विधान सभा चुनाव 2017 ज्योतिषीय विश्लेषण
विधान सभा चुनाव 2017 ज्योतिषीय विश्लेषण

विधान सभा चुनाव 2017 ज्योतिषीय विश्लेषण  

उमाधर बहुगुणा
व्यूस : 4656 | फ़रवरी 2017

फरवरी, मार्च 2017 में विधान सभा चुनाव की घोषणा की गई है जिसकी वजह से पांच राज्यों में राजनैतिक हलचल बढ़ गयी है। 27 जनवरी 2017 से शनि ग्रह अपनी राशि बदलेंगे जिससे मकर व धनु राशि वाली पार्टियांे या पार्टी उम्मीदवारों को आशा के अनुरूप फल नहीं मिलेंगे। उत्तरांचल, गोवा और मिजोरम में मुख्य तीन ही राजनैतिक पार्टियां हैं लेकिन पंजाब एवं उत्तर प्रदेश में कई पार्टियां हैं। इस आलेख में हमने सभी पार्टियों और पार्टियों के उम्मीदवारों की जन्म कुंडली उपलब्ध न होने के कारण मुख्य दो प्रदेशों को ही अपनी चर्चा में शामिल किया है। ज्योतिष के आधार पर समय पूर्व निष्कर्ष प्रकाशित कर दिये हैं। इनका किसी व्यक्ति या पार्टी से कोई संबंध नहीं है।

यह लेख मात्र ज्योतिष एक विज्ञान है इस सत्य को साबित करने के उद्देश्य से लिखा गया है। अब हम सभी पार्टी और उम्मीदवारों की कुंडलियों का विश्लेषण करते हैं: कांग्रेस: लग्नेश बृहस्पति लाभ भाव में लाभेश और षष्ठेश शुक्र के साथ लाभ भाव में महाबली योग बना रहा है। इसी कारण उसका 40-45 वर्षों का इतिहास है और वह सत्ता या विपक्ष में रही है। इसी योग के कारण विपक्षी पार्टियां लंबे समय तक इसे सत्ता की भागीदारी से दूर नहीं कर सकती। पंचमेश व्ययेश मंगल द्वितीय स्थान में अपनी उच्च राशि में है। इसलिए कई बार टूटने के बाद फिर पार्टी अपने पूर्व स्थिति में आ जाती है, इसका वजूद नष्ट नहीं हो सकता, इसलिए यह पार्टी गिरकर फिर संभलती है नये अंदाज में।

द्वितीयेश तथा पराक्रमेश पंचम में अपनी नीच राशि में अष्टमेश के साथ स्थित होने से यदा-कदा कोई न कोई गलत जन विरोधी निर्णय इसके लिए समय-समय पर विवाद खड़े करते रहे हैं। पराक्रम स्थान में राहु राजयोग कारक माना जाता है। तथा एक राजनैतिक पार्टी के लिए अच्छा माना जाता है। इन्हीं योगों के कारण यह आज तक एक राष्ट्रीय पार्टी है लेकिन कुछ समय से शनि की ढैय्या और विंशोत्तरी दशाओं के कारण कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है। विंशोत्तरी दशा में राहु की दशा में शनि का अंतर और चंद्र का प्रत्यंतर कांग्रेस के लिए अच्छा नहीं है। प्रत्येक राज्य में इनका बुरा प्रभाव पड़ेगा, इस चुनाव में भी। भाजपा: लग्नेश व सुखेश बुध भाग्य भाव में केतु के साथ स्थित है।


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मंगल लाभेश व षष्ठेश, शनि भाग्येश व अष्टमेश, बृहस्पति सप्तमेश व दशमेश, लग्नेश बुध को पूर्ण दृष्टि से देख रहे हैं जो कि एक प्रकार का राजयोग है जिसने बुध को उपलब्धियां देने वाला, योजनाकार और कूटनीतिक बनाया है। यह युवाओं और महिलाओं को देश भक्त बनाता है और पार्टी को मजबूत भी करता है। द्वितीयेश चंद्रमा षष्ठम में वृश्चिक राशि में नीच भंग राजयोग बना रहा है। यहां पर चंद्रमा दो राजयोगों का सृजन कर रहा है, चंद्रमा पर योगकारी शुक्र की भी दृष्टि है। यहां पर योगकारी राहु की स्थिति व विपरीत योगकारी मंगल की स्थिति योगकारी बृहस्पति व शनि कर स्थिति ने भाजपा की जन्मकुंडली को बहुत मजबूत बना दिया है।

