ग्रह स्थिति एवं व्यापार
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ग्रह स्थिति एवं व्यापार  

व्यूस : 4895 | दिसम्बर 2013
गोचर फल विचार मासारंभ में गुरु और शुक्र ग्रह का समसप्तक योग में होना तथा सूर्य का शनि व राहु ग्रह से द्विद्र्वादश योग में होना राजनीति के क्षेत्र में आक्रात्मकता व अशांति का महौल बनाएगा। राजनीतिज्ञों में परस्पर विरोधाभास व द्वेष की भावना को और अधिक बढ़ाएगा। किसी विशिष्ट राजनीतिज्ञ के पदच्युत होने का भी योग बनाता है। 5 दिसंबर को शुक्र का मकर राशि में प्रवेश होना तथा गुरु ग्रह से षडाष्टक योग में आ जाना जन उपयोगी वस्तुओं में मंहगाई के अत्यधिक बढ़ जाने के कारण आम जनता के मनों में शासन के प्रति विद्रोह की भावना को बढ़ाएगा और जनता को आंदोलन करने पर विवश करेगा। समाज के उच्चस्तर के लोगों के मनोरंजन के साधनों को बढ़ायेगा तथा जनसंख्या में वृद्धि का योग भी बनाता है। 15 दिसंबर को पौष संक्रांति के रविवार के दिन होने के कारण सरकार द्वारा बनाई, गई नई-नई योजनाआं पर पूर्ण रूप से अमल नहीं होगा। शासन के प्रति लोगों के मन में विद्रोह की भावना को बढ़ायेगा कहीं स परिवर्तन का भी योग बनाता है। 20 दिसंबर को बुध का धनु राश में आकर सूर्य से राशि संबंध बनाना तथा शनि व मंगल से दृष्टित होना, आम जनता में शासन की गतिविधियों का विरोध के लिए हिंसात्मक आंदोलन के कारण जन-धन की हानि का संकेत देता है। सीमाओं पर भी सैन्य हलचल को बढ़ावा देगा। कहीं भारी वर्षा, आंधी, तूफान इत्यादि से और हलचल को बढ़ावा देगा और कहीं एकदम सूखे से खड़ी फसलों के लिए हानिकारक होगा। इस मास में पांच मंगलवारों का भी आना उपद्रवकारी तत्वों द्वारा हिंसक घटनाओं तथा अग्निकांड इत्यादि दुर्घटनाओं का संकेत बनाता है। सोना व चांदी मासारंभ में 1 दिसंबर को बुध ग्रह का वृश्चिक राशि में आकर सूर्य के साथ राशि संबंध बनाना तथा इनका शनि व राहु से द्विद्र्वादश योग में होना सोने व चांदी के बाजारों में तेजी का ही कारक बनता है। 2 दिसंबर को सूर्य का ज्येष्ठा नक्षत्र पर आकर पुष्य, अश्विनी व स्वाति नक्षत्रों को सर्वतोभद्रचक्र द्वारा वेधना बाजारों में तेजी की लहर ही चलायेगा। 3 दिसंबर को बुध का अनुराधा नक्षत्र में आकर अश्लेषा नक्षत्र का वेध करना बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ तेजी का माहौल बनाए रखेगा। 4 दिसंबर को बुधवार के दिन चंद्र दर्शन 30 मुहूर्ती में होना सोने व चांदी के बाजारों में कुछ मंदी की तरफ संकेत करता है। 5 दिसंबर को शुक्र का मकर राशि में प्रवेश करना तथा गुरु ग्रह से षडाष्टक योग में आना बाजारों के रुख में बदलाव देकर तेजी के रुझान मं ले जाएगा। 12 दिसंबर को बुध का ज्येष्ठा नक्षत्र पर आकर पुष्य नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को आगे चलायेगा। 15 दिसंबर को सूर्य का मूल नक्षत्र पर आकर पुनर्वसु, रेवती व चित्रा नक्षत्रों को वेधना तथा पौष संक्रांति का 45 मुहूर्ती में होना सोने में तेजी का ही कारक बनता है। इसी दिन मंगल का हस्त नक्षत्र में आकर उ.भा. नक्षत्र को तथा दक्षिण वेध से आद्र्रा नक्षत्र को वेधना भी बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ तेजी का ही रुख दर्शाता है। 20 दिसंबर को बुध का मूल नक्षत्र में आकर पुनर्वसु नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का माहौल बनाए रखेगा। 21 दिसंबर को शुक्र का वक्री गति में आना तथा गुरु ग्रह का पूर्व ही वक्री रहना ये योग बाजार के रुख को दो तरफा भी चला सकता है। बाजारों पर राजनीतिक प्रभाव भी पड़ेगा अतः व्यापारी वर्ग बजट की वर्तमान स्थिति का विशेष ध्यान रखें। 