आपने अपने जीवन में कई बॉलीवुड फिल्में ऐसी देखी होगी जिनमें जादू-टोना, अंधविश्वास और टोटकों के बारे में बताया गया है और कई ऐसे स्टार्स को इन अंधविश्वास के खिलाफ लड़ते हुए देखा होगा। दरअसल, देखा जाए तो अंधविश्वास सिर्फ इंसान के मन का वहम होता है और इसी के चलते कई लोग अंधविश्वास के चक्कर में पड़ जाते हैं तो कई अपनी जिंदगी तक खराब कर लेते हंै। वैसे तो आज के समय में टोने-टोटके पर लोग विश्वास नहीं करते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि बॉलीवुड सेलिब्रिटीज भी इन पर विश्वास रखते हैं और अपनी फिल्मों को चलाने के लिए इनका प्रयोग भी करते हैं। यहाँ हम आपको कुछ चुनिंदा एक्टर और एक्ट्रेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जो टोने-टोटके में बहुत विश्वास रखते हैं। अमिताभ बच्चन इस सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जी क्रिकेट के बहुत बड़े प्रेमी हैं। उनका ऐसा विश्वास है कि वो जब भी लाईव क्रिकेट देखते हैं तो इंडिया हार जाती है।
वहीं, अगर वे रिपीट टेलिकास्ट देखते हंै तो इंडिया जीत जाती है। शुरु में तो उन्हें यह बात एक भ्रम लगी, परन्तु जब यह बात बार-बार हुई तो बिग बी ने अपने देश को जीताने के लिए क्रिकेट मैच को लाईव देखना बन्द कर दिया और रिपीट टेलिकास्ट देखना शुरु कर दिया। अमिताभ जी बताते हंै कि एक समय जब वो बहुत बुरे दौर से गुजर रहे थे, उस वक्त उन्होंने नीलम रत्न की अंगूठी पहनी थी। यह अंगूठी उनके लिए बहुत लकी साबित हुई। इस अंगूठी को वे अपने लिए किसी चमत्कार से कम नहीं मानते। उनके अनुसार इसे पहनने के बाद उनके जीवन में चमत्कारिक बदलाव हुआ और जिंदगी के काफी सारे दुःख दर्द चले गए। यही कारण है कि वो आज भी नीलम की अंगूठी पहने हुए हंै। रणबीर कपूर रणबीर कपूर भी कुछ इसी तरह की विचारधारा से प्रभावित स्टार हैं। रणबीर अपनी मां से बहुत प्यार करते हैं और उन्हें अपने लिए बहुत लकी मानते हैं। यही कारण है कि वे अपनी मां की जन्म तारीख 8 को भी लकी मानते हैं।
अपने जीवन में इस नंबर की शुभता बनाए रखने के लिए रणबीर कपूर प्रयास करते हैं। साथ ही इस बात का ख्याल रखते हैं कि जहां तक संभव हो इस नंबर की वस्तुएं ही खरीदें या उपयोग में लाएं। जैसे- रणबीर कपूर की अधिकतर सभी कारों का नम्बर 8 ही रहता है। कोई फ्लैट खरीदते समय या होटल रुम किराए पर लेते समय कोशिश करते हैं कि उसका नंबर 8 ही हो। उनके लिए यह नंबर लक बढ़ाने का काम करता है। आमिर खान मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर आमिर खान कई बार सार्वजनिक रुप से टोने-टोटकों का मजाक उड़ाते नजर आते हैं, फिर भी उनका कहना है कि दुनिया में बहुत कम लोग होंगे जो थोड़ा-बहुत अंधविश्वास में न घिरे हों। हम लोगों के दिमाग में बचपन से ही ये बात डाल दी जाती है कि अगर काली बिल्ली रास्ता काटेगी तो अशुभ होता है। वैसे, पर्सनली आमिर खान सार्वजनिक रुप से इन बातों पर भरोसा नहीं करते, लेकिन एक बात पर आमिर बहुत यकीन करते हैं। आमिर खान अपने लिए दिसंबर माह को अपने लिए बहुत लकी मानते हैं।
