हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत जानकारी दी जा रही है...
डाॅ. उर्वशी बंधु आपका व्यवसाय यदि कम हो गया हो या किसी ने उसे बांध दिया हो, तो दीपावली से पूर्व धनतेरस के दिन पूजा स्थल पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर ‘धनदा यंत्र’ को स्थापित करें और धूप, दीप दिखाएं, नैवेद्य अर्पित करें। यह क्रिया करते समय मन ही मन श्रीं श्रीं मंत्र का जप करते रहें। प्रतिदिन नहा धोकर यंत्र का निष्ठापूर्वक दर्शन करें।
दीपावली पूजन के समय 501 ग्राम छुहारों का पूजन करें। उनका तिलक करें, धूप दीप से आरती उतारें, प्रसाद का भोग लगाएं और रात्रि भर पूजा स्थान पर रखा रहने दें। अगले दिन उन्हें लाल चमकीले या मखमली कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें। 51 दिन तक प्रतिदिन एक रुपया किसी भी मंदिर में माता लक्ष्मी को अर्पित करें। इससे वर्ष भर लक्ष्मी स्थिर रहती है।
कोर्ट कचहरी में मुकदमा चल रहा हो तो पांच गोमती चक्रों को दीपावली के दिन पूजन पर रखें। जब तारीख पर कोर्ट जाना हो तो उन्हें जेब में रख कर जाएं, जाते समय मन ही मन ईश्वर से विजय की प्रार्थना करते रहें, सफलता प्राप्त होगी।
यदि आपका उधार लिया हुआ पैसा कोई लंबे अरसे से नहीं लौटा रहा हो तो, उस व्यक्ति का नाम लेकर ग्यारह गोमती चक्र पर तिलक लगा कर, इष्ट देव का स्मरण कर, उससे निवेदन करें, कि मेरा पैसा जल्द से जल्द लौटा दो।
इसके बाद पूजित गोमती चक्रों को पीपल के वृक्ष के पास जमीन में दबा दें। व्यापार में हानि, धन नाश, बढ़ते कर्ज, व्यापार में बाधा आदि से मुक्ति पाने के लिए। दीपावली के दिन श्वेतार्क गणपति को गंगाजल से स्नान कराकर लाल वस्त्र पर रखें।
फिर उनके समीप लाल चंदन का एक टुकड़ा, ग्यारह धनदायी कौड़ियां, ग्यारह गोमती चक्र एवं तांबे की पादुकाएं या तांबे का एक टुकड़ा रखें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं और सफेद कागज पर लाल चंदन से अपनी दुकान का नाम लिखकर इसी सामग्री के पास रखें।
लाल चंदन की माला से ‘‘¬ गं गणपतये नमः’’ का एक माला जप करें। लाल चंदन की माला न हो तो रुद्राक्ष की माला से भी जप कर सकते हैं। फिर सारी सामग्री को उसी लाल वस्त्र में लपेट कर पोटली बना लें और उसे लाल मौली या रिबन से बांधें, धूप दीप दिखाएं व व्यापार स्थल में उत्तर पूर्व दिशा में बांध दें।
नित्य प्रातः व्यापार शुरू करने से पहले, उसे धूप दीप दिखाएं। ऐसा करते समय मन ही मन गणपति के पूर्वोक्त मंत्र का जप करते रहे। ऋण मुक्ति का यह बहुत प्रभावी उपाय है। गाय को प्रतिदिन दो रोटी तेल लगाकर गुड़ रखकर खिलाएं, पक्षियों को दाना व जल दें और अपनी आय में से दो गरीबों को भरपेट भोजन कराते रहें, लाभ होगा। कार्यसिद्धि के लिए कार्यसिद्धि यंत्र अत्यंत फलदायी है।
अपनी मनोकामना को लाल चंदन से भोजपत्र पर लिख लें। लाल या पीले वस्त्र पर कार्यसिद्धि यंत्र स्थापित करें। अगरबत्तियां व घी का दीपक जलाएं और आरती उतारें। कार्य सिद्ध हो जाने पर प्रभु के नाम पर कोई सत्कार्य जैसे कार्य करने को कहें।
उदाहरणतया पांच गरीबों को भोजन कराने, या घर में भजन कीर्तन कराने या फिर कोई भी सेवा करने का प्रण करें, कार्य सिद्ध हो जाने पर उसे भूलें नहीं। अब भोजपत्र को तह करके कार्यसिद्धि यंत्र के नीचे रख दें। नित्य प्रति पांच अगरबत्तियां जलाएं और प्रतिदिन इक्कीस बार यंत्र के सामने अपनी भोजपत्र पर लिखी मनोकामना को दाहे राए,ं अगरबत्तिया ंे का े मख्ु यद्वार पर लगाएं।
कुछ ही दिनों में आपका कार्य सिद्ध हो जाएगा। यदि कमाई का कोई जरिया न हो, तो एक गिलास कच्चे दूध में, चीनी डाल कर जामुन वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं। यह क्रिया धनतेरस से शुरू करें और चालीस दिन लगातार करें। कभी-कभी सफाई कर्मचारी को चाय की 250 ग्राम पत्ती या सिगरेट दान करें। सफेद धागे में दीपावली पूजन के पश्चात तांबे का सिक्का गले में पहनें। उस दिन रसोईघर में बैठकर भोजन करें।
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