सिनेमा हाॅल एवं मैरेज हाॅल
सिनेमा हाॅल एवं मैरेज हाॅल

सिनेमा हाॅल एवं मैरेज हाॅल  

मनोज कुमार
व्यूस : 3734 | जनवरी 2017

सिनेमा हाॅल आज की आवश्यकता एवं पसंद के अनुसार सभी शहरों में कापफी मात्रा में सिनेमा घर बनाये जा रहे हैं तथा हम देखते हैं कि इनमें से कुछ सिनेमा घर हमेशा हाउसपुफल जाते हैं जबकि अन्य दर्शकों की प्रतीक्षा करते रहते हैं। इसका मुख्य कारण वास्तु ही है क्योंकि कुछ सिनेमा घरों में बड़े वास्तु दोष होते हैं जिसके कारण इन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ता है तथा कई बार इन्हें बंद करने की ही नौबत आ जाती है। सिनेमा हाॅल में कापफी बड़े निवेश की आवश्यकता होती है तथा यदि निर्माण के उपरांत यह सपफल नहीं हो पाता तो मालिक को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है तथा इस स्थान को आवासीय अथवा शाॅपिंग काॅम्पलेक्स में परिवर्तित करना पड़ता है।

अतः ऐसी बड़ी परियोजनाओं से पूर्व किसी कुशल वास्तु विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है ताकि भूखंड के दोषों का समय रहते पता चल जाय तथा उसके दोषों का निर्माण से पूर्व ही निवारण कर दिया जाय। सिनेमा हाॅल के निर्माण से पूर्व ध्यान देने योग्य आवश्यक बातें - सिनेमा हाॅल का निर्माण सदैव जीवंत भूखंड पर करना चाहिए तथा इसकी मृदा की परख अच्छी तरह से कर लेनी चाहिए। अतः इसके लिए किसी कुशल वास्तु विशेषज्ञ की सलाह लेनी आवश्यक है।

- इस उद्देश्य से ऐसे भूखंड न खरीदें जिसपर पहले श्मशान, कब्रगाह, अस्पताल या अन्य अनुत्पादक कार्य होते रहे हों।

- सिनेमा हाॅल का निर्माण पश्चिम से दक्षिण की ओर होना चाहिए तथा यह स्थान कापफी भारी होना चाहिए।

- सिनेमा हाॅल का स्क्रीन इस प्रकार से स्थापित करना चाहिए कि दर्शक सिनेमा देखते वक्त पूर्व अथवा उत्तरमुखी बैठें।

- प्रोजेक्टर की स्थापना दक्षिण-पश्चिम दिशा में करनी चाहिए।

- विद्युत उपकरण दक्षिण-पूर्व में स्थापित करने से चीजें सपफल होती हैं।

- आम शौचालय उत्तर-पश्चिम में तथा पश्चिमी शौचालय इसी दिशा में उत्तर अथवा दक्षिणमुखी होना चाहिए।

- पा²कग के लिए दक्षिण-पश्चिम क्षेत्रा उपयुक्त है।

- कैन्टीन अथवा किचन सिपर्फ दक्षिण-पूर्व हिस्से में बनाना चाहिए। इसके अतिरिक्त अन्य ऐसी बातें हैं जिसका परीक्षण खर्चीले सिनेमा हाॅल के निर्माण से पूर्व करना चाहिए ताकि यह कापफी सपफल हो सके। मैरेज हाॅल आजकल विवाह का आयोजन मैरेज हाॅल में करने की परिपाटी बढ़ती जा रही है। यद्यपि कि इसमें कापफी खर्च होता है पिफर भी लोग एक बार विवाह में कापफी अध्कि खर्च करने से नहीं कतराते। हम अपने नजदीक अनेक मैरेज हाॅल देखते हैं तथा कई बार हमें ऐसा लगता है कि कुछ कारणों से कुछ मैरेज हाॅल की बुकिंग अध्कि नहीं होती। मैरेज हाॅल के सपफल संचालन के लिए इसका निर्माण वास्तु सि(ांतों के अनुरूप करना आवश्यक है।

मैरेज हाॅल के अनेक खंडों का निर्माण उनकी उचित दिशा में ही करना चाहिए। वास्तु में इस बात की चर्चा है कि मैरेज हाॅल का कौन सा खंड कहां पर स्थित होना चाहिए। - मैरेज हाॅल का स्टेज आदर्श रूप से पश्चिम दिशा में स्थित होना चाहिए ताकि युगल पूर्वमुखी बैठ सकें। - मैरेज हाॅल का प्रवेश द्वार पूर्व अथवा उत्तर दिशा में आदर्श है। - मैरेज हाॅल का भूखंड नियमित आकार का अर्थात वर्गाकार अथवा आयताकार होना चाहिए जबकि गोलाकार अथवा अंडाकार बैंक्वेट हाॅल सिपर्फ देखने में सुंदर लगने के दृष्टिकोण से न बनाएं।

- विद्युत उपकरण तथा डान्स फ्रलोर, म्यूजिक सिस्टम एवं ट्रांसपफाॅर्मर आदि दक्षिण-पूर्व में स्थित होना चाहिए।

- भोजन बनाने की व्यवस्था भी सिपर्फ दक्षिण-पूर्व में ही होनी चाहिए।

- पार्किंग की व्यवस्था उत्तर-पश्चिम अथवा दक्षिण-पूर्व में होनी चाहिए।

- भोजन एवं स्नैक्स की व्यवस्था उत्तर-पश्चिम अथवा उत्तर में होनी चाहिए।

- अतिथियों के बैठने की व्यवस्था दक्षिण-पश्चिम अथवा उत्तर में होनी चाहिए।

- विवाह का मंडप उत्तर-पूर्व में बनाना चाहिए क्योंकि यह सबसे पवित्रा स्थान होता है। अग्नि जलाने की व्यवस्था दक्षिण-पूर्व कोने में की जानी चाहिए।

- मैरेज हाॅल में टाॅयलेट उत्तर-पश्चिम अथवा पश्चिम में बनाना चाहिए।

- मालिक का कमरा दक्षिण-पश्चिम में निर्मित किया जाना चाहिए।

- हाॅल की सीढ़ियां दक्षिण, पश्चिम अथवा दक्षिण-पश्चिम में होनी चाहिए।

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