चार ग्रह पराक्रम में और संपूर्ण ग्रह कुंडली के पांच भावों में स्थित हैं जो कि एक प्रकार का राजयोग है इसलिए फरवरी, मार्च 2017 में होने वाले विधान सभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब में राजनैतिक लाभ मिलेगा। इसकी सरकारें बनेंगी। सपा: लग्नेश व सुखेश बृहस्पति दशम में भाग्येश के साथ होने से सपा का अपना जनाधार है। इसी कारण इन्हें उ. प्र. जैसे बड़े राज्य की सत्ता मिली, केंद्र के साथ समझौते हुए। धनेश पराक्रमेश शनि के धन स्थान में होने से अच्छा चंदा मिला, बहुत समर्थक मिले। सुखेश व लग्नेश बृहस्पति अपने दोनों घर पर दृष्टि डाल रहा है, सूर्य के साथ राजयोग बना रहा है जो कि बहुत अच्छा था लेकिन फरवरी-मार्च 2017 में होने वाले विधान सभा चुनाव 2017 में मंगल की विंशोत्तरी दशा में शुक्र के अंतर में शनि प्रत्यंतर में इन्हें सत्ता छोड़नी पड़ेगी, ये विपक्ष में ही बैठेंगे।

बसपा: लग्नेश पराक्रम में तथा द्वितीयेश सूर्य दशम में उच्च राशि में अच्छा माना जाता है, खूब धन दिलाता है लेकिन मात्र 10 पर स्थित होने से कभी-कभी अपयश भी दिलाता है, सत्ता के रास्ते में अवरोध पैदा करता है। लाभ में राहु और पंचम में मंगल राजयोग कारक है। इन्हीं योगों ने इन्हें उत्तर प्रदेश में चार बार सत्ता सौंपी। वर्तमान समय में बसपा की राहु की दशा में चंद्रमा का अंतर तथा चंद्रमा का प्रत्यंतर अच्छा नहीं है जो उन्हें सत्ता से दूर रखेंगे। ‘आप’ की शुक्र की विंशोत्तरी दशा में मंगल के अंतर में शनि का प्रत्यंतर है जो अच्छा नहीं है, उसे वांछित सफलता नहीं मिलेगी। अरविंद केजरीवाल की बृहस्पति की दशा में चंद्रमा के अंतर में शुक्र का प्रत्यंतर मान-सम्मान के लिए अच्छा नहीं है।


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सफलता नहीं मिलेगी। सुश्री मायावती: चुनाव के समय बुध की दशा में शुक्र के अंतर में सूर्य का प्रत्यंतर कोई अच्छा परिणाम नहीं देगा। अपमान सहना पड़ेगा। सत्ता से दूर रहना पड़ेगा। अखिलेश यादव - ग्रह योग अच्छे हैं लेकिन पार्टी की वजह से कोई बड़ा या अच्छा परिणाम नहीं मिलेगा। उन्हें अपनी सत्ता गंवानी पड़ेगी। अमित शाह - इस समय फरवरी मार्च 2017 के विधान सभा के समय उनके ग्रह योग बहुत अच्छे नहीं हैं लेकिन राहु की दशा में शुक्र का अंतर अच्छा है। उन्हें कई राज्यों में सरकार बनाने का मौका मिलेगा। नरेंद्र मोदी: विधान सभा चुनाव फरवरी मार्च 2017 के समय इनकी विंशोत्तरी दशा चं./श. /चं. अच्छी है।

इन्हें नाम, यश, सम्मान और जीत मिलेगी। कोई बड़ी उपलब्धि मिलेगी। निष्कर्ष: उपरोक्त संपूर्ण जन्म कुंडलियों के ग्रह नक्षत्रों के अध्ययन के फलस्वरूप यह निष्कर्ष निकला है कि फरवरी मार्च 2017 के पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव के समय आम आदमी पार्टी, कांग्रेस पार्टी, बसपा सुश्री मायावती, अमित साह के ग्रह योग अच्छे नहीं हंै। चुनाव के समय नरेंद्र मोदी के ग्रह योग बहुत अच्छे हैं। उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनेगी, उत्तर प्रदेश और पंजाब में सहयोग से उनकी सरकार बनेगी, उत्तर प्रदेश में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होगी, पंजाब में सबसे बड़ा गठबंधन बना सकती है।



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