शनि मंगल की युति हिंसा और उपद्रव का कारण बनकर आम जनता को दुःख दे सकती है। इसका अर्थ है कि आने वाला समय काफी कष्टपूर्ण हो सकता है। शनि-मंगल, दोनों ग्रह वृश्चिक में 20 फरवरी से 18 सितंबर तक अपना कहर बरपाते रहेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि इन दो ग्रहों का मिलन दुनिया की पश्चिम दिशा में एक भयानक युद्ध का संकेत भी हो सकता है। यह ग्रह युति सत्ता की कुर्सी पर बैठे लोगों को चैन से नहीं सोने देगी। कूर्म चक्र पद्धति के अनुसार भारत की पश्चिमी सीमा यानि पाकिस्तान के बॉर्डर और भारत से पश्चिम में मध्य-एशिया में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं।
इसके अतिरिक्त इस अवधि में इस युति के अलावा गुरु-राहु का भी सिंह राशि में युति संबंध बन रहा है। एक ओर जहां गुरु ग्रह धर्म, धन-सम्पदा और नैतिक मूल्यों के कारक माने गए हैं, दूसरी ओर राहु एक राक्षस ग्रह है। ये दोनों ग्रह मिलकर गुरु-चांडाल-योग बनाते हैं, जो समाज में नैतिक मूल्यों के पतन और राजनीति में परम्पराओं और मर्यादाओं के छिन्न-भिन्न होने का योग है। गुरु और राहु की इस युति पर शनि की दृष्टि पड़ रही है जो आने वाले कुछ दिनों में वैश्विक तेजी, राजनैतिक उठा-पटक और युद्ध के माहौल से भारत सहित विश्व के कई देशों में अभूपूर्व उथल-पुथल पैदा कर सकती है। दूसरी ओर पश्चिमी देशों की बात करें तो अमेरिका की कुंडली सिंह लग्न की है, जिस पर आतंकी हमलों का साया मंडराने लगा है।
आने वाले समय में पश्चिमी देश आपात काल जैसे हालातों से गुजर सकते हैं, जो कि 9/11 की याद ताजा कर देंगे। इसके साथ ही कोरियाई देशों में आपस में टकराव अपने चरम पर पहुंच सकता है। ISIS को नियंत्रित करने के लिए विश्व के प्रमुख देश दोहरी भूमिका का पालन कर सकते हैं। इस अवधि में अमेरिका, सऊदी अरब, सीरिया और रूस में तनातनी भी पश्चिम एशिया में युद्ध जैसे हालात पैदा कर देगी। साथ ही इस अवधि में प्रचंड गर्मी के कारण सूखे के हालात बन सकते है। कहा भी गया है कि - मंगल शनि वक्रै हुई, जगत पीर सब थाई। अल्प मेह दुख राजा को, घनी चलत जग बाई।। अर्थात ज्योतिष ग्रन्थ भविष्यफल भास्कर के अनुसार मंगल और शनि एक साथ वक्री हों तब युद्ध, अकाल और कम वर्षा से मनुष्य और पशुओं दोनों को भारी कष्ट होता है। संयोग से इस वर्ष मंगल और शनि दोनों वृश्चिक राशि में गर्मी के पूरे मौसम के दौरान वक्री अवस्था में रहेंगे।
उपरोक्त ग्रहस्थिति के कारण इस वर्ष 26 जून 2016 को भूमध्य रेखा पर व 16 अक्तूबर 2016 को उत्तरी गोलार्द्ध में भूकंप की संभावना बनेगी लेकिन यह रिक्टर स्केल पर 7.0 तीव्रता तक का ही होगा। इस वर्ष शुक्र 2 मई से 1 जुलाई तक अस्त रहेंगे। इसके कारण 30 अप्रैल से 4 जुलाई तक शुभ मुहूर्तों का अभाव रहेगा। शुक्र इस वर्ष का राजा भी है। अतः उसके अस्त होने के कारण जनता परेशान रहेगी व अराजकता फैलेगी। विभिन्न राशियों पर ग्रह योग का फल मेष- शनि-मंगल की युति अष्टम भाव में होने के कारण मेष राशि के जातकों के स्वास्थ्य पर असर होगा, जिसके कारण आपके स्वभाव में क्रोध एवं चिड़चिड़ापन बढ़ेगा। धन के विषयों में धोखा हो सकता है।
आप गुप्त शक्तियों को जानने के लिए उत्सुक रहेंगे। बनते हुए कार्यों में अचानक से व्यर्थ की बाधाएं आ सकती हैं। शैक्षिक क्षेत्र में आशा के विपरीत परिणाम आ सकते हैं एवं संतान से वैचारिक मतभेद की स्थिति बन सकती है।
वृषभ: इस अवधि में आपके शत्रु हावी हो सकते हैं। भाग्य में अचानक रुकावट महसूस हो सकती है। यात्राओं के व्यय व्यर्थ हो सकते हैं। अस्पताल और न्यायालय के दर्शन होने की भी संभावना है। कमर में दर्द की शिकायत हो सकती है। धन के सम्बन्ध में सावधान रहने की आवश्यकता है और कर्ज लेने की स्थिति बन सकती है। जीवनसाथी से सम्बन्ध बिगड़ सकते हैं। वैवाहिक जीवन में तनाव और क्रोध की स्थिति बन सकती है।
मिथुन: शनि मंगल का योग आपके लिए शुभ रहेगा। आपको स्वास्थ्य, कारोबार, नौकरी और हर क्षेत्र में खुशी मिलेगी, केवल सतर्कता बनाए रखनी होगी। यदि आप नौकरी करते हैं तो मनोनुकूल नौकरी में परिवर्तन हो सकता है। नई एवं अच्छी नौकरी मिलने के संकेत बने हुए हैं। विद्या में उन्नति होगी। व्यापार में धोखा मिल सकता है। मन की इच्छाएं पूर्ण होंगी। आपके लिए यह गोचर कुछ हद तक बेहतर रहने वाला है।
