भूत-प्रेत बाधा निवारण का सरल उपाय शाबर मंत्र अनुष्ठान
भूत-प्रेत बाधा निवारण का सरल उपाय शाबर मंत्र अनुष्ठान

भूत-प्रेत बाधा निवारण का सरल उपाय शाबर मंत्र अनुष्ठान  

महेश मोहन झा
व्यूस : 95904 | मार्च 2010

भूत-प्रेत बाधाओं, जादू-टोनों आदि के प्रभाव से भले-चंगे लोगों का जीवन भी दुखमय हो जाता है। ज्योतिष तथा शाबर ग्रंथों में इन बाधाओं से मुक्ति के अनेकानेक उपाय उपाय बताए गए हैं। यहां कुछ प्रमुख शाबर मंत्रों का विवरण प्रस्तुत है। ये मंत्र सहज और सरल हैं, जिनके जप अनुष्ठान से उक्त बाधाओं तथा जादू-टोनों के प्रभाव से बचाव हो सकता है।

Û निम्नलिखित मंत्र को सिद्ध करने के लिए उसका 21 दिनों तक एक माला जप नियमित रूप से करें। हनुमान मंदिर में अगरबत्ती जलाएं। 21 वें दिन मंदिर में एक नारियल और लाल वस्त्र की ध्वजा चढ़ाएं। यह मंत्र भूत, प्रेत, डाकिनी, शाकिनी नजर दोष, जादू-टोने आदि से बचाव एवं शरीर की रक्षा के लिए अत्यंत उपयोगी है। मंत्र: ¬ हनुमान पहलवान, बरस-बारह का जवान, हाथ में लड्डू, मुंह में पान। खेल-खेल कर लंका के चैगान। अंजनी का पूत, राम का दूत। छिण में कीलौं, नौ खंड का भूत। जाग-जाग हनुमान हुङ्काला, ताती लोहा लङ्काला। शीश जटा डग डेंरू उमर गाजे, वृज की कोटडी वृज का ताला। आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चम्पे न सीव। अजरा, झरे, भरमा भरे। ईंघट पिंड की रक्षा, राजा रामचंद्र जी, लक्ष्मण, कुंवर हनुमान करें।

Û किसी बुरी आत्मा के प्रभाव अथवा किसी ग्रह के अशुभ प्रभाव के फलस्वरूप संतान सुख में बाधा से मुक्ति हेतु श्री बटुक का उतारा करना चाहिए। यह क्रिया निम्नलिखित विधि से रविवार, सोमवार, मंगलवार तीन दिन लगातार करें। विधि: उतारे के स्थान पर एक पात्र में सरसों के तेल में बने उड़द के 11 बड़े, उड़द की दाल भरी 11 कचैड़ियां, 7 प्रकार की मिठाइयां, लाल फूल, सिंदूर, 4 बत्तियों का दीपक, 1 नींबू और 1 कुल्हर जल रखें। सिंदूर को चार बत्तियों वाले दीपक के तेल में डालें। फिर फूल, कचैड़ी, बड़े, मिठाइयां सभी सामग्री एक पत्तल पर रखें तथा मन ही मन यह कहें कि ‘‘यह भोग हम श्री बटुक भैरव जी को दे रहे हैं, वे अपने भूत- प्रेतादिकों को खिला दें और संकट ग्रस्त व्यक्ति के ऊपर जो बुरी आत्मा या ग्रहों की कुदृष्टि है, उसका शमन कर दें।’’ समस्त सामग्री को पीड़ित व्यक्ति के सिर के ऊपर 7 बार उतारा करके किसी चैराहे पर रखवा दें। सामग्री रखवाकर लौट आएं। ध्यान रहे, लौटते समय पीछे न देखें। उतारा परिवार के सदस्य करें। यह क्रिया यदि अपने लिए करनी हो, तो स्वयं करें।

Û कृत्या निवारण के लिए एक नींबू को चार टुकड़ों में चीरें। चारों टुकड़ों पर 4-4 बार निम्नलिखित मंत्र पढ़कर उन्हें चारों कोनों में फंेंक दें। मंत्र: आई की, माई की, आकाश की, परेवा पाताल की। परेवा तेरे पग कुनकुन। सेवा समसेर जादू गीर समसेर की भेजी। ताके पद को बढ़ कर, कुरु-कुरु स्वाहा।

Û राई, लाल चंदन, राल, जटामंसी, कपूर, खांड, गुग्गुल और सफेद चंदन का चूरा क्रमानुसार दो गुना लें और सबको मिलाकर अच्छी तरह कूट लें। फिर उस मिश्रण में इतना गोघृत मिलाएं कि पूरी सामग्री अच्छी तरह मिश्रित हो जाए। इस सामग्री से प्रेत बाधा से ग्रस्त घर में धूनी दें, प्रेत बाधा, क्लेशादि दूर होंगे और परिवार में शांति और सुख का वातावरण उत्पन्न होगा। व्यापार स्थल पर यह सामग्री धूनी के रूप में प्रयोग करें, व्यापार में उन्नति होगी।

