काली मिर्च
काली मिर्च

काली मिर्च  

फ्यूचर पाॅइन्ट
व्यूस : 4449 | सितम्बर 2006

साबुत काली मिर्च आदि काल से ही भारत में उगाई जाती रही है और एक कीमती वस्तु के रूप में इसका इस्तेमाल होता रहा है। इसका केवल भोजन में मसाले के रूप में ही नहीं, अपितु इसे व्यापार में पैसे के स्थान पर इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसका पूजा में पवित्र चढ़ावे, टैक्स की भरपाई तथा अन्य अच्छे-बुरे कामों में इस्तेमाल किया जाता था।

प्राचीन रोमन साम्राज्य के पतन के दिनों आक्रमणकारी का भी इसी काली मिर्च से स्वागत किया जाता था। कई देशों में तो संपन्नता का मापदंड काली मिर्च का भंडार हुआ करता था। इन सभी सामाजिक प्रथाओं के पीछे इसका भोजन में तरह तरह से इस्तेमाल रहा है। भोजन को स्वादिष्ट बनाना, सुबह या रात के भोजन को दोबारा खाने लायक बनाने, खासकर ऐसे समय में जब खाना पकाने के बाद उसे, खराब होने से बचाने साधन उपलब्ध नहीं होते थे। काली मिर्च का उपयोग किया जाता था। काली और सफेद मिर्चें दोनों एक ही पौधे से मिलती है ं। आधी पकी मिर्च को तोड़ कर और तो धूप में अच्छी तरह सुखा कर काली मिर्च तैयार की जाती है।

परंतु पूरा पक जाने पर इन्हें नमक के पानी में रखकर और छिलका उतारकर सफेद मिर्च तैयार की जाती है। काली मिर्च की लता 33 फीट तक लंबी हो जाती है। लता उगने के बाद 3-4 वर्षों में सफेद झुंड में फल निकलते हैं और फिर उनसे काली मिर्च बीज रूप में प्राप्त होती है। यह हमारे देश के दक्षिणी राज्यों में पर्याप्त मात्रा में पैदा होती है। इसका उत्पादन भारत और इंडोनेशिया में सबसे अधिक होता है। मसालों में प्रयुक्त एक प्रमुख वस्तु, काली मिर्च तीखी एवं महकदार होती है। यह जल्दी खराब नहीं होती। इसकी पूरी महक मिले इसके लिए इसे भोजन पकाने के अंत में इस्तेमाल करें और जहां तक हो सके ताजा ही पीसकर रखें। बाजार से पिसी हुई काली मिर्च कभी न लें। क्योंकि इसमें मिलावट की संभावना रहती है।


अपनी कुंडली में सभी दोष की जानकारी पाएं कम्पलीट दोष रिपोर्ट में


इसमें एन्टीआक्सीडेंट मौजूद रहते हैं। यह भूख को बढ़ाती है, क्योंकि इसकी महक से लार ज्यादा बनती है। यह हमारे आमाशय में अम्ल के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे भोजन में प्रयुक्त प्रोटीन को भलीभांति पचने में सहायता मिलती है। इसे भोजन को पचाने के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसे खाने से पसीना भी खुलकर निकलता है और मूत्र भी ठीक प्रकार से होता है। मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए भी काली मिर्च लाभदायक है, इसके सेवन से मोटापा कम होता है।

रोग उपचार वायरल बुखार में काली मिर्च के 5 और लौंग के 2 दानें, तुलसी के 7 पत्ते और 2 ग्राम अदरक या सौंठ 1 गिलास पानी में डालकर उबालें। जब पानी एक कप रह जाए, तो उसे उतारकर उसमें गुड़ डालकर पी लें और सिर ढककर सो जाएं। पसीना छूटेगा बुखार उतर आएगा। लाल टमाटर में पिसी हुई काली मिर्च डालकर बच्चों को खिलाने से पेट के कीड़े मरकर निकल जाते हैं। सौ ग्राम बूरा, सौ ग्राम बादाम और 10 ग्राम काली मिर्च को पीसकर दवा के रूप में रख लें। एक-एक चम्मच दिन में तीन बार लेने से दमा के रोगियों बहुत आराम मिलता है।


क्या आपकी कुंडली में हैं प्रेम के योग ? यदि आप जानना चाहते हैं देश के जाने-माने ज्योतिषाचार्यों से, तो तुरंत लिंक पर क्लिक करें।




Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.