गोचर फल विचार इस मास में धनु राशि पर मंगल व शनि की दृष्टि होने से उपद्रवी तत्व अराजकता को बढ़ावा देंगे तथा किसी प्रमुख राजनीतिज्ञ का घोटाला प्रकाश में आएगा। इस मास में राजनीति क्षेत्र अधिक सक्रिय रहेगा। 14 अप्रैल को सूर्य का केतु के साथ मेष राशि से संबंध बनाकर शनि व राहु से समसप्तक योग में आ जाना आम जनता में भय और अशांति का माहौल बनाएगा। राजनीतिज्ञों में परस्पर विरोधाभास को बढ़ावा देकर आंतरिक कलह से शासकीय परिवर्तन का संकेत भी देता है। पड़ोसी देशों द्वारा सीमाओं पर तनावपूर्ण माहौल पैदा किया जाएगा और गुप्त शत्रुओं में वृद्धि करेगा। देश के प्रमुख राजनीतिज्ञ के लए अशुभता का संकेत देता है। 20 अप्रैल को बुध का भी सूर्य व केतु से संबंध बनाकर शनि व राहु से समसप्तक योग में आ जाना पूर्वी क्षेत्रों में उग्रवादी तत्वों द्वारा हानि का योग बनाता है। कुछ क्षणों में अग्निकांड, सड़क दुर्घटनाओं व प्राकृतिक प्रकोपों से जन धन की हानि का कारक बनता है। उत्तरी क्षेत्रों में आंधी और भारी वर्षा का और पश्चिमी क्षेत्रों में अल्प वर्षा का संकेत बनाता है।
सोना व चांदी मासारंभ में 1 अप्रैल को चंद्र दर्शन मंगलवार के दिन 30 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी का रूख ही दर्शाता है। 4 अप्रैल को बुध का मीन राशि में आकर सूर्य के साथ संबंध बनाना तथा मंगल से दृष्टित होना बाजारों में तेजी की लहर को आगे बढ़ाएगा। 6 अप्रैल को बुध का उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में आकर सर्वतोभद्रचक्र में हस्त नक्षत्र को वेधना तथा शुक्र का शतभिषा नक्षत्र में आकर स्वाति नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का रूझान बनाए रखेगा। 13 अप्रैल को वक्री मंगल का हस्त नक्षत्र में उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र तथा दक्षिण वेध से आद्र्रा नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन बुध का रेवती नक्षत्र पर आकर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को वेधना चांदी के रूख में बदलाव देकर मंदी का वातावरण बना देगा।
सोने को पूर्ववत तेजी के रूख में ही रखेगा। 14 अप्रैल को सूर्य का अश्विनी नक्षत्र में आकर रोहिणी, ज्येष्ठा व पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रों को वेधना तथा वैशाख मास की संक्रांति का 30 मुहूर्ती में आना और इसी दिन बुध ग्रह का अस्त भी हो जाना, ये योग बाजारों में तेजी का रूख ही दर्शाते हैं। 18 अप्रैल को शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना चांदी में पुनः तेजी की लहर चला देगा। 20 अप्रैल को बुध का अश्विनी नक्षत्र मंे आकर रोहिणी नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का ही रूझान बना देगा। 24 अप्रैल को गुरु का पुनर्वसु नक्षत्र में आकर मूल नक्षत्र को वेधना चांदी में मंदी के रूख का संकेत देता है।
26 अप्रैल को बुध का भरणी नक्षत्र में आकर मघा नक्षत्र को वेधना बाजारों में उतार-चढ़ाव का माहौल अधिक बना देगा। 27 अप्रैल को सूर्य का भरणी नक्षत्र में आकर कृत्तिका, मघा व अनुराधा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का मीन राशि में आकर मंगल से दृष्टित होना बाजारों में तेजी की लहर चला देगा। चांदी में विशेष तेजी का योग बनाता है। 29 अप्रैल को भौमवती अमावस्या का आना बाजारों में तेजी का ही योग बनाता है। 30 अप्रैल को बुधवार के दिन चंद्र दर्शन 30 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन शुक्र का उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र पर आकर हस्त नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी का रूख बना देगा। गुड़ व खांड़ मासारंभ में 1 अप्रैल को चंद्र दर्शन मंगलवार के दिन 30 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी का योग ही दर्शाता है। 