गोचर फल विचार मासारंभ में देव गुरु बृहस्पति एवं दैत्य गुरु शुक्र दोनों ग्रहों का वक्री गति में होना वरिष्ठ उच्चाधिकारी का शासकीय साम्राज्य समाप्त होने का संकेत देता है। कहीं सत्ता का परिवर्तन भी करवाएगा। आम जनता को राजनैतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ जागृत करेगा। 6 जनवरी को वक्री गति के शुक्र का पुनः धनु राशि में आना व वक्री गति के बृहस्पति से समसप्तक योग में आना तथा शनि व मंगल ग्रहों द्वारा दृष्टित होना कुछ प्रदेशों में जनता के मनों में शासकों के प्रति विद्रोह की भावना को बढ़ाकर जन अन्दोलन करने पर विवश करेगा। उपद्रवकारी तत्वों के उग्र कार्यों से जन धन की हानि का संकेत देता है। लोगों में हिंसात्मक प्रवृत्ति को बढ़ाकर हिंसक घटनाएं, अग्निकांड इत्यादि का योग बनाता है। 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में आएगा और शुक्र ग्रह भी उदय हो जाएगा। स्त्री वर्ग के लिए नेष्ट फलदायक रहेगा। किसी प्रदेश में शासकीय बदलाव के संकेत देता है। दैनिक उपयोगी वस्तुओं में महंगाई के अत्यधिक बढ़ जाने से आम जनता के मन में शासकों के प्रति विद्रोह की भावना को बढ़ाएगा। आंधी-तूफान, इत्यादि प्राकृतिक प्रकोपों से जन धन की हानि का संकेत-तूफान, इत्यादि प्राकृतिक प्रकोपों से जन धन की हानि का संकेत देता है। सीमाओं पर सैन्य हलचल को बनाए रखेगा। इस मास में पांच बुधवारों तथा पांच वीरवारों का आना मास के लिए शुभ संकेत है। लेकिन नए-नए रोगों से जन साधारण को पीड़ित भी करेगा और पश्चिमी देशों में आतंकवादी हिंसक घटनाओं का संकेत देता है। सोना व चांदी मासारंभ में 2 जनवरी को गुरुवार के दिन चंद्रदर्शन 45 मुहर्ती में होना बाजारों में मंदी का रूख दर्शाता है। 4 जनवरी को राहु का स्वाति नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश बाजारों के पूर्व रूख को बरकरार रखेगा। 5 जनवरी को शनि का विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश करना चांदी में तेजी की लहर बना देगा। 6 जनवरी को बुध का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आकर मृगशिरा नक्षत्र को सर्वतोभद्रचक्र द्वारा वेधना तथा इसी दिन वक्री गति के शुक्र का पुनः धनु राशि में प्रवेश कर सूर्य व बुध से राशि संबंध बनाना बाजारों में तेजी का रूझान बना देगा। 8 जनवरी को वक्री शुक्र का अस्त हो जाना बाजारों में तेजी की लहर को आगे बढ़ाएगा। इसी दिन बुध का मकर राशि में प्रवेश करना बाजारों में कुछ उतार-चढ़ाव का वातावरण भी बनाएगा। 11 जनवरी को सूर्य का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र पर आकर मृगशिरा, पूर्वाभाद्र और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्रों को वेधना बाजारों में पूर्ववत रूख को बनाए रखेगा। 12 जनवरी को शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना चांदी में मंदी का वातावरण बना देगा। 14 जनवरी को सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना तथा मकर संक्रांति का 15 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन बुध का श्रवण नक्षत्र में आकर कृत्तिका नक्षत्र को वेधना तथा मंगल का चित्रा नक्षत्र म आकर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से मृगशिरा नक्षत्र को वेधना, ये सभी योग सोने व वांदी के बाजारों में पुनः तेजी की लहर चला देंगे। 15 जनवरी को शुक्र का उदय हो जाना भी बाजारों में तेजीदायक ही रहेगा। 16 जनवरी को वक्री गति के गुरु का आद्र्रा नक्षत्र को चैथे चरण में आकर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र को वेधते रहना बाजारों में उतार-चढ़ाव का माहौल बनाएगा। 18 जनवरी को बुध का उदय हो जाना बाजार में तेजी का वातावरण ही बनाएगा। 