22 दिसंबर को गुरु ग्रह का पुनर्वसु नक्षत्र में चरण परिवर्तन करना चांदी में कुछ मंदी का योग बनायेगा, सोने को पूर्ववत रुख में ही रखेगा। 28 दिसंबर को सूर्य का पू.षा. नक्षत्र में प्रवेश करके आद्र्रा, उ.भा. व हस्त नक्षत्रों को वेधना सोने में तेजी की लहर को बनाए रखेगा। इसी दिन बुध ग्रह का भी पू.षा. नक्षत्र में प्रवेश कर आद्र्रा नक्षत्र का वेध करना तथा सूर्य के साथ नक्षत्र संबंध बनाना बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ आगे तेजी का रुझान ही बनाए रखेगा। गुड़ व खांड़ मासारंभ में 1 दिसंबर को बुध ग्रह का वृश्चिक राशि में आकर सूर्य के साथ राशि संबंध बनाना तथा इनका शनि व राहु से द्विद्र्वादश योग में होना बाजारों में तेजी की लहर ही बनाएगा। 2 दिसंबर को सूर्य का ज्येष्ठा नक्षत्र में आकर सर्वतोभद्रचक्र द्वारा पुष्य, अश्विनी व स्वाति नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी के रुख को आगे बढ़ाएगा। 3 दिसंबर को बुध ग्रह का अनुराधा नक्षत्र पर आकर आश्लेषा नक्षत्र का वेध करना बाजारों में उतार-चढ़ाव का योग बनाता है। 4 दिसंबर को बुध के दिन चंद्रदर्शन 30 मुहूर्ती में होना गुड़ के बाजार को मंदी की लहर में ले जायेगा। 5 दिसंबर को शुक्र का मकर राशि में प्रवेश करना तथा गुड़ के बाजार की मंदी को तेजी की लहर में ले जायेगा। 12 दिसंबर को बुध का ज्येष्ठा नक्षत्र पर आकर पुष्य नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी के माहौल में वृद्धि करेगा। 15 दिसंबर को सूर्य का मूल नक्षत्र पर आकर पुनर्वसु, रेवती व चित्रा नक्षत्रों को वेधना तथा पौष संक्रांति का 45 मुहूर्ती में होना गुड़ के बाजार में तेजी की लहर को और आगे बढ़ायेगा। इसी दिन मंगल का हस्त नक्षत्र में आकर उ.भा. नक्षत्र को तथा दक्षिण वेध से आद्र्रा नक्षत्र को वेधना भी गुड़ में तेजी का रुख ही दर्शाता है। खांड़ में पूर्ववत रुख को बनाए रखेगा। 20 दिसंबर को बुध का मूल नक्षत्र में आकर पुनर्वसु नक्षत्र को वेधना बाजारों में चल रही पूर्व लहर को आगे चलायेगा। 21 दिसंबर को शुक्र ग्रह का वक्री गति में आना तथा गुरु ग्रह का पूर्व ही वक्री गति में होना बाजारों के लिए तेजीदायक है। यह योग बाजार को दो तरफा भी ले जा सकता है। व्यापारी वर्ग इन दिनों बाजार की स्थिति को विशेष ध्यान में रखें। 22 दिसंबर को गुरु ग्रह का पुनर्वसु नक्षत्र में चरण परिवर्तन करना बाजारों में तेजी का ही कारक बनता है। 28 दिसंबर को सूर्य का पू.षा. नक्षत्र में प्रवेश करके आद्र्रा, उ.भा. व हस्त नक्षत्रों को वेधना गुड़ में तेजी के रुझान को और आगे बढ़ाएगा। इसी दिन बुध का भी पू. षा. नक्षत्र में प्रवेश कर आद्र्रा नक्षत्र का वेध करना तथा सूर्य से नक्षत्र संबंध बनाना बाजारों में आगे तेजी की लहर ही बनाए रखेगा। अनाजवान व दलहन मासारंभ में 1 दिसंबर को बुध ग्रह का वृश्चिक राशि में आकर सूर्य के साथ राशि संबंध बनाना तथा इनका शनि व राहु से द्विद्र्वादश येाग में होना गेहूं, जौ, चना, ज्वार, बाजरा इत्यादि अनाजवान तथा मूंग, मौंठ, मसूर, अरहर इत्यादि दलहन के बाजार में तेजी का ही योग बनाएगा। 2 दिसंबर को सूर्य का ज्येष्ठा नक्षत्र पर आकर पुष्य, अश्विनी व स्वाति नक्षत्रों को सर्वतोभद्रचक्र द्वारा वेध करना बाजारों में तेजी की ही लहर चलायेगा। 3 दिसंबर को बुध का अनुराधा नक्षत्र में आकर आश्लेषा नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ, चना इत्यादि अनाजवान में तेजी का रुझान बनाए रखेगा। 4 दिसंबर को चंद्र दर्शन बुधवार के दिन 30 मुहूर्ती में होना बाजारों में कुछ उतार-चढ़ाव का माहौल बनाएगा। 5 दिसंबर को शुक्र का मकर राशि में प्रवेश करना तथा गुरु ग्रह से षडाष्टक योग बनाना बाजारों में तेजी की लहर ही चलाएगा। 