Û कोई मकान भूत-प्रेत, पिशाच, तांत्रिक, ओझा, डाकिनी या शाकिनी के अभिचार कर्म ग्रस्त हो, तो उसमें भोजपत्र पर अष्टगंध की स्याही और अनार की कलम से निम्नलिखित शाबरी यंत्र लिखकर लगा दें। यंत्र लेखन के समय निम्न मंत्र का मन ही मन उच्चारण करते रहें एवं मंत्र के ऊपर यह मंत्र भी लिख दें। मंत्र: ¬ ह्रांक ह्रींक क्लींक व्यक ह्योंक हेः।

Û भूत छुड़ाने का मंत्र: भूत छुड़ाने के भी अनेकानेक शाबर मंत्र हैं, जिनमें एक इस प्रकार है। तेल नीर, तेल पसार चैरासी सहस्र डाकिनीर छेल, एते लरेभार मुइ तेल पडियादेय अमुकार (नाम) अंगे अमुकार (नाम) भार आडदन शूले यक्ष्या-यक्षिणी, दैत्या-दैत्यानी, भूता-भूतिनी, दानव-दानिवी, नीशा चैरा शुचि-मुखा गारुड तलनम वार भाषइ, लाडि भोजाइ आमि पिशाचि अमुकार (नाम) अंगेया, काल जटार माथा खा ह्रीं फट स्वाहा। सिद्धि गुरुर चरण राडिर कालिकार आज्ञा। विधि: ऊपर वर्णित मंत्र को पहले किसी सिद्ध मुहूर्त में 10,000 बार जप कर सिद्ध कर लें। फिर सरसों तेल को 21 बार अभिमंत्रित कर भूत बाधाग्रस्त व्यक्ति पर छिड़कें, तो भूत उतर जाता है। जादू-टोना निवारण निम्नलिखित मंत्र को किसी सिद्ध मुहूर्त में 1008 बार सिद्ध करके प्रयोग के समय उसका जप करते हुए मोर पंख से पीड़ित व्यक्ति को सात बार झाड़ें। मंत्र: ¬ नमो आदेश गुरु को। लूना चमारीज गत की बिजुरी, मोती हेल चमके। अमुक के पिंड में डमान करे विडमान करे, तो उस लण्डी के ऊपर पारो। दुहाई तुरंत सुलेमान पैगंबर की फिरे, मेरी भकित, गुरु की शकित। फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा।

Û कोई मकान भूत-प्रेत, पिशाच, तांत्रिक, ओझा, डाकिनी या शाकिनी के अभिचार कर्म ग्रस्त हो, तो उसमें भोजपत्र पर अष्टगंध की स्याही और अनार की कलम से निम्नलिखित शाबरी यंत्र लिखकर लगा दें। यंत्र लेखन के समय निम्न मंत्र का मन ही मन उच्चारण करते रहें एवं यंत्र के ऊपर यह मंत्र भी लिख दें।

Û नजर दोष, टोना व प्रेत बाधा निवारक प्रयोग शुभ नक्षत्र में अनार की कलम और केसर व लाल चंदन से यह यंत्र लिखें। यंत्र लिखते समय मंत्र क्रम से पढ़ें जैसे पहली लाइन के पहले खाने में 6 लिखें तो पढ़ें ‘सत्ती पत्ती शारदा’। फिर दूसरे खाने में 12 लिखें तो पढ़ें ‘बारह बरस कुवारी’। इसी प्रकार 9 लिखने पर ‘ऐ को माई परमेश्वरी’, 14 लिखने पर ‘चैदह भुवन निवास’, 2 पर ‘दोई पक्खी निर्मली’, 13 पर ‘तेरह देवी देश’, 8 पर ‘अष्टभुजा परमेश्वरी’, 11 पर ‘ग्यारह रुद्र सैनी’, 16 पर ‘सोलह कला संपूर्ण’, 3 पर ‘त्रा नयन भरपूर’, 10 पर ‘दसे द्वार निर्मली’, 5 ‘पंच करे कल्याण’, 9 पर ‘नव दुर्गा’, 6 पर ‘षट् दर्शनी’, 15 पर ‘पंद्रह तिथि जान’ और 4 लिखने पर ‘चाऊ कूठ प्रधान’। इस तरह यंत्र निर्माण करके पीड़ित के गले में बांध दें, नजर दोष, टोने, प्रेत बाधा आदि से मुक्ति मिलेगी।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.