प्र0-भवन में श्रीयंत्र लगाने से क्या लाभ होता है ?
उ0- महापुराणांे में श्री यंत्र को देवी महालक्ष्मी का प्रतीक कहा गया है। श्री यंत्र मंे 2816 देवी देवताओं की सामूहिक अदृष्य षक्ति विद्यमान रहती है इसलिए इसे यंत्रराज, यंत्रषिरोमणि एवं षोडषी यंत्र कहा जाता है। यह आर्थिक सुख-समृद्धि एवं खुषहाली देता है। कहा जाता है कि जिस घर में श्री यंत्र के समक्ष श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त एवं ललिता सहस्रनाम का पाठ हो वहां पर लक्ष्मी का निरंतर वास होता है। एकाक्षी नारियल, श्वेतार्क गणपति, कमलगट्टे की माला, चैदह मुखी रुद्राक्ष एवं दक्षिणावर्त शंख के साथ इस यंत्र को रखने से लक्ष्मी एवं सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
मंत्र: ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊं महालक्ष्म्यै नमः।
प्र0-भवन में कुबेर यंत्र लगाने से क्या लाभ होता है?
उ0- कुबेर को लक्ष्मी का खजांची कहा जाता है। जिस परिवार को धन की कमी, आर्थिक विपन्नता, गरीबी, कर्ज इत्यादि का सामना करना पड़ता हो तो उस परिवार के लोगों को भवन में श्रीयंत्र के साथ कुबेर यंत्र का पूजन करना चाहिए, इससे सम्पन्नता, आर्थिक समृद्धि एवं सुखों की वृद्धि होती है।
मंत्र: ऊं कुबेराय नमः
प्र0-भवन में सुख समृद्धि यंत्र लगाने से क्या लाभ होता है?
उ0- जिस परिवार में आपसी संबंध अच्छा न रहता हो, सुख शांति की कमी रहती हो, उस परिवार के लोगों को सुख समृद्धि यंत्र के समक्ष लक्ष्मी एवं गणेश के मंत्रों का जप करना चाहिए। इससे आपसी संबंधों में मधुरता आएगी और परिवार में सुख शांति का संचार होगा।
मंत्र: ऊं मंगलमूर्तये नमः।
प्र0-भवन में वास्तु यंत्र लगाने से क्या लाभ होता है ?
उ0- यह यंत्र भवन में वास्तु संबंधी सभी प्रकार के दोषों के निवारण एवं सुख समृद्धि के लिए लगाया जाता है। यह एक अत्यंत उपयोगी यंत्र है।
मंत्र: ऊं वास्तुपुरुषाय नमः।
प्र0-भवन में मारूति यंत्र लगाने से क्या लाभ होता है ?
उ0- जिस भूखण्ड में विवाद हो अर्थात केस मुकदमा इत्यादि लगा हुआ हो उस तरह के भूखण्ड के विवाद सुलझाने एवं उसकी अच्छे दामों मंे बिक्री के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
मंत्र: ऊं हं हनुमते नमः।
प्र0-भवन में वरूण यंत्र क्यांे लगाया जाता है?
उ0- यदि भवन में जल स्थान, नलकूप, पानी की टंकी आग्नेय या गलत दिषा में बनाई गई हो तो इस वरुण यंत्र को उस स्थान पर स्थापित करने से जल संबंधी सभी दोष नष्ट हो जाते हैं।
प्र0-भवन में रहने वाले को संतान होने में बाधाएं आने पर किस यंत्र के समक्ष पूजन करना लाभप्रद होता है ?
उ0- जब दम्पत्ति को संतान होने में विभिन्न प्रकार की बाधायंे आती हों तो वैसी स्थिति में संतान गोपाल यंत्र के समक्ष संतान गोपाल स्तोत्र का नियमित पाठ करने से निश्चित रूप से प्रतिभावान और दीर्घायु संतान का जन्म होता है।
मंत्र: ऊँ क्लीं श्रीं ह्रीं जीं ओं भूर्भुवः स्वः ऊँ देवकीसुतगोविंद वासुदेवजगत्पते। देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ऊँ ऊँ स्वः भुवः भूः जीं ह्रीं त्वीं ओं।
प्र0-भवन को बुरे प्रभाव से बचाने के लिए किस यंत्र का पूजन करना चाहिए ?
उ0- मत्स्य यंत्र जिसे बाधामुक्ति यंत्र भी कहा जाता है, यह घर की सभी बाधाओं एवं विपदाओं को दूर भगाता है तथा घर को काले जादू एवं बुरे प्रभावों से बचाता है। अतः इस यंत्र को प्राण प्रतिष्ठा कराकर नियमित पूजन करना लाभप्रद होता है।
मंत्र: ऊं क्लीं मत्स्यरूपाय।
प्र0- भवन में निवास करने वालांे का स्वास्थ्य किसी न किसी कारण खराब रहने पर क्या करना चाहिए ?
उ0- ऐसी परिस्थिति आने पर भवन में महामृत्युजंय यंत्र जो भगवान शिव का यंत्र है, प्राण प्रतिष्ठा कराकर उसके समक्ष विधि- विधान से निम्न मंत्रों का जाप करने से स्वास्थ्य में अप्रत्याशित लाभ मिलता है।
मंत्र: ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारूकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।
प्र0-भवन में बुद्धि एवं विद्या की कमी रहने पर किस यंत्र की स्थापना करनी चाहिए ?
उ0- माँ सरस्वती का यंत्र विद्या, बुद्धि, एकाग्रचित्तता एवं ज्ञान देने वाला होता है। यह यंत्र विद्यार्थी की मानसिक अशांति दूर कर विद्या अध्ययन में सफलता दिलाता है। यदि किसी घर में विद्यार्थी को पढ़ने में मन नहीं लगता हो, विद्या अध्ययन में सफलता नहीं मिल पाती हो तो ऐसी स्थिति में सरस्वती यंत्र के समक्ष निम्न मंत्रों का जाप लाभप्रद होता है।
मंत्र - ऊँ ऐं महासरस्वत्यै नमः।
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