हाथ खोले सेहत का राज भारती आनंद आज के सुखी संपन्न और ऐश्वर्यपूर्ण जीवन में उपलब्ध साधनों व सुविधाओं के कारण हर व्यक्ति अपने शरीर की सुंदरता और उसकी सेहत के प्रति जागरूक हो चुका है। युवावर्ग की शारीरिक खेलों के प्रति बढ़ती अभिरुचि इस बात का प्रमाण है। यही कारण है कि आज हर गली जिम ऐरोबिक सेंटर व हेल्थ सेंटर खुल गए हैं। लोग सुबह सैर को जाते हैं, तो योगा और व्यायाम करते हैं, विभिन्न खेलों में हिस्सा लेते हैं। परंतु सभी एक समान सेहतमंद नहीं हो पाते, क्योंकि सेहत भी ईश्वर प्रदत्त एक वरदान ही है, जिसका निर्धारण परमपिता परमेश्वर मनुष्य के पूर्व जन्म के कर्मों के आधार पर करता है। किसी व्यक्ति की सेहत का राज उसके हाथ की लकीरों में छिपा होता है। यहां इन लकीरों, ग्रहों, चिह्नों आदि की स्थितियों का विश्लेषण प्रस्तुत है जिसे पढ़कर पाठकगण अपनी सेहत की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यदि हाथ में शुक्र और चंद्र ग्रह उचित स्थिति में हों और सभी रेखाएं साफ सुथरी हांे, तो व्यक्ति को कभी भी कोई बड़ा और असाध्य रोग नहीं होता। छोटे-मोटे रोग होते भी हैं, तो उनका इलाज नहीं करवाना पड़ता, वे अपने आप ठीक हो जाते हैं। यदि भाग्य रेखा जीवन रेखा के पास हो, कटी-फटी हो, उस पर द्वीप हो, तो व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता, उसे कोई न कोई रोग हमेशा घेरे रहता है। यदि जीवन रेखा को मोटी-मोटी रेखाएं काट रही हों, मस्तिष्क रेखा पर द्वीप हो, हाथ सख्त हो, तो व्यक्ति की किसी रोग या दुर्घटना के कारण सर्जरी की संभावना रहती है। साथ ही उसे कोई न कोई रोग जीवन भर लगा रहता है। यदि शुक्र क्षेत्र पर तिल हो, भाग्य रेखा पर द्वीप हो, तो एड्स या यौन रोग की संभावना रहती है। मंगल और बुध क्षेत्रों पर कटफट होना त्वचा रोग का सूचक है। हृदय रेखा जंजीरनुमा हो और उसे मोटी-मोटी रेखाएं काटती हों, तो व्यक्ति को हृदयरोग और उसके कारण सर्जरी का भय रहता है। जिस व्यक्ति का हाथ नरम व पीला हो, उसकी शारीरिक क्षमता कम होती है। इस प्रकार उक्त लक्षणों के अतिरिक्त किसी व्यक्ति की सेहत का राज जानने के और भी अनेकानेक लक्षण हो सकते हैं। सेहत के प्रति जागरूक लोगों को हस्तरेखा विशेषज्ञ से उचित परामर्श लेकर सेहत में सुधार के उपाय करने चाहिए।