4 अप्रैल को बुध का मीन राशि में आकर सूर्य के साथ संबंध बनाना तथा मंगल से दृष्टित होना बाजारों में तेजी का रूख बनाए रखेगा। 6 अप्रैल को बुध का उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में आकर हस्त नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का शतभिषा नक्षत्र पर आकर स्वाति नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर को आगे चलाएगा।
13 अप्रैल को मंगल का हस्त नक्षत्र में आकर उत्तराभाद्रपद तथा दक्षिण वेध से आद्र्रा नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन बुध का रेवती नक्षत्र में आकर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी ही दायक बनता है। 14 अप्रैल को सूर्य का अश्विनी नक्षत्र पर आकर रोहिणी, ज्येष्ठा व पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्रों को वेधना तथा वैशाख मास की संक्रांति का 30 मुहूर्ती में आना तथा इसी दिन बुध का अस्त हो जाना ये योग बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ तेजी का ही संकेत बनाते हैं। व्यापारी वर्ग बाजार के वर्तमान रूख को विशेष ध्यान में रखें। 18 अप्रैल को शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों में पूर्व रूख को बरकरार रखेगा। 20 अप्रैल को बुध का अश्विनी नक्षत्र पर आकर रोहिणी नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की ही लहर चलाएगा।
24 अप्रैल को गुरु का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारांे में मंदी का वातावरण बना देगा। 26 अप्रैल को बुध का भरणी नक्षत्र पर आकर मघा नक्षत्र को वेधना बाजारों में पुनः तेजी की लहर चला देगा। 27 अप्रैल को सूर्य का भरणी नक्षत्र में आकर कृत्तिका, मघा व अनुराधा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का मीन राशि में आकर मंगल से दृष्टित होना ये योग बाजारों में तेजी का रूझान ही बनाए रखेंगे। 29 अप्रैल को भौमवती अमावस्या का आना भी बाजारों में तेजी का रूख ही दर्शाता है। 30 अप्रैल को चंद्र दर्शन बुधवार के दिन 30 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन शुक्र का उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र पर आकर हस्त नक्षत्र को वेधना बाजारों में मंदी का वातावरण बना देगा।
अनाजवान व दलहन मासारंभ में 1 अप्रैल को चंद्र दर्शन मंगलवार के दिन 30 मुहूर्ती में होना मूंग, मौठ, मसूर इत्यादि दलहन तथा गेहूं, जौ, चना, ज्वार इत्यादि अनाजवानों में तेजी का योग ही दर्शाता है। 4 अप्रैल को बुध का मीन राशि में आकर सूर्य के साथ राशि संबंध बनाना तथा मंगल से दृष्टित होना बाजारांे में पूर्व रूख को आगे बढ़ाएगा। 6 अप्रैल को बुध का उत्तराभाद्र नक्षत्र में आकर हस्त नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का शतभिषा नक्षत्र में आकर स्वाति नक्षत्र को वेधना ये योग बाजारों में उतार-चढ़ाव के बाद तेजी का वातावरण ही बनाएंगे। 13 अप्रैल को मंगल का हस्त नक्षत्र पर आना तथा इसी दिन बुध का रेवती नक्षत्र पर आकर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को वेधना बाजारों में पूर्व रूख को बनाए रखेगा। 14 अप्रैल को सूर्य का अश्विनी नक्षत्र में आकर रोहिणी, ज्येष्ठा व पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्रों को वेधना तथा वैशाख संक्रांति का 30 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन बुध ग्रह का अस्त हो जाना ये योग बाजारों को मंदी की लहर में ले जाएंगे।