12 दिसंबर को बुध का ज्येष्ठा नक्षत्र पर आकर पुष्य नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ, चना, ज्वार, बाजरा इत्यादि अनाजवान तथा मूंग, मौंठ, मसूर को सूर्य का मूल नक्षत्र पर आकर पुनर्वसु, रेवती व चित्रा नक्षत्रों को वेधना तथा पौष संक्रांति का 45 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी का सूचक बनता है। इसी दिन मंगल का हस्त नक्षत्र में आकर उ.भा. नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का ही रुख दर्शाता है। 20 दिसंबर को बुध का मूल नक्षत्र पर आकर पुनर्वसु नक्षत्र को वेधना अनाजवान में उतार-चढ़ाव के साथ तेजी का ही रुझान बनाए रखेगा। 21 दिसंबर को शुक्र का वक्री गति में आ जाना तथा देवगुरु बृहस्पति का पूर्व ही वक्री रहना गेहूं, मौंठ, मसूर इत्यादि दलहन में पूर्व रुख को ही बनाए रखेगा। बाजार पर राजनीतिक प्रभाव के कारण व्यापारी वर्ग इन दिनों बाजार की स्थिति को विशेष ध्यान में रखें। 22 दिसंबर को गुरु ग्रह का पुनर्वसु नक्षत्र में चरण परिवर्तन करना अनाजों में तेजी की लहर ही चलायेगा। 28 दिसंबर को सूर्य का पू.षा. नक्षत्र में प्रवेश करके आद्र्रा, उ.भा. व हस्त नक्षत्रों को वेधना गेहूं, जौ इत्यादि अनाजवान में तेजीदायक होगा तथा इसी दिन बुध ग्रह का भी पू.षा. नक्षत्र पर प्रवेश कर आद्र्रा नक्षत्र का वेध करना तथा सूर्य के साथ नक्षत्र संबंध बनाना अनाजों तथा दालवान के बाजार में आगे उतार-चढ़ाव का माहौल बनाए रखेगा। घी व तेलवान मासारंभ में 1 दिसंबर को बुध ग्रह का वृश्चिक राशि में आकर सूर्य के साथ राशि संबंध बनाना तथा इनका राहु व शनि से द्विद्र्वादश योग में होना बाजारों में तेजी का योग बनाएगा। 2 दिसंबर को सूर्य का ज्येष्ठा नक्षत्र पर आकर सर्वतोभद्रचक्र द्वारा पुष्य, अििश्वनी व स्वाति नक्षत्रों को वेधना बाजारों में तेजी के रुख को आगे बढ़ाएगा। 3 दिसंबर को बुध का अनुराधा नक्षत्र पर आकर अश्लेषा नक्षत्र को वेधना बाजारों के रुख में बदलाव देकर मंदी की लहर चला देगा। 4 दिसंबर को बुधवार के दिन चंद्रदर्शन 30 मुहूर्ती में होना भी बाजारों में पूर्व रुख को बनाए रखेगा। 5 दिसंबर को शुक्र का मकर राशि में प्रवेश करना तथा गुरु ग्रह से षडाष्टक योग में आ जाना घी के बाजार में मंदी के रुख को बदलकर तेजी का रुझान बना देगा। 12 दिसंबर को बुध का ज्येष्ठा नक्षत्र पर आकर पुष्य नक्षत्र को वेधना घी में तेजी की लहर को और आगे चलाएगा। तेलवान में कुछ तेजी का माहौल बनाएगा। 15 दिसंबर को सूर्य का मूल नक्षत्र पर आकर पुनर्वसु, रेवती व चित्रा नक्षत्रों को तथा पौष संक्रांति का 45 मुहूर्ती में होना घी व तेलवानों में तेजी की ही लहर चलाएगा। इसी दिन मंगल का हस्त नक्षत्र में आकर उ.भा. नक्षत्र को वेधना तथा दक्षिण वेध से आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का ही माहौल दर्शाता है। 20 दिसंबर को बुध का मूल नक्षत्र पर आकर पुनर्वसु नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का ही सूचक है। 21 दिसंबर को शुक्र का वक्री गति में आना तथा गुरु ग्रह का पूर्व से ही वक्री गति में होना बाजारों में उतार-चढ़ाव का माहौल बनाएगा। व्यापारी वर्ग बाजार के वर्तमान रुख को इन दिनों विशेष ध्यान में रखें। 22 दिसंबर को गुरु ग्रह का पुनर्वसु नक्षत्र पर चरण परिवर्तन करना बाजारों में तेजी का ही योग बनाता है। 28 दिसंबर को सूर्य का पू.षा. नक्षत्र पर प्रवेश कर आद्र्रा, उ.भा. व हस्त नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन बुध ग्रह का भी पू.षानक्ष्त्र में प्रवेश कर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना तथा सूर्य के साथ नक्षत्र संबंध बनाना बाजारों में तेजी की लहर को आगे बनाए रखेगा।



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