भविष्य में होने वाले दहन लाभ कों जानिए
भविष्य में होने वाले दहन लाभ कों जानिए

भविष्य में होने वाले दहन लाभ कों जानिए  

व्यूस : 8550 | जुलाई 2009
भविष्य में होने वाले धन लाभ को जानिए भारती आनंद एक कहावत है- 12 साल बाद कूड़ेदान के भी दिन बदलते हैं। यह कहावत मनुष्य पर भी चरितार्थ होती है। कभी-कभी किसी व्यक्ति का अधिकांश जीवन कष्टों में गुजरता है। इस दौरान उसे धन के साथ-साथ अन्य सारी सुख सुविधाओं के अभाव का सामना करना पड़ता है। अचानक उसके जीवन में एक ऐसा मोड़ आता है, जब उसे पर्याप्त धन और अन्य सारी सुख सुविधाओं की प्राप्ति हो जाती है। जी.टीवी के एक ‘लाॅटरी प्रोग्राम’ ने छात्रों, मजदूरों, गृहिणियों और सामान्य कार्य करने वालों को अकस्मात अमीर बना दिया। अखबारों में भी अक्सर खबरें आती रहती हैं कि गुरबत में दिन बिताने वाले अमुक व्यक्ति को अकस्मात ढेर सारा धन प्राप्त हुआ। लक्ष्मी किस पर कब मेहरबान हो जाए, किसी को पता नहीं। बिल गेट्स, रिलायंस के धीरू भाई अंबानी, गुलशन कुमार, किरण बेदी, फिल्म स्टार अक्षय कुमार, आरनोल्ड श्वार्जनेगर, लेखिका जे.के. रोलिंग सब निम्न या मध्यम वर्ग के लोग थे किंतु आगे चलकर इन्होंने अपनी मिहनत और किस्मत की बदौलत दौलत, सोहरत और इज्जत हासिल की और आज सफलता के शीर्ष पर हैं। हर व्यक्ति के हाथों की रेखाओं में अचानक धनपति होने का योग तो होता है, किंतु नक्षत्रों की प्रतिकूलता या दोष के कारण फलित नहीं हो पाता। हाथों की रेखाओं, चिह्नों आदि तथा ग्रहों के किन स्थितियों में अकस्मात धन की प्राप्ति होती है, इसका विश्लेषण यहां प्रस्तुत है। भाग्य रेखा जीवन रेखा से दूर हो, चंद्र से निकल कर कोई पतली रेखा भाग्य रेखा में मिलती हो, जीवन, भाग्य व मस्तिष्क रेखाओं में त्रिकोण बनता हो और ये रेखाएं दोष रहित हों, उंगलियां सीधी हों किंतु हाथ पतला न हो ग्रह समुचित रूप से विकसित हो तो जातक को अकस्मात धन की प्राप्ति की संभावना रहती है। उसें विदेश, व्यापार, यात्रा आदि से भी धन प्राप्त होता है। विवाह रेखा दोषरहित हो और गुरु पर्वत पर जाए, हाथ भारी हो, उंगलियां सीधी हों, मस्तिष्क रेखा दोषरहित हो और हाथ में मोटी रेखाओं का जाल न हो, तो जातक को ससुराल से या किसी आत्मजन से अकस्मात धन मिलता है। सूर्य रेखा दोषमुक्त हों और अनेक हों, हाथ भारी और कोमल हांे, शनि व सूर्य की उंगलियां सीधी हों, भाग्य रेखा मणिबंध से सीधी शनि पर जाए, तो धन लाभ प्राप्ति की प्रबल संभावना रहती है। चंद्र पर्वत से कोई दोषमुक्त रेखा भाग्य रेखा में मिले, भाग्य रेखा मोटी न हो तथा उस पर द्वीप न हो और यह शनि ग्रह पर समाप्त हो और हाथ भारी तथा कोमल हो तो अन्य लोगों से धन प्राप्त होता है। भाग्य रेखा चंद्र क्षेत्र से शनि ग्रह तक जाती हो, जीवन रेखा से कोई रेखा शनि ग्रह तक जाती हो, हाथ कोमल और ग्रह उन्नत हों, जीवन रेखा गोल हो, भाग्य रेखाएं एक से अधिक हों और शनि की उंगली लंबी तथा सूर्य की सीधी हो, तो जातकं को बड़े लोगों से धन की प्राप्ति होती है। जीवन रेखा गोल और मस्तिष्क रेखा द्विभाजित हो, सूर्य रेखाएं दो हों, शनि की उंगली सीधी तथा गुरु एवं सूर्य की बराबर हों, मस्तिष्क रेखा दोषमुक्त हो और उसमें त्रिकोण हो, हृदय रेखा में ऊपर त्रिकोण हो, हाथ भारी और ग्रह उच्च हो तो अकस्मात धन योग बनता है। इस तरह अकस्मात धन की प्राप्ति के ये कुछ प्रमुख योग और लक्षण हैं। किंतु, हाथ में इन तथा इन जैसे अन्य लक्षणों के होते हुए भी यदि जातक को धन की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो इसका अर्थ है कि उसके ग्रह प्रतिकूल हैं और धन आगमन में अड़चन डाल रहे हैं। इस प्रतिकूल स्थिति से मुक्ति के लिए किसी गुणी, विद्वान और कुशल हस्तरेखा शास्त्री से सलाह लेनी चाहिए।



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