दीपावली के सिद्ध मुहूर्त में मनोवांछित फल प्राप्ति हेतु विभिन्न उपचार पोटलियां आचार्य रमेश शास्त्री, फ्यूचर पाॅइंट कार्तिके प्रदोषे तु विशेषेण अमावस्या निशावर्धके, तस्यां सम्पूज्येत् देवी भोग मोक्ष प्रदायिनी।। कार्तिक अमावस्या को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। यह परम पवित्र त्योहार धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को प्रदान करने वाला त्योहार है।
हमारे हिंदू धर्म दर्शन में अन्य देवी देवताओं के साथ धन और ऐश्वर्य की देवी लक्ष्मी का प्रमुख स्थान है। उनकी पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और सुख, समृद्धि, आयु, आरोग्य, आनंद की प्राप्ति होती है। अपनी विशेष कामना के अनुसार श्रद्ध ा-विश्वासपूर्वक दीपावली की रात्रि से यंत्र-मंत्र-तंत्र की साधना का शुभारंभ करने से कार्य सिद्धि शीघ्र होती है। अपनी समस्या के अनुसार कोई भी व्यक्ति दीपावली से निम्न पोटलियों में वर्णित सामग्री के द्वारा अपने घर में अथवा अपने कार्यालय अथवा व्यवसाय स्थल पर पूजन कर सकते हैं।
दीपावली पूजन पोटली: इस पोटली में महालक्ष्मी यंत्र, स्फटिक लक्ष्मी-गणेश, स्फटिक श्री यंत्र, लक्ष्मी जी का चांदी का लाॅकेट, कमल गट्टे की माला और लक्ष्मी पूजन विधि की पुस्तिका भी उपलब्ध है। इस संपूर्ण सामग्री को दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन मुहूर्त में पुस्तिका में दी गई विधि के अनुसार लक्ष्मी का पूजन स्वयं करें अथवा किसी कर्मक¬ांडी ब्राह्मण से करवाएं।
दीपावली पूजन सामग्री की विशेषताः लक्ष्मी यंत्र स्वयं महालक्ष्मी का स्वरूप है। स्फटिक से बने यंत्र एवं देव मूर्तियां विशेष फलदायी होती हैं। इनके पूजन से मनोनुकूल फल की प्राप्ति शीघ्र होती है। चांदी में बने लक्ष्मी जी का यंत्र लाॅकेट दीपावली में धारण करना विशेष शुभ फलदायी होता है। कमल गट्टे की माला पर लक्ष्मी मंत्र का जप शीघ्र सिद्धि प्रदान करता है।
मंत्र: ¬ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ¬ महालक्ष्म्यै नमः
संपूर्ण व्यापार वृद्धि पोटली: इस पोटली में कुबेर यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र, 11 के मुखी रुद्राक्ष लाॅकेट (चांदी की चे नसहित), सन सितारा श्री यं त्र, सन सितारा लक्ष्मी गणेश के सेट, नवरत्न श्री यंत्र लाॅकेट और कमल गट्टे की माला का समावेश है। महालक्ष्मी एवं कुबेर यंत्र के पूजन से धनागम के रास्ते खुलते हैं, आय के स्रोतों में वृद्धि होती है। ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को धारण अथवा उसका पूजन करने से दुख बीमारियों से रक्षा होती है। सन सितारा श्री यंत्र के पूजन दर्शन से स्थिर लक्ष्मी तथा यश, पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। सन सितारा लक्ष्मी गणे श क े पू जन स े सभी विघ्न-बाधाओं से रक्षा होती है और व्यापार में सुख समृद्धि बनी रहती है। नवरत्न श्री यंत्र लाॅकेट को धारण करने से नवग्रहों के अशुभ फल की शांति होती है।
पूजन विधि: इस संपूर्ण सामग्री को दीपावली की रात्रि में पूजन के समय गंगाजल अथवा शुद्ध जल से धोकर पंचामृत से स्नान कराएं और गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप से पूजन करें। फिर यंत्रों को अपने व्यवसाय स्थल की उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें। 11 मुखी रुद्राक्ष एवं नवरत्न लाॅकेट गले में धारण करें। निम्न मंत्र का नित्य एक माला जप करें।
मंत्र: ¬ श्रीं ह्रीं श्रीं लक्ष्मी रूपाय मम व्यापार वृ(िं कुरु कुरु स्वाहा।
