फेंगशुई
फेंगशुई

फेंगशुई  

डी.आर. उमरे
व्यूस : 10162 | दिसम्बर 2010

फेंगशुई ( बिना तोड़-फोड के वास्तु सुधार) आचार्य डी. आर. उमरे कुछ दिशा एवं वातावरण हमारे लिए लाभदायक नहीं होते, कुछ मकान हमारे लिए अनुकूल नहीं होते, कुछ परिस्थितियों में दरवाजे की दिशा बदलना या मकान में बाह्य परिवर्तन करना संभव नहीं होता। ऐसे में हम मकान को बदलने की सोचने लगते हैं।

इस समय फेंगशुई हमारे लिए लाभदायक सिद्ध होता है जिसके द्वारा बिना तोड़-फोड़ किये थोड़े से परिवर्तन व फेंगशुई उपकरणों (क्योर्स) के द्वारा आसानी से घर को सुख शांति और समृद्धि से परिपूर्ण किया जा सकता है। फेंगशुईका शब्दिक अर्थ है हवा और पानी अर्थात् विन्ड और वाटर। हवा और पानी हमारे जीवन के आवश्यक मूलभूत तत्व हैं। जल एवं वायु प्राचीनकाल से सशक्त ऊर्जा शक्ति मानी जाती है। वायु ऊर्जा को वितरित करती है एवं जल संचित करता है।

इसी हवा और पानी के नाम से पहचाने जाने वाला यह चीनी वास्तु शास्त्र का मुखय आधार भारतीय वास्तु ही है जिसका संबंध प्रकृति के पांच तत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु व आकाश है। फेंगशुई में वायु और आकाश के स्थान पर काष्ठ (लकड़ी) तथा धातु को स्थान दिया गया है।

जिससे रचनात्मक तथा विनाशक क्रम का निर्माण होता है। फेंगशुई विज्ञान दरअसल सकारात्मक एवं नकारात्मक ऊर्जा (पॉजिटिव तथा नैगेटिव एनर्जी) की गति को निर्धारित व नियंत्रित कर जीवन में सामंजस्य व संतुलन बनाता है। फेंगशुई के अनुसार घर की दिशा अथवा जीवन के किसी क्षेत्र में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सकारात्मक ऊर्जा की कमी के कारण बढ़ जाता है। फलस्वरूप समस्याएं जन्म लेने लगती हैं। किंतु यदि हम उस क्षेत्र में सकरात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाकर संतुलन बना दें तो जीवन में सामंजस्य उत्पन्न हो जाएगा।

फेंगशुई जीवन में सामंजस्य और संतुलन स्थापित कर मनुष्य को स्वास्थ्य, सुख, समृद्धि और प्रगति प्रदान करता है। यह वास्तुकला पांच हजार वर्ष पूर्व भारत से चीनी यात्रियों द्वारा तिब्बत के रास्ते चीन पहुंची। जहां चीनी गुरुओं ने इसमें अनेक अनुसंधान कर जन-जन के विकास और समृद्धि के लिए लोकप्रिय बना दिया। उन्होंने ज्ञात किया कि वातावरण के साथ समरसता स्थापित करके मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाया जा सकता है, मौसम और स्थानीय वातावरण को देखते हुए फेंगशुई में सुरक्षा और सुविधा के लिए कुछ और आयाम जोड़ दिये।


Know Which Career is Appropriate for you, Get Career Report


आज सारे विश्व में फेंगशुई की लोकप्रियता चरम सीमा पर है। फेंगशुई का मूल आधारभूत उद्देश्य है घर की स्थिति, बनावट उसके अंदर व बाहर की व्यवस्था इस प्रकार से की जाये जिससे प्राकृतिक ऊर्जाओं व साधनों का अधिक लाभ मनुष्य मात्र को मिल सके ताकि वह सुखी, समृद्धशाली जीवन यापन कर सकें। अच्छा घर होना प्रत्येक व्यक्ति की अतिमहत्वपूर्ण आकांक्षा होती है। अपनी गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा वह अपने सपनों के रंग भरने में खर्च कर देता है, किंतु इसी घर में जब कोई समस्या उत्पन्न हो जाती है तो फेंगशुई हमें यह समझने में मदद करता है कि इस समस्या का मुखय कारण क्या है और उसे कैसे ठीक किया जा सकता है। कुछ दिशा एवं वातावरण हमारे लिए लाभदायक नहीं होते, कुछ मकान हमारे लिए अनुकूल नहीं होते, कुछ परिस्थितियों में दरवाजे की दिशा बदलना या मकान में बाह्य परिवर्तन करना संभव नहीं होता।

