संतान
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व्यूस : 3402 | अकतूबर 2012
संतान पं. उमेश शर्मा शुक्र, बुध मंगल, केतु राजा, शनि भी शामिल होता हो । पहले, पाचवें नर ग्रह, चन्द्र मंगल दूजे केतु ग्यारह हो।1। व्याख्याः- 1. वर्षफल के अनुसार जब शुक्र या केतु या मंगल या बुध लग्न में आ जायें और शनि की सहायता भी मिल जाये तो सन्तान होने का योग होता है। (कुंडली -1) 1 खाना नं. 1 या खाना नं. 5 में नर ग्रह (बृहस्पति, सूर्य या मंगल हों या खाना नं. 2 में चंद्र- मंगल व खाना नं. 11 में केतु हो तो संतान योग होता है। (कुंडली -2) 2. लड़के देगेंः- शुक्र के मित्र ग्रह यानि शनि, केतु, बुध उत्तम हो और खाना नं. 3-5-11 में हो मगर शुक्र नहीं । लड़की देगेंः- बुध या बुध के मित्र ग्रह (सूर्य, शुक्र, राहु) उत्तम हो या खाना नं. 3-5-11 में हों। 3. खाना नं. 5 मंदे ग्रहों से रद्दी न हो रहा हो तो संतान का जन्म उत्तम वर्ना संतान के विघ्न होगें। 4. केतु खाना नं. 2, 5, 7, 11 और शनि खाना नं. 1, 11 में पापी ग्रह की तरह (शनि पर राहु और केतु की दृष्टि हो) न बैठा हो तो बगैर शर्त संतान का योग होगा। (कुंडली-3 ) 5. बुध जब शुक्र का सहायक हो तो लड़का वर्ना लड़की। लावल्द (निसंतान) कभी न होगा । 1. बृहस्पति हो खाना नं. 3-8 में और उसी समय मंगल हो खाना नं. 2-5-9-12 खाना में । 2. बृहस्पति हो खाना नं. 1-5 में और उसी समय सूर्य हो खाना नं. 2-5-9-12 में । 3. बृहस्पति हो खाना नं. 4 में और उसी समय चन्द्र हो खाना नं. 2-5-9-12 में । 4. सूर्य हो खाना नं. 3-8 में और उसी समय मंगल हो खाना नं. 1-5 में । 5. सूर्य हो खाना नं. 6-7 में और उसी समय बुध हो खाना नं. 1-5 में । 6. सूर्य हो खाना नं. 4 में और उसी समय चन्द हो खाना नं. 1-5 में । 7. चन्द्र हो खाना नं. 3-8 में और उसी समय मंगल हो खाना नं. 4 में । 8. चन्द्र हो खाना नं. 4 में और उसी समय मंगल हो खाना नं. 3-8 में । 9. शुक्र हो खाना नं. 6-7 में और उसी समय बुध हो खाना नं. 2-7 में । 10. शुक्र हो खाना नं. 8-10 में और उसी समय शनि हो खाना नं. 2-7 में । 11. शुक्र हो खाना नं. 6 में और उसी समय केतु 2-7 खाना में हो। 12. बुध हो खाना नं. 12 में और उसी समय राहु 6-7 खाना में हो। 13. बुध हो खाना नं. 8-10 में और उसी समय शनि 6-7 खाना में हो। 14. शनि हो खाना नं. 12 में और उसी समय राहु 8-10 खाना में हो। 15. राहु बिना शत्रु के हो खाना नं. 6 में और उसी समय केतु 12 खाना में हो। लाल किताब पद्धति के अनुसार उपरोक्त ग्रहस्थिति होने पर संतान अवश्य कायम होगी। विशेष नोटः- हवाई ख्याल की नींव की दीवार का विषय बेशक तुझे मौत का दिन या किसी के ऐब का भेद और माता के पेट में लड़का है या लड़की का इशारा कर देगा, मगर ऐसी बातें अपने समय से पहले ही प्रकट कर देना तेरे खून में कोढ़ का सबूत देगा। टिप्पणी: लेखक का आशय यह है कि फलित ज्योतिष (जो कि संभावनाओं पर आधारित है) द्वारा आने वाली घटनाओं का केवल अनुमान लगाया जा सकता है। परन्तु इस आधार पर कोई ऐसी भविष्यवाणी करना जिससे कोई शंका पैदा हो जाये, अच्छा नहीं है।



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