बारहवां घर खुले आकाश का, व्यय का तथा मोक्ष का भाव है। सूर्य सूर्य आत्मा का कारक है। बारहवें घर में बैठा सूर्य अवचेतन मन में पड़े हुए उन दुखों और सुखों का संकेत देता है जो पिछले जन्म की घटनाओं ने अवचेतन मन में डाल दिये होते हैं। यदि बारहवें घर का सूर्य पांच-छः डिग्री का हो तो यह एक संकेत है कि पिछले जन्म में 20-21 साल की उम्र में मौत हुई थी। इस घर में सूर्य होने से इंसान दिखावे के लिए खर्च बहुत करता है। यदि सूर्य उच्च का या स्वराशि का हो तो यह खर्च परोपकार के लिए होगा। यदि तुला का सूर्य हो तो व्यर्थ के कामों में खर्च होगा। सूर्य अशुभ हो तो नजर कमजोर हो जाती है। इंसान गेंहू, चांदी, सोना का काम करे तो शुभ होगा। यदि बिजली का काम, कच्चा कोयला या हाथी दांत का काम करे तो अशुभ होगा। उपाय - बंदरों को गुड़ खिलाना। - भूरी चींटियों को सतनाजा डालना। चंद्र बारहवें घर का चंद्रमा व्यय अथवा हानि का सूचक है। केवल धन हानि ही नहीं अपितु आयु हानि भी। यदि चंद्रमा शनि से दृष्ट हो तो ऐसा इंसान पिछले जन्म में जवान उम्र में मरा होगा और उसकी इस जन्म में धन की हानि भी होती है। शनि विष का कारक भी है और चंद्र पानी का। यह योग तरल जहर के साथ हुई मौत का संकेत है। यहां चंद्रमा सृजनात्मक कार्यों के साथ जुड़ा होता हैं। ऐसे काम कला के साथ जुड़े होते है लोग ऐसे इंसान से ईष्र्या भी करते हैं। लाल किताब में इस चन्द्रमा के बारे में छोटा सा बयान है- पिदरम् सुलतान बूद। अर्थात् पिता बादशाह था। ऐसे चंद्रमा वाला व्यक्ति अपने पिता के बारे में, उसकी दौलत के बारे में या सामाजिक हैसियत के बारे में काफी बातें करता है। इसे पिता से मिली हर वस्तु मिट्टी हो जाती है परन्तु उसकी अपनी कमाई में बरकत पड़ जाती है। ऐसा चन्द्रमा होने पर यदि आठवें घर में केतु भी हो तो पुत्र अचानक गुम हो जाता है या घर छोड़कर चला जाता है। उपाय - छत के नीचे कुआं, हैण्डपम्प न लगवाएं। - बारिश का पानी मटके में भरकर घर की छत पर रखें। मंगल बारहवें घर के आकाश में ऊँचे घर पर बृहस्पति की राशि में बैठा मंगल ताकतवर हो जाता है तथा राहु को नियन्त्रित रखता है। ऐसा मंगल इंसान को हिम्मत देता है। जिंदगी में कितनी भी मुसीबत आए हिम्मत नहीं टूटती। यह मंगल 25 वें साल में शुभ फल देता है। यदि 28 वें बरस में पुत्र पैदा हो जाए तो मंगल और भी शुभ हो जाता है। इसी प्रकार यदि भाई के साथ अच्छा सम्बन्ध कायम हो तो यह मंगल और भी शुभ हो जाता है परन्तु बारहवें घर के मंगल वाले को झूठी तोहमतें और गुप्त चोटें लगती रहती हैं। यहाँ मंगल महाभारत के एकलव्य की तरह है जो अपना अंगूठा ही उतार कर गुरूदक्षिणा में दे देता है और शक्तिमान होते हुए भी शक्तिहीन हो जाता है। यदि मंगल के साथ शुक्र हो तो विवाहित जीवन में सुख नहीं होता। लाल किताब में एक फरमान दिया है कि बारहवें घर वाले मंगल का भाई जब घर पर आए तो वह भाई की खिदमत करे। फिर ऐसा मंगल अशुभ नहीं रहेगा। उपाय - अपने भाई को दूध, फल खिलाएं -दूध में शहद या चीनी मिलाकर अपने मित्रों को या पंडित, महात्मा को पिलाएँ। - 12 दिन लगातार मंदिर में 12 बताशे दें ;यदि दूसरे घर में मंगल के दुश्मन ग्रह न बैठे हों। - 12 दिन लगातार बहते पानी में 12 ग्राम गुड़ बहाएँ। -घर में कुन्द और जंग खाया चाकू, हथियार न रखें।