फगशुई शास्त्र में सब कुछ ‘‘ची’’ अर्थात् सकारात्मक ऊर्जा पर आधारित है। घर परिवार में सुख समृद्धि लाने तथा ऊर्जा का प्रवाह सही रखने के लिए चीनी लोग वास्तु शास्त्र जैसे सिद्धांत फेंगशुई पर विश्वास करते हैं।
पति-पत्नी के सौभाग्य के लिए फेंगशुई के प्रतीक चिह्न रहस्यमय गांठ: इसका आदि अंत दिखाई नहीं देता। इसे प्रेम की गांठ भी कहते हैं। यह लाल रंग की होती है। इसे शयनकक्ष में दक्षिण पश्चिम दिशा के कोने में रखते हैं। इसका उपयोग करने से पति-पत्नी के संबंधों में तनाव दूर होता है और प्रगाढ़ता आती है।
मछलियों की जोड़ी: इससे ऐसी सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है जिससे पति-पत्नी में आकर्षण बढ़ता है और दांपत्य में सामंजस्य बना रहता है। इससे तलाक की संभावना नहीं रहती है। इसे घर में रखने से दोनों के बीच आपसी तालमेल बढ़ता है। इसे भोजन करने वाली जगह (डाइनिंग टेबिल पर) रखना चाहिए।
हाथियों का जोड़ा: फंेंगशुई में हाथियों का जोड़ा संतान सुख की प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में गणेश जी का मुंह हाथी का है और वे मंगलकारी हैं। अतः जो दंपति निःसंतान हों उन्हें शयनकक्ष में बिस्तर के पास हाथियों के जोड़े की मूर्ति रखनी चाहिए। वैसे यह सुख समृद्धि का भी प्रतीक है।
हंसों का जोड़ा: यह प्यार व रोमांस का प्रतीक है। उड़ते हंसों के जोड़े की मूर्ति वैवाहिक जीवन को सफल, सुखी और खुशहाल बनाता है।
गुलाबी क्वाटर््ज: यह एक प्रकार का गुलाबी स्फटिक है। यह लाॅकेट के रूप में मिलता है। यह शांति, प्यार और प्रसन्नता बनाए रखने में सहायक होता है। पति-पत्नी एक दूसरे को इसका हृदय के आकार का लाकेट उपहार में दे सकते हैं। यह गुलाबी अंगूर के गुच्छे के रूप में भी मिलता है। इसे शयनकक्ष के दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। इससे बिगड़ते संबंध सुधरते हैं। संक्षेप में फेंगशुई छोटी-छोटी समस्याओं व परेशानियों को दूर करने में शत प्रतिशत तो नहीं परंतु कुछ हद तक प्रभावकारी होता है। यह घर में सुख-शांति बनाए रखता है तथा जीवन को सफल व खुशहाल बनाने में सहायक सिद्ध होता है।
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