संपूर्ण पारिवारिक सुख-समृद्धि पो¬टली: इस पोटली में स्फटिक श्री यंत्र, वास्तु यंत्र, मातंगी यंत्र, गौरी शंकर रुद्राक्ष का लाॅकेट, चांदी की चेन सहित, एवं दक्षिणावर्ती तथा स्फटिक बाॅल का समावेश है। स्फटिक से बने श्री यंत्र का घर में पूजन दर्शन करने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। वास्तु यंत्र के पूजन से घर में वास्तु संबंधी दोषों की शांति होती है। मातंगी यंत्र के पूजन से पारिवारिक सौहार्द में वृद्धि होती है। गौरी शंकर रुद्राक्ष को धारण करने से पति-पत्नी के रिश्तों में मधुरता बनी रहती है। दक्षिणावर्ती शंख के पूजन से घर में लक्ष्मी का वास होता है। स्फटिक बाॅल लटकाने से बच्चों का पढ़ाई में ध्यान लगा रहता है।
इस संपूर्ण सामग्री को दीपावली के दिन पंचामृत से गंगाजल से शुद्ध करके गंध, अक्षत, फूल, धूप, दीप से पूजन करके सभी यंत्रों को घर के पूजा स्थल में स्थापित करें, दक्षिणावर्ती शंख की नित्य पूजा करें अथवा सूर्य को जल का अघ्र्य दें। गौरी शंकर रुद्राक्ष गले में धारण करें अथवा नित्य उसकी पूजा करें। इस विधि से पूजन स्थापन करने से पारिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है। परिवार का कोई भी सदस्य निम्नलिखित मंत्र का नित्य 108 बार जप करे।
मंत्र: सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।
मधुर संबंध पोटली: इस पोटली में प्रेम वृद्धि यंत्र, छःमुखी रुद्राक्ष ला¬ॅकेट, (चांदी की चेन सहित), रुद्राक्ष और स्फटिक माला, स्फटिक गणेश, जरकन, नीली और चांदी लाॅकेट का समावेश है। पति-पत्नी के बीच मधुर संबंधों के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। प्रेम वृद्धि यंत्र के पूजन-दर्शन से परस्पर प्रेम में वृद्धि होती है। छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से दाम्पत्य सुख प्राप्त होता है। जरकन व नीली लाॅकेट को धारण करने से वैवाहिक जीवन में स्थायित्व बनता है। स्फटिक गणेश की घर में पूजा करने से शांति प्राप्त होती है। इस संपूर्ण सामग्री को दीपावली की रात्रि को गंगाजल अथवा शुद्ध जल से अभिषिक्त करके पंचोपचार पूजन करके गणपति जी की मूर्ति को तथा प्रेमवृद्धि यंत्र को घर के पूजा स्थान में स्थापित करें। नीली व जरकन लाॅकेट तथा छह मुखी रुद्राक्ष को गले में धारण करें। स्फटिक रुद्राक्ष माला से नित्य एक माला निम्नलिखित मंत्र का जप करें।
मंत्र: ¬ उमामहेश्वराभ्यां नमः
स्वास्थ्य लाभ पोटली: इस पोटली में महामृत्युंजय यंत्र, महामृत्युंजय लाॅकेट (चांदी में), स्फटिक शिवलिंग, रुद्राक्ष माला और चांदी की चेन सहित सात मुखी रुद्राक्ष के लाॅकेट का समावेश है। महामृत्यंुजय यंत्र तथा लाॅकेट स्वयं भगवान महामृत्यंुजय का स्वरूप है। स्फटिक शिवलिंग की पूजा करने से शारीरिक तथा मानसिक व्याधियों से रक्षा होती है। सातमुखी रुद्राक्ष को धारण करने से असाध्य बीमारियों से मुक्ति मिलती है। इस संपूर्ण सामग्री को दीपावली को रात्रि के समय पंचामृत से अभिषिक्त करके गंध, अक्षत, फूल, धूप, दीप आदि से पूजन करके महामृत्युंजय मंत्र तथा स्फटिक शिवलिंग को पूजा घर की उत्तर दिशा में स्थापित करें। नित्य पूजन दर्शन करते रहें। महामृत्युंजय लाॅकेट तथा सातमुखी रुद्राक्ष को गले में धारण करें तथा निम्नलिखित मंत्र का नित्य एक माला जप करें।
मंत्र: ¬ नमः शिवाय
विजयी भव पोटली: इस पोटली में बगलामुखी मंत्र, बगलामुखी यंत्र (ला¬ॅकेट चांदी में) सन सितारा श्री यंत्र, चांदी की चेन सहित आठ मुखी रुद्राक्ष का लाॅकेट तथा हल्दी की माला का समावेश है। बगलामुखी यंत्र के पूजन से प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष शत्रुओं के षड्यंत्र से रक्षा होती है। लाॅकेट तथा आठ मुखी रुद्राक्ष को गले में धारण करने से जीवन में अनावश्यक भय तथा संकोच नहीं रहता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। कोर्ट-कचहरी, रा¬जनीति आदि कार्यों में विजय मिलती है। सनसितारा श्री यंत्र के पूजन से सभी ओर से यश, धन और ख्याति प्राप्त होती है।
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