यही कारण है कि वो इस माह में जो भी कार्य करते हैं, उसमें उन्हें जरुर सफलता मिलती है। इसी वजह से उनकी सभी फिल्में दिसंबर माह में ही रिलीज होती हैं। आमिर खान अपनी सफलता का श्रेय मेहनत को ही देते हैं लेकिन फिर भी आमिर इस लक फैक्टर पर भी यकीं करते हैं। ऋतिक रोशन ऋतिक रोशन टोने-टोटकों पर बेबाक होते हुए कहते हैं कि- हमारे घर में लक और अनलक को बहुत माना जाता है। ऋतिक रोशन के अनुसार उनके घर में केवल उन्हीं बातों को माना जाता है जिनसे परिवार का फायदा हो और किसी को नुकसान न पहुंचे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए उनके पिता राकेश रोशन के द्वारा बनाई गई सभी फिल्में ’क’ नाम से शुरु होती है। आज तक के अनुभव में देखा गया है कि उन्होंने जो भी फिल्में क वर्ण से शुरु की है, वो सभी हिट भी हुई हैं। जैसे ‘कहो ना प्यार है’, ‘कामचेार’, ‘कृष’, ‘काबिल’, ‘कोई मिल गया’, ‘करण अर्जुन’। इसी तरह ऋतिक रोशन को विश्वास है कि उनके हाथ में जो एक्स्ट्रा अंगूठा है, वो उनके लिए बहुत लकी है। यह उनके लिए ग्रीक गॉड की निशानी है।
ऋतिक कहते हैं कि-हम सभी ने यह देखा है कि मुश्किल समय में भाग्य हमारा साथ नहीं देता, ऐसे में अक्सर हम उन सभी बातों पर श्रद्धा और विश्वास करने लगते हंै जो भाग्य को मजबूत करती है। जैसे कि राकेश रोशन ने ’क’ नाम से शुरु होने वाली फिल्में जब बनाईं तो सब सफल रहीं, परन्तु जब उन्होंने किसी और वर्ण से फिल्म का नाम रखा तो वह फ्लॉप हो गई थी। इससे विश्वास और बढ़ गया। काजोल ‘नसीब में जो लिख दिया है, वो कोई बदल नहीं सकता’ यह कहना है ’दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ गर्ल काजोल का। फिर भी काजोल अपनी डायमंड रिंग को अपने लिए बहुत लकी मानती हैं। उनके अनुसार इसे आप अंधविश्वास कह लीजिए या विश्वास कह लीजिए या मेरा प्यार कह लीजिए। इस रिंग को काजोल हमेशा पहने रखती हैं। इसमें ओम लिखा हुआ है। काजोल को यह रिंग उनके पति अजय देवगन ने एक खास मौके पर दी थी, यही कारण है कि इस रिंग के साथ उनका इमोशनल अटैचमेंट भी है।
कैटरीना कैफ कैटरीना कैफ जब से मुंबई आई हंै और फिल्मों में जब से काम शुरु किया है, तबसे लेकर आज तक वो अपने प्रत्येक विशेष कार्य को करने से पूर्व अजमेर शरीफ के दरगाह पर जाती हैं। कैटरीना का मानना है कि अजमेर शरीफ की दरगाह पर जाकर वो जो कुछ भी मांगती हैं, वो अवश्य प्राप्त होता है। यही वजह है कि उनकी इस स्थान पर बहुत श्रद्धा है। इसके अलावा, कैटरीना अपनी फिल्म की रिलीज से पहले भी अजमेर शरीफ की दरगाह पर जाकर सजदा जरुर करती हैं। अजमेर शरीफ की दरगाह को वे अपने लिए बहुत लकी मानती हैं। संजय दत्त संजय दत्त और विवाद हमेशा से एक सिक्के के दो पहलू रहे हैं। यही कारण है कि अपने लक को बनाए रखने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं। कई अखबारों को दिए गए अपने इंटरव्यू में उन्होंने कई बार यह स्वीकार किया है कि अपने जीवन के उतार-चढ़ाव और तकलीफों को कम करने के लिए उनसे जो संभव हो पाता है वह करते हैं। संजय दत्त को सिद्धिविनायक भगवान और शिरडी के साईंबाबा पर बहुत अधिक विश्वास है।
