऐसी स्थिति में लक्ष्मी का आगमन हो, तो कई समस्याएं भी आती हैं जिन्हें सुलझाने में सारा धन खर्च हो जाता है। इस तरह हथेली के विभिन्न लक्षणों के विश्लेषण से धन आगमन के मार्ग में आने वाली बाधाओं की पूर्व जानकारी प्राप्त की जा सकती है और मंत्र जप, तप, यंत्र पूजा आदि के द्वारा उनसे बचा जा सकता है। एक बात स्मरण रखने की है कि भाग्य में कुछ चीजें देर से लिखी होती हैं और विभिन्न उपायों के द्वारा भाग्य को बदला जा सकता है।