फ्यूचर समाचार पत्रिका के पिछले अंक में आपको चक्र व व्यक्ति तथा वास्तु में रंगों का महत्व क्या है इससे अवगत कराया गया था, हर लेख में यूनीवर्सल थर्मो स्कैनर के बारे में आपको बताया गया है, इस अंक में आपको यूनीवर्सल थर्मो स्कैनर का प्रयोग हम किस प्रकार तथा किस-किस स्थान पर कर सकते हैं उसका विवरण प्रस्तुत करेंगे, साथ ही साथ हम एक और मशीन ‘हार्मोनाइजर’ जिससे मानव शरीर की ऊर्जा को संतुलित किया जाता है उसकेे विषय में भी विस्तार से चर्चा करेंगे। यूनीवर्सल थर्मो स्कैनर का आविष्कार डाॅ. मन्यम मूर्ति ने किया।
ये न्यूक्लियर एटोमिक वैज्ञानिक रहे हैं। इन्हीं के अथक प्रयासों के कारण ही स्कैनर जैसी एक वैज्ञानिक पद्धति से हर चीज को साबित करने वाला यंत्र हमारे पास आ सका है। प्राचीन काल से आज तक हम ‘वास्तु’ दिशाओं के आधार पर करते हैं। अब हमें एक कदम आगे जाना है तथा वास्तु को ऊर्जा के साथ संबद्ध करते हुए हम इसको यूनीवर्सल थर्मो स्कैनर की सहायता से नाप सकते हंै। मानव शरीर भी ऊर्जा से बनी है।
ऊर्जा प्रकाश के रूप में है, प्रकाश इंद्रधनुषीय रंगों से मिलकर बनता है। ये प्रकाश ही हमारे जीवन को पोषित करते हैं और ये ऊर्जा के रूप में हमें कितना प्राप्त होे रहा है और घर में रहने वाले सदस्यों पर इसका कितना प्रभाव हो रहा है, इसकी जांच हम थर्मो स्कैनर की सहायता से कर सकते हैं। इस ऊर्जा रूपी प्रकाश मंे असंतुलन होने से यह हमारे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक व पारस्परिक संबंधों में समस्या उत्पन्न कर सकता है।
हम यूनीवर्सल थर्मो स्कैनर की सहायता से घर में किस प्रकार की ऊर्जा का प्रवाह हो रहा है, वह नकारात्मक है या सकारात्मक इससे अवगत हो सकते हैं। हम जिस घर में रहते हैं उसका ऊर्जा क्षेत्र कितना है, क्या उस घर में इतनी सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होे रही है जो उस घर में रहने वाले सदस्यों के स्वास्थ्य, आर्थिक व पारस्परिक संबंधों को ठीक रख सके। उस घर में कौन से रंग की कमी है, किस वस्तु से नकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होे रही है, यह सब हम स्कैनर की सहायता सेेे जांच कर सकते हैं। हमारे घर में कौन से पंचतत्वों की कमी है यह भी हम जांच कर सकते हैं जैसे- दक्षिण-पूर्व कोण कंपनशक्ति का आग्नेय कोण कहा जाता है अर्थात यहां पर अग्नि तत्व की प्रधानता है। सूर्य से गिरने वाली किरणों में लाल और पीलेे रंग की ऊर्जा मिलकर वहां पर अग्नि तत्व की ऊर्जा को पैदा करती है।
यदि हमारे घर का यह कोना कटा है तो घर में उस कोने में वह रंग प्रवाहित न होने के कारण अग्नि तत्व की कमी रह जाती है। इन सब ऊर्जाओं की जांच हम स्कैनर की सहायता से कर सकते हैं। व्यक्ति के शरीर की ऊर्जा की जांच भी हम यूनीवर्सल थर्मो स्कैनर की सहायता से कर सकते हैं कि उस व्यक्ति के कौन-कौन से चक्र उसके शरीर कोे सही प्रकार से ऊर्जा प्रदान नहीं कर रहे हैं तथा उसकी वजह से शरीर के कौन-कौन से अंगों में कितनी ऊर्जा कम हो रही है, कहां पर सबसे कम ऊर्जा है तथा किस अंग में शारीरिक रूप सेे बीमारी आने वाली है या आ चुकी है।
यह हम स्कैनर की सहायता सेे उस व्यक्ति के बिना बोले बता सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली नहीं है तथा उसे अपने जन्म का समय और तारीख भी पता नहीं है, अब भी हम स्कैनर की सहायता सेे उस व्यक्ति को किस ग्रह की कंपनशक्ति की कमी है तथा उसको कौन सा रत्न धारण करना चाहिए, जांच कर सकते हैं।
इसके साथ ही साथ उस रत्न में कितनी सकारात्मक ऊर्जा है तथा वह रत्न उस व्यक्ति को 100 प्रतिशत सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर रहा है या नहीं जांच कर सकते हैं क्योंकि आपने सही रत्न भी पहना है लेकिन उसमें 100 प्रतिशत सकारात्मक ऊर्जा नहीं है तथा वह आपकी आंतरिक संरचना के अनुकूल भी नहीं है तो वह आपको कोई भी ऊर्जा प्रदान करने में सक्षम नहीं होगा।