ऐसे में हम मकान को बदलने की सोचने लगते हैं। इस समय फेंगशुई हमारे लिए लाभदायक सिद्ध होता है जिसके द्वारा बिना तोड़-फोड़ किये थोड़े से परिवर्तन व फगें शुई उपकरणा ें (क्यासे र्) क े द्वारा आसानी से घर को सुख शांति और समृद्धि से परिपूर्ण किया जा सकता है। फेंगशुई को समझने के लिए पाकुआ चार्ट को समझना जरूरी है यह अष्टभुजा आकृति बहुत शुभ व महत्वपूर्ण तथा रहस्यमय तथ्यों से युक्त मानी जाती है। भारतीय वास्तुशास्त्र की आठ दिशाओं की तरह यह अष्टकोणीय पाकुआ हमारे जीवन की विभिन्न अभिलाषाओं के साथ उससे संबंधित तत्व, रंग संयोजन एवं दिशा का ज्ञान भी करता है।

भारतीय वास्तु के मध्य भाग के ब्रह्म स्थान के समान इसके भी केंद्र को ब्रह्म का स्थान माना जाता है। यह पूर्ण स्वच्छता का स्थान है, यह स्वास्थ्य एवं एकता का स्थान है इस स्थान की शक्तियां जीवन के आठ पहलुओं को भी प्रभावित करती है। इसे हम नीचे दिये गये पाकुआ चार्ट द्वारा समझ सकते हैं- जिसमें दखिण पूर्व दिशा काष्ठ तत्व धन-सम्पदा, सुख-समृद्धि का स्थान है।

दक्षिण दिशा प्रसिद्धि, यश एवं अग्नि तत्व का स्थान है। दक्षिण-पश्चिम पृथ्वी तत्व तथा दाम्पत्य सुख एवं रिश्तों का स्थान है। पश्चिम दिशा धातु तत्व रचनात्मक कार्य तथा बच्चों का स्थान है। उत्तर-पश्चिम धातु तत्व, जन सहयोग एवं शुभ चिंतक आदि का स्थान है, उत्तर दिशा जल तत्व, व्यापार, व्यवसाय की सफलता तथा कैरियर का स्थान है।


अपनी कुंडली में राजयोगों की जानकारी पाएं बृहत कुंडली रिपोर्ट में


उत्तर पूर्व दिशा (कोण) पृथ्वी तत्व, शिक्षा, आंतरिक ज्ञान व व्यक्तिगत विकास का स्थान माना जाता है। पूर्व दिशा काष्ठ तत्व, श्रेष्ठ व्यक्ति, परिवार, बुजुर्ग आदि का स्थान है। केंद्र को एकता व स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। हमारा शरीर पांच तत्वों से बना है, प्रकृति की भी पांच ऊर्जा शक्ति जिन्हें हम-फायर एनर्जी, अर्थ एनर्जी, मैटल एनर्जी, वुड एवं वाटर एनर्जी के प्रति त्रिभुज, वर्गाकार, गोलाकार, आयताकार व वेव (लहरें) के प्रतीक चिह्न से जानते हैं।

इन्हें विशेष स्थान पर रखने से नैगेटिव एनर्जी का प्रभाव कम होकर पॉजिटिव एनर्जी प्रभावशाली हो जाती है। फेंगशुई में दोष निवारक सहायक वस्तुएं दर्पण, पौधे, प्रकाश व्यवस्था, क्रिस्टल वाल, जल, घण्टी, बांसुरी आदि एवं रंग हैं, इसके अतिरिक्त कई महत्वपूर्ण सौभाग्यशाली चिह्न हैं जिनके सहयोग से अनेक समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। ये शुभ वस्तुएं हैं- ड्रैगन, सफेद टाइगर, काला कछुआ, फिनिक्स पक्षी, क्रिस्टल बाल, विन्डचाईम्स (घण्टी), डालफिन जोड़ा, मछली घर (मिथिकाल वर्ल्ड), स्टोन, फूल एवं रंग संयोजन आदि इनके प्रयोग से नैगेटिव ऊर्जा के स्थान पर पॉजिटिव ऊर्जा शक्ति का प्रवाह होने लगता है जिससे जीवन में स्वास्थ्य, यश, धन, समृद्धि, सुख व शांति में वृद्धि होती है।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.