18 अप्रैल को शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों में पूर्व मंदी का रूख बनाए रखेगा। 20 अप्रैल को बुध का अश्विनी नक्षत्र पर आकर रोहिणी नक्षत्र को वेधना बाजारों के रूख को बदल कर तेजी के रूझान में ले जाएगा। 24 अप्रैल को गुरु ग्रह का पुनर्वसु नक्षत्र पर आकर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी का माहौल ही बनाता है। 26 अप्रैल को बुध का भरणी नक्षत्र में आकर मघा नक्षत्र को वेधना भी बाजारों में तेजी की लहर ही चलाता है। 27 अप्रैल को सूर्य का भरणी नक्षत्र में आकर कृत्तिका, मघा व अनुराधा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का मीन राशि में आकर मंगल से दृष्टित होना बाजारों में जोरदार उतार-चढ़ाव के साथ बाजार को दो तरफा भी ले जा सकता है। व्यापारी वर्ग बाजार की वर्तमान स्थिति को विशेष ध्यान में रखें। 29 अप्रैल को भौमवती अमावस्या का होना बाजारों में तेजी का ही योग दर्शाता है। 30 अप्रैल को बुधवार के दिन चंद्र दर्शन 30 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन शुक्र का उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में आकर हस्त नक्षत्र को वेधना गेहूं, जौ, चना, ज्वार इत्यादि अनाजों तथा मूंग, मौठ, मसूर इत्यादि दलहन में मंदी की लहर चला देगा।
घी व तेलवान मासारंभ में 1 अप्रैल को चंद्र दर्शन मंगलवार के दिन 30 मुहूर्ती में होना बाजारों में तेजी का योग ही दर्शाता है। 4 अप्रैल को बुध का मीन राशि में आकर सूर्य के साथ मेल व मंगल से दृष्टित होना बाजारों में तेजी का ही कारक बनता है। 6 अप्रैल को बुध का उत्तराभाद्रपद नक्षत्र पर आकर सर्वतोभद्रचक्र द्वारा हस्त नक्षत्र को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का शतभिषा नक्षत्र पर आकर स्वाति नक्षत्र को वेधना बाजार में पूर्व चल रहे रूख को बनाए रखेगा। 13 अप्रैल को मंगल का हस्त नक्षत्र में आकर उत्तरा भाद्रपद और आद्र्रा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन बुध का रेवती नक्षत्र पर आकर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर ही चलाएगा। 14 अप्रैल को सूर्य का अश्विनी नक्षत्र पर आकर रोहिणी, ज्येष्ठा व पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रों को वेधना तथा वैशाख मास की संक्रांति का 30 मुहूर्ती में आना और इसी दिन बुध ग्रह का भी अस्त हो जाना बाजारों में उतार-चढ़ाव के बाद तेजी का रूख ही दर्शाता है।
18 अप्रैल को शुक्र का पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र पर आकर आद्र्रा नक्षत्र को वेधना बाजारों के रूख में बदलाव देकर मंदी की लहर चला देगा। 20 अप्रैल को बुध का अश्विनी नक्षत्र पर आकर रोहिणी नक्षत्र को वेधना बाजारांे को पुनः तेजी के रूझान में ले जाएगा। 24 अप्रैल को गुरु ग्रह का पुनर्वसु नक्षत्र में आकर मूल नक्षत्र को वेधना बाजारांे में तेजी का वातावरण बनाए रखेगा। 26 अप्रैल को बुध का भरणी नक्षत्र पर आकर मघा नक्षत्र को वेधना बाजारों में तेजी की लहर बनाए रखेगा। 27 अप्रैल को सूर्य का भरणी नक्षत्र में आकर कृतिका, मघा व अनुराधा नक्षत्रों को वेधना तथा इसी दिन शुक्र का मीन राशि में आकर मंगल से दृष्टित होना तेलों में उतार-चढ़ाव का योग बनायेगा लेकिन घी में तेजी का रूझान ही बनाएगा। 29 अप्रैल को भौमवती अमावस्या का होना बाजारां में तेजी का योग ही दर्शाता है। 30 अप्रैल को चंद्र दर्शन बुधवार के दिन 30 मुहूर्ती में होना तथा इसी दिन शुक्र का उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में आकर हस्त नक्षत्र को वेधना बाजारांे में उतार-चढ़ाव के बाद मंदी का रूख बना देगा।