स्कैनर की सहायता से हम रत्न की सकारात्मक ऊर्जा तथा उस व्यक्ति की आंतरिक संरचना के अनुकूल ऊर्जा की जांच करके दे सकते हैं तथा साथ ही साथ यह भी नाप सकते हैं कि उस रत्न को धारण करने के बाद उस व्यक्ति का ऊर्जा क्षेत्र कितना बढ़ा है। इसके अतिरिक्त स्कैनर की सहायता से हम अपनी ऊर्जा की दूसरे व्यक्ति की ऊर्जा के साथ कितनी अनुकूलता है यह भी जांच कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि किसी लड़का और लड़की की शादी होने वाली है तो हम स्कैनर की सहायता से यह बता सकते हैं कि उन दोनों के बीच कितनी ऊर्जात्मक अनुकूलता है। इसी प्रकार यदि आप किसी के साथ कोई व्यापार शुरु करना चाहते हैं या कोई भी काम करना चाहते हैं तो भी हम उस साथी के साथ अपनी ऊर्जात्मक अनुकूलता की जांच कर सकते हैं या आप अपनी कोई टीम बनाना चाहते हैं तो आप अपनी ऊर्जा के अनुकूल व्यक्ति की जांच करके अपने दल मंे शामिल कर सकते हैं। हम अपनी कंपनी या किसी का भी नाम रखने से पहले उस नाम की सकारात्मक ऊर्जा तथा उसकी आपके नाम या आपके और आपके साथी के नाम के साथ कितनी ऊर्जात्मक अनुकूलता है जांच कर सकते हैं।
इसी प्रकार यदि आप कोई वाहन, मकान या प्लाॅट खरीदना चाहते हैं तो उसके साथ भी आपकी ऊर्जात्मक अनुकूलता कितनी है, इसका पता लगाया जा सकता है। इसका विशेष कारण यह है कि आपकी ऊर्जात्मक अनुकूलता आपके साथी, वाहन, मकान आदि के साथ पूरी 100 प्रतिशत आती है तो आपका तालमेल उस व्यक्ति के साथ या उस स्थान के साथ बहुत अच्छा होगा।
आप दोनों के बीच ऊर्जात्मक अनुकूलता जितनी कम होगी उतनी ही आपको उससे संबंधित समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इन सबके अतिरिक्त यदि कोई व्यक्ति किसी शारीरिक समस्या से ग्रसित होकर किसी दवाई का सेवन कर रहा है तो वह दवाई आपके ऊपर कितना प्रभाव डाल रही है इसकी जांच भी हम स्कैनर की सहायता से कर सकते हैं।
यूनीवर्सल थर्मो स्कैनर का प्रयोग एग्रीकल्चर के क्षेत्र में भी बहुत उपयोगी है। इसकी सहायता से हम मिट्टी की सकारात्मक ऊर्जा कितनी है जांच सकते हैं तथा बीज हम बोने वाले हैं, उनकी सकारात्मक ऊर्जा की जांच कर सकते हैं तथा 100 प्रतिशत सकारात्मक ऊर्जा वाले बीज की बुआई करने से फसल की पैदावार बहुत अच्छी होगी।
यदि पौधों में कोई बीमारी अण्ड के रूप में आयी है तो उन्हें पहचान कर उस बीमारी को पूरी फसल में फैलने से रोकने में सक्षम रहेंगे। यूनीवर्सल थर्मो स्कैनर का प्रयोग हम किसी भी क्षेत्र में कर सकते हैं तथा यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित भी है। यूनीवर्सल थर्मो स्कैनर के साथ ही हम एक और मशीन का प्रयोग करते हैं जो मनुष्य की ऊर्जा को संतुलित करने का कार्य करती है। इसका आविष्कार डाॅ मन्यम मूर्ति ने ही किया है।
इसको हार्मोनाइजर कहा जाता है। इस मशीन के प्रयोग से हम व्यक्ति के अंदर जो भी नकारात्मक ऊर्जा है उसको शरीर से बाहर निकालने का कार्य करते हैं तथा उस व्यक्ति के चक्र यदि पूर्ण रूप से व्यक्ति के शारीरिक अंगों को ऊर्जा प्रदान नहीं कर पा रहे हैं, उनकी ऊर्जा को भी हम हार्मोनाइजर की सहायता से संतुलित करने का कार्य करते हैं, यदि किसी अंग में कोई समस्या उत्पन्न हो जाती है तो ऊर्जात्मक रूप से उसका भी उपचार किया जाता है। यदि कोई भी बीमारी व्यक्ति में बीज के रूप में है जैसे- कैंसर, तपेदिक, अस्थमा, डाइबिटीज आदि तो हार्मोनाइजर की सहायता से हम उसको आगे बढ़ने से रोक देते हैं तथा उसको ऊर्जात्मक रूप से खत्म कर सकते हैं।
जिस प्रकार रेकी व प्राणिक हीलिंग का प्रयोग व्यक्ति की ऊर्जा को संतुलित करने में करते हैं उसी प्रकार हम हार्मोनाइजर द्वारा व्यक्ति की समस्त ऊर्जाओं में संतुलन स्थापित करते हैं तथा नकारात्मक ऊर्जा को शरीर से निकालते हैं तथा सकारात्मक ऊर्जा को रंगों के द्वारा चक्रों और अंगों को ऊर्जित करते हैं।
यह एक ऐसा यंत्र है जो हर रेकी मास्टर और प्राणिक हीलिंग करने वाले के पास होनी चाहिए क्योंकि हीलिंग करने वाला अपनी समस्त ऊर्जा को समेटकर बहुत सारे लोगों को ऊर्जा प्रदान कर सकता है तथा उसके स्वयं की भी सुरक्षा का ध्यान उसे रखना पड़ता है जिससे वह नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से बचा रहे। हार्मोनाइजर की सहायता से हम स्वयं को सुरक्षित रख व्यक्ति को पूरी तरह सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं।
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