साथ ही संजय अपने लिए 9 नंबर को बहुत लकी मानते हैं। वे जब भी कोई कार, घर या आॅफिस लेते हैं तो उसका नंबर 9 ही होता है, जैसे 4545 या 9। इसके अलावा उन्हें लकी ताबीज और गुरु पर भी विश्वास है। जीवन के अच्छे और बुरे समय में ये सभी उनकी रक्षा करते हैं। संजय ऐसी किसी भी चीज को अंधविश्वास न मानकर, रक्षा कवच मानते हैं। यह संजय को बुरे वक्त में मुसीबत से बचाता है। अक्षय कुमार खिलाड़ी फेम स्टार अक्षय कुमार अपनी मेहनत से ज्यादा लक पर विश्वास करते हैं। अक्षय कुमार का कहना है कि व्यक्ति जीवन में जो कुछ होता है वह अपने अच्छे या बुरे लक के हिसाब से होता है। मैंने देखा है कि मुझसे हैंडसम और टैलेंटेड लड़के अपने करियर में बहुत मेहनत करने के बाद भी अच्छा नहीं कर पाए। वहीं, मेरा लक अच्छा है इसलिए मैंने जो भी काम किया, उसमें मुझे सफलता मिली। कई बार ऐसा भी होता है कि हम अंधविश्वास में नही पड़ते, लेकिन अगर कोई चीज जो बार-बार हमारे साथ होती है, उससे हमें लगता है कि ये अंधविश्वास नहीं, बल्कि सच है।
मैं अपनी किसी फिल्म का फस्र्ट शो देखता हूं या उस फिल्म के प्रीमियर में होता हूं तो वह फिल्म फ्लॉप हो जाती है। ऐसा मेरे साथ एक बार नहीं, कई बार हुआ है। तब से मैं अपनी फिल्म के फस्र्ट डे के शो में हिस्सा नहीं लेता हूं। कहीं बाहर चला जाता हूं। शिल्पा शेट्टी शिल्पा शेट्टी कहती हैं कि-आप इसे अंधविश्वास कह लीजिए या विश्वास, लेकिन मेरा मानना है कि जिस चीज से आपको संतुष्टि मिले, वो आपको जरूर करना चाहिए। जैसे कि मेरा मानना है कि अगर मैं दो घड़ियां एक साथ पहनती हूं तो मेरे लिए लकी होता है। ये बात मैंने आईपीएल मैच के दौरान महसूस की है। मैंने आईपीएल मैच के दौरान जब भी डबल घड़ी पहनी है, मेरी राजस्थान रॉयल टीम अच्छा परफॉर्म करती थी। तब से जब भी मैं कुछ नया या अच्छा काम करने जाती हूं तो हाथ में दो घड़ियां जरूर पहनती हूं। चूंकि मेरी मां भी जानी-मानी ज्योतिषी हैं, इसलिए मेरा ज्योतिष विद्या, अंकशास्त्र और नक्षत्र विद्या पर पूरा यकीन है।
दीपिका पादुकोण दीपिका पादुकोण अंधविश्वासी तो नहीं हैं, लेकिन लक और भगवान पर बहुत विश्वास करती हैं। दीपिका पादुकोण को ऐसा लगता है कि हम जितना अंधविश्वास से जुड़ी बातंे मानते हैं, उतना ही मानसिक तौर पर कमजोर बनते जाते हैं। फिर हर नया काम करने से डरते हैं, इसलिए मैं इस तरह की अंधविश्वास से भरी बातों से हमेशा दूर रहती हूं। लेकिन मेरा भगवान पर पूरा यकीन है, इसलिए मैं अपनी हर फिल्म की