कर्क: आपकी राशि के लिए भूमि, भवन को लेकर तीव्र विवाद की प्रबल संभावनाएं बन रही हैं। संतान पक्ष से भी निराशा प्राप्त होने के योग हैं। पारिवारिक स्थिति में और अधिक बिखराव हो सकता है। आपको वाहनों के कारण घुटनों में चोट लग सकती है। सांस लेने में रूकावट हो सकती है। कर्म क्षेत्र में कमी के योग बन रहे हैं। इस अवधि में आपको स्वयं को शांत रखना होगा। आपका मनोबल कमजोर बना हुआ है।
सिंह: इस अवधि में आपकी सुख शान्ति प्रभावित हो सकती है। आपका स्वास्थ्य कमजोर रहेगा इसलिए अपना ख्याल रखें। धन संपत्ति के विषयों को लेकर सतर्क रहें। बड़ा लेन देन करते समय सावधानी रखना हितकारी रहेगा। बहुत ज्यादा विश्वास करने से बचें। अति आत्मविश्वास करना हानि का कारण बन सकता है। इस समय आपको कुछ विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है जिसके लिए मन थोड़ा कुंठित भी हो सकता है। माता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा।
कलिए मंगल शनि की वृश्चिक में युति शुभ फल प्रदान करेगी। इस समय में आपके अपने मित्रों, बंधुओं और सगे संबंधियों से संबंध प्रगाढ़ रहेंगे। आपके साझेदार का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। कुछ पुराने विवादों की वजह से रिश्तों में कुछ तनाव आ सकता है। व्यर्थ के व्यय हो सकते हैं। बढ़ते हुए व्यय आपकी चिंता का कारण बन सकता है। यह आपके संचित धन में कमी कर सकती है। विद्या में सफलता मिलेगी।
तुला: आपकी राशि के लिए शनि-मंगल का मिलन मिला-जुला रहेगा। आपके लिए छोटी-मोटी परेशानियां बनी रहेंगी, लेकिन इस दौरान संयम बनाए रखें। अचानक आर्थिक लाभ मिलने के संकेत बन रहे हैं। आपको यह शनिे-मंगल योग अतिउत्साही और आक्रामक बनाएगा, इसलिए संयम से काम लें। कार्यक्षेत्र में आप आगे से आगे बढ़कर प्रदर्शन करेंगे। आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
वृश्चिक: इस अवधि में आपके स्वास्थ्य सुख में कमी होगी। आपके अति-आत्मविश्वास के कारण लोग आपसे दूर भी जा सकते हैं। ज्यादा जोखिम लेने और हठी स्वभाव के कारण आप अपने दोस्तों का विश्वास खो सकते हैं। समझदारी पूर्वक कार्य कर आप विवादों से बच सकते हैं। हालाँकि यह युति आपके आजीविका क्षेत्र में उत्तम परिणाम देगी। आपके दैनिक व्यय बढ़ेंगे। इस अवधि में विदेश यात्रा के भी योग बन रहे हैं
धनु: शनिे-मंगल का योग आपके मन एवं स्वास्थ्य पर असर करेगा। स्वयं पर यथासंभव नियंत्रण बनाए रखें। इस अवधि में आपका भाग्य साथ नहीं दे रहा है। शुभ कार्य भी बाधित हो रहे हैं। बनते कार्यों में विघ्न आने से तनाव की स्थिति बन सकती है। पूरे बल से प्रयास करने पर आपकी इच्छाओं की पूर्ति होगी। लाभ के अवसर बनेंगे। भाईयों से अनबन होगी। इस योग में आप दूर की यात्राओं पर जा सकते हैं।
मकर: यह समय संपत्तियों का विस्तार करने और उनसे लाभ कमाने के लिए अनुकूल है। इस योग के दौरान आप भूमि विषयों से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अपने लिए नवीन भवन ले सकते हैं। सहकर्मियों और बड़ों से संबंध मधुर बना रहेगा। परिवार के लोगों के साथ विचार बांटने के अवसर बनेंगे। भाग्य आपके साथ है, इसलिए इसका भरपूर लाभ उठाएँ। राजनीति में सफलता मिलेगी। उच्च पद्वी के योग हैं।
कुम्भ: मंगल शनि का मिलना कुंभ राशि के लिए शुभ साबित रहेगा। आपकी आर्थिक मामलों में प्रगति होगी तथा मान-सम्मान प्राप्त होगा। भाग्य में उन्नति होगी। विदेश से लाभ होगा। पैतृक संपत्ति में नुकसान के योग हैं। इस समय आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी जिससे आपका आने वाला कल बेहतर होगा। अपने कार्यों का आनंद लें और अपना शत-प्रतिशत देने के लिए प्रयासरत रहें। कार्यस्थल पर कार्यभार बढ़ने के कारण वैवाहिक जीवन में कुछ तनाव हो सकता है।
मीन: इस अवधि में आपके लिए सेहत थोड़ा चिंता का विषय हो सकता है। धन, परिवार, संतान पक्ष, नौकरी तथा लाभ में अवरोध उत्पन्न होगा। पारिवारिक स्थिति में बहुत संभल कर चलने की आवश्यकता होगी तथा छोटी छोटी बातों को महत्व देने से बचना होगा। संतान के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव रहेगा। धनागमन बाधित होगा। यात्रा में हानि उठानी पड़ सकती है। पेट के रोग, दांतों में दर्द की समस्या एवं दायीं आँख में अचानक चोट लग सकती है।