22 जनवरी को बुध का धनिष्ठा नक्षत्र पर आकर विशाखा नक्षत्र को वेधना बाजार में मंदी की लहर चला देगा। 24 जनवरी को सूर्य का श्रवण नक्षत्र में आकर कृत्तिका नक्षत्र को वेधना बाजारों में पुनः तेजी की लहर चला देगा। 26 जनवरी को बुध का कुंभ राशि में आकर गुरु से दृष्टित होना बाजार में उतार-चढ़ाव के साथ मंदी का वातावरण बनाएगा। 31 जनवरी को शुक्र का मार्गी गति में आना बाजारों में पुनः तेजी का रूझान बना देगा। गुड़ व खांड़ मासारंभ में 2 जनवरी को गुरुवार के दिन चंद्र दर्शन 45 मुहूर्ती में होना बाजारों में मंदी का रूख दर्शाता है। 4 जनवरी को राहु का स्वाति नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश करना बाजारों में तेजी की लहर चला देगा। 5 जनवरी को शनि का विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश करना बाजारों में उतार-चढ़ाव का माहौल बनाए रखेगा। 6 जनवरी को बुध का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आकर मृगशिरा नक्षत्र को सर्वतोभद्रचक्र द्वारा वेधना तथा इसी दिन वक्री गति के शुक्र का पुनः धनु राशि में प्रवेशकर सूर्य व बुध से राशि संबंध बनाना बजारों में तेजी का रूझान ही बनाएगा। 8 जनवरी को वक्री गति के शुक्र का अस्त हो जाना बाजारों में तेजी का वातावरण बनाए रखेगा। 11 जनवरी को सूर्य का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र पर आकर मृगशिरा, पूर्वाभाद्रपद और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को आगे बढ़ाएगा। 12 जनवरी को शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों के रूख में बदलाव देकर मंदी का रूझान बना देगा। 14 जनवरी को सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना व मकर संक्रांति का 15 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन बुध का श्रवण नक्षत्र में आकर कृत्तिका नक्षत्र को वेधना तथा मंगल का चित्रा नक्षत्र में आकर पूर्वाभाद्र तथा दक्षिण वेध से मृगशिरा नक्षत्र को वेधना, ये योग बाजारों के रूख में बदलाव देकर पुनः तेजी का वातावरण बना देंगे। 16 जनवरी को वक्री गति के गुरु ग्रह का आद्र्रा नक्षत्र के चैथे चरण में आकर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र को वेधना बाजार में पूर्व चल रहे रूख को बनाए रखेगा। 24 जनवरी को सूर्य का श्रवण नक्षत्र पर आकर कृत्तिका नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का ही रूझान बनाएगा। 26 जनवरी को बुध का कुंभ राशि में आकर गुरु ग्रह से दृष्टित होना बाजार में मंदी का कारक बनेगा। 31 जनवरी को शुक्र का मार्गी गति में आ जाना बाजारों में पुनः तेजी का रूझान बना देगा। अनाजवान व दलहन मासारंभ में 2 जनवरी को गुरुवार के दिन चदरदर्शन 45 मुहूर्ती में होना गेहूं, जौ, चना, ज्वार इत्यादि अनाजवान तथा मूंग, मौठ, मसूर, अरहर इत्यादि दलहन में मंदी का योग दर्शाता है। 4 जनवरी को राहु का स्वाति नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश बाजारों में तेजी की लहर चला देगा। 5 जनवरी को शनि का विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश करना बाजारों में पूर्ववत रूख को बनाए रखेगा। 6 जनवरी को बुध का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आकर मृगशिरा नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ इत्यादि अनाजों में तेजी का वातावरण बनाएगा। 8 जनवरी को वक्री गति के शुक्र का अस्त हो जाना तथा बुध का मकर राशि में प्रवेश करना बाजारों में तेजी की लहर चला देगा। 11 जनवरी को सूर्य का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र पर आकर मृगशिरा, पूर्वाभाद्रपद और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी के रूझान को आगे बढ़ाएगा। 