रिलीज से पहले सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन करने जरूर जाती हूं। मेरा मानना है कि गणपति बप्पा का मेरे सिर पर हमेशा आशीर्वाद रहता है। इसलिए वो मेरी सभी इच्छा जरूर पूरी करते हैं और मुझे हर काम में सफलता मिलती है। मेरा उन पर अटूट विश्वास है। आज मैं जो कुछ भी हूं, उनके आशीर्वाद से ही हूं। शाहरुख खान किंग खान अपने 555 नंबर के प्रेम को अंधविश्वास तो नहीं कहते, परन्तु वे इसे अपने लिए लकी नंबर अवश्य मानते हैं। यहां तक कि शाहरुख सिगरेट भी 555 नंबर ब्रांड की पीते हैं।
उनकी सभी कारों का नंबर भी 555 ही है। 555 नंबर से अपने अधिक प्रेम को शाहरुख खान कुछ इस तरह सही बताते हैं कि दरअसल, हम भले ही अंधविश्वासी न हों, लेकिन हमारे अपने लोग जो हमसे बहुत प्यार करते हैं, वो इन बातों का सहारा लेकर हमारी सलामती के रास्ते बनाते रहते हैं। इसे मैं अंधविश्वास कम और उनका प्यार ज्यादा मानता हूं। जब मैं छोटा था तो मेरी मां मुझे ताबीज बांध दिया करती थी। जिसे खाहरुख आज तक बांध कर रखते हैं। सलमान खान सलमान खान कहते हैं कि-जब आदमी पर बुरा वक्त आता है तो वह उससे बचने के लिए हर जतन कर डालता है। ऐसा ही कुछ मेरे परिवार के साथ भी है। मेरे ऊपर कानूनी संकट आने के बाद मेरे घर वाले मानना है कि मेरी फिल्म जब भी ईद पर रिलीज होती है तो हिट रहती है। साथ ही, मेरे पिता का दिया हुआ ब्रेसलेट मेरे लिए बहुत लकी है, इसलिए मैं उसे कभी अपने हाथ से नहीं उतारता हूं। रणवीर सिंह रणवीर सिंह ने टोटकों पर दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा कि-हर मां अपने बच्चे को लेकर चिंतित रहती है, फिर वह बच्चा चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए।
ऐसा ही कुछ मुझे इस मुसीबत से बचाने के लिए कई सारे साधु, संत, ज्योतिषी से मिले और मंदिर-मस्जिद में जाकर मेरी रक्षा की प्रार्थना की थी। शायद यही वजह है कि आज मैं सुरक्षित हूं। सच बात तो ये है कि मेरे घर वाले मेरे लिए जो भी उपाय करते हैं, मैं उसका विरोध नहीं करता, क्योंकि उसमें उनकी श्रद्धा और प्यार छिपा होता है। भले ही उन उपायों से मेरा फायदा हो या न हो, लेकिन उनकी श्रद्धा की वजह से मैं उनकी बात मान लेता हूं। जहां तक मेरा लक पर यकीन करने की बात है तो मेरा हाल मेरी मां का भी है। मेरी मां को आज भी मैं छोटा बच्चा लगता हूं। बचपन मंे जहां वह मुझे बुरी नजर से बचाने के लिये माथे पर काला टीका लगाया करती थी वहीं, अब मेरी मां मुझे बुरी नजर से बचाने के लिए पैर पर काला धागा बाधंती हैं। ये काला धागा उन्होंने तब से बांधना शुरू किया है, जब मैं बहुत बीमार रहने लगा था। मुझे डेंगू की वजह से हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ गया था। उसके बाद उन्होंने हमारे गुरुजी के कहने पर ही मेरे पैर पर काला धागा बांधा था, ताकि मैं बीमार न पड़ जाऊं और बुरी नजर से सुरक्षित रहूं।