12 जनवरी को शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ, चना, ज्वार इत्यादि अनाजवान तथा मूंग, मौठ, मसूर इत्यादि दलहन के बाजार के रूख को बदलकर मंदी की लहर चला देगा। 14 जनवरी को सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश व मकर संक्रांति का 15 मुहूर्ती में आना तथा इसी दिन बुध का श्रवण नक्षत्र में आकर कृत्तिका नक्षत्र को वेधना तथा मंगल का चित्रा नक्षत्र पर आकर पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से मृगशिरा नक्षत्र को वेधना ये सभी योग बाजारों में मंदी का रूझान बना देंगे। 15 जनवरी को शुक्र का उदय हो जाना बाजारों में कुछ तेजी का रूख बनाएगा। 16 जनवरी को वक्री गति के गुरु का आद्र्रा नक्षत्र के चैथे चरण में आकर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र को वेधते रहना बाजारां में मंदी का वातावरण ही बनाएगा। 18 जनवरी को बुध का उदय हो जाना बाजार में मंदी का माहौल बनाए रखेगा। 22 जनवरी को बुध का धनिष्ठा नक्षत्र पर आकर विशाखा नक्षत्र को वेधना बाजार में उतार-चढ़ाव का वातावरण बनाएगा। 24 जनवरी को सूर्य का श्रवण नक्षत्र पर आकर कृत्तिका नक्षत्र को वेधना बाजारों के रूख को बदल कर पुनः तेजी की लहर चला देगा। 26 जनवरी को बुध का कुंभ राशि में आकर गुरु ग्रह से दृष्टित होना बाजार में मंदी का रूझान बना देगा। 31 जनवरी को शुक्र का मार्गी गति में आना बाजारों में पुनः तेजी का वातावरण बना देगा। घी व तेलवान मासारंभ में 2 जनवरी को गुरुवार के दिन चंद्र दर्शन 45 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी का योग दर्शाता है। 4 जनवरी को राहु का स्वाति नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश बाजारां में तेजी का रूख ही बनाएगा। 5 जनवरी को शनि का विशाखा नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश करना बाजारों में तेजी की लहर ही चलाएगा। 6 जनवरी को बुध का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र पर आकर मृगशिरा नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन वक्री शुक्र का पुनः धनु राशि में प्रवेश कर सूर्य व बुध से राशि संबंध बाजारों में कुछ मंदी के रूख के बाद तेजी का रूझान बनाए रखेगा। 8 जनवरी को वक्री शुक्र का अस्त हो जाना बाजारों में तेजी का योग ही दर्शाता है। 11 जनवरी को सूर्य का उत्तराषाढ़ा नक्षत्र पर आकर मृगशिरा, पूर्वाषाढ़ा और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को आगे चलाएगा। 12 जनवरी को शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव का वातावरण बनाएगा। 14 जनवरी को सूर्य का मकर राशि मं प्रवेश करना व मकर संक्रांति का 15 मुहूर्ती में आना तथा इसी दिन बुध का श्रवण नक्षत्र में आकर कृत्तिका नक्षत्र को वेधना तथा मंगल का चित्रा नक्षत्र में आकर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से मृगशिरा नक्षत्र को वेधना ये सभी योग बाजारों में तेजी का रूझान बना देगा। 15 जनवरी को शुक्र का उदय होना बाजारों की तेजी में वृद्धिकारक है। 16 जनवरी को वक्री गति के गुरु का आद्र्रा नक्षत्र के चैथे चरण में आकर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र को वेधते रहना बाजारों में मंदी का वातावरण बना देगा। 18 जनवरी को बुध का उदय हो जाना बाजारों में पुनः तेजी का रूख बना देगा। 22 जनवरी को बुध का धनिष्ठा नक्षत्र पर आकर विशाखा नक्षत्र को वेधना बाजारां में मंदी का रूझान बना देगा। 24 जनवरी को सूर्य का श्रवण नक्षत्र में आकर कृत्तिका नक्षत्र को वेधना बाजारों में पुनः तेजी की लहर चला देगा। 26 जनवरी को बुध का कुंभ राशि में प्रवेश कर गुरु ग्रह से दृष्टित होना बाजारों में मंदी का कारक बनता है। 31 जनवरी को शुक्र का मार्गी गति में आना बाजारों में पुनः तेजी का रूझान बना देगा।