स्तूपांक में छिपे हैं आपके प्रश्नोत्तर
स्तूपांक में छिपे हैं आपके प्रश्नोत्तर

स्तूपांक में छिपे हैं आपके प्रश्नोत्तर  

सुनील जोशी जुन्नकर
व्यूस : 4634 | जुलाई 2010

स्तूप पद्धति एक महत्ववपूर्ण पद्धति है तथा वर्तमान में भारत में यह तेजी से लोकप्रिय हो रही है। प्रस्तुत लेख में हम अंक शास्त्र की इसी पद्धति की चर्चा करेंगे। जातक के तात्कालिक प्रश्नों का उत्तर ढूढ़ने के लिए भारत में बहुत सी पद्धतियां प्रचलित हैं। जैसे रामशलाका प्रश्नोŸारी, मार्तण्ड प्रश्नावली, हिमांशु प्रश्नावली, प्रश्न कुंडली आदि।

इनके अलावा अंक शास्त्र में स्तूप पद्धति के आधार पर भी व्यक्ति के प्रश्नों का सटीक उत्तर दिया जा सकता है। स्तूप पद्धति एक महत्ववपूर्ण पद्धति है तथा वर्तमान में भारत में यह तेजी से लोकप्रिय हो रही है। प्रस्तुत लेख में हम अंक शास्त्र की इसी पद्धति की चर्चा करेंगे। स्तूप पद्धति में प्रश्न के कुल शब्दों की संख्या को सबसे पहले लिखा जाता है। उसके बाद उसी अंक के सामने प्रत्येक शब्द के अक्षरों की संख्या के अंक लिखे जाते हैं। उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति आकर प्रश्न पूछता है-

‘‘क्या कसाब को माफी मिलेगी?’’ KYA KASAB KO MAFI MILEGI"? इस वाक्य में पांच शब्द हैं, अतः सबसे पहले 5 अंक लिखा जाएगा। इसके बाद KYA के 3 अंक, KASAB के 6 अंक, KO के 2 अंक MAFI के 4 अंक, MILEGI के 6 अंक क्रमशः एक लाईन में लिख जाएंगे। इस प्रकार उपरोक्त प्रश्न की संख्या निम्न प्रकार से बनेगी। 5, 3, 6, 2, 4, 6 नोट: प्रश्न में नौ से अधिक शब्द नहीं होना चाहिए। यदि एक शब्द में नौ से ज्यादा अक्षर हों तो उसका लघुŸाम अंक निकालकर लिखना चाहिए। जैसे किसी शब्द में 12 अक्षर हांे तो 12 = 1+2 = 3 उसका लघुŸाम अंक 3 लिखा जाएगा। स्तूप बनाने की विधि: अब हम अपने पूर्व प्रश्न पर पुनः लौटते हैं। ऊपर के प्रश्न की संख्या का निम्न विधि से स्तूप बनेगा।

प्रथम व द्वितीय अंकों के योग का लघुŸाम अंक उन दोनों के नीचे लिखा जाएगा। फिर द्वितीय और तृतीय अंकों के योग का लघुŸाम अंक उन दोनों के नीचे लिखा जाएगा। इसी प्रकार आगे भी स्तूप बनाते जाएं। इस प्रकार अंत में एक ही अंक रह जाएगा, यह अंतिम अंक ही स्तूप या स्तूपांक कहलाता है। इस विधि से ऊपर की प्रश्न संख्या का निम्नवत् स्तूप बनेगा। इस प्रकार उपरोक्त प्रश्न का स्तूप अंक 9 आया है।

स्तूप अंक 9 का क्या फल है यह आगे देखें। स्तूप अंक 9 का जो फल होगा, वही हमारे उदाहरण के प्रश्न का उत्तर है।

स्तूपांक-1: यह अंक पूर्ण सफलता का सूचक है। शीघ्र ही आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिलेगा, जो आपकी कार्यसिद्धि में सहायक होगा और उसके सहयोग से आप कुछ समय बाद सफलता प्राप्त कर सकेंगे।


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स्तूपांक-2: यह अंक अनिश्चितता का सूचक है। संभवतः आगे के कुछ समय में बाधाएं आएंगी और प्रयत्न करने पर भी आप अपने इस कार्य में सफलता प्राप्त नहीं कर सकेंगे।

स्तूपांक-3: यद्यपि आप कार्य की सफलता के लिए प्रयत्नशील हंै, परंतु निकट भविष्य में व्यय अधिक होगा। किसी व्यक्ति के सहयोग से ही आप अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त कर सकेंगे। आपके प्रयत्न निश्चय ही आपको सफलता देंगे।

स्तूपांक-4: आपके इस कार्य की पूर्णता में जरूरत से ज्यादा बाधाएं तथा अड़चनें हैं। आप इन बाधाओं को हटाने का जितना प्रयत्न करेंगे उतनी ही ज्यादा नई-नई समस्याएं आपके सामने पैदा होती रहेंगी। अतः कार्य की सफलता अनिश्चित है।

स्तूपांक-5: यह अंक पूर्ण सफलता का सूचक है। कार्य सिद्धि यात्रा-प्रवास से मिलेगी। आपको चाहिए कि आप संबंधित अधिकारियों से पत्र-व्यवहार करंे या व्यक्तिगत रूप से मिलें। अपने प्रयत्नों में तेजी लाएं, निश्चय ही विजय आपकी होगी।

स्तूपांक-6: समय आपके अनुकूल चल रहा है। किसी मित्र या महिला के सहयोग से आप अपने उद्देश्यों में सफलता प्राप्त कर सकंेगे। कार्य की पूर्णता से शीघ्र ही आपको प्रसन्नता प्राप्त होगी।

स्तूपांक-7: यह अंक कार्य सफलता का सूचक है। किंतु अभी कुछ दिनों तक आपको बाधाओं का सामना करना पड़ेगा परंतु ये बाधाएं जल्दी समाप्त हो जाएंगी और आप सफलता प्राप्त कर सकेंगे। इस कार्य की सफलता से आपको समाज में यश व सम्मान की प्राप्ति होगी।

स्तूपांक-8: कार्य में सफलता निश्चित नहीं है। आपके विरोधी तेज हैं और उनके प्रयत्न आपसे ज्यादा बढ़े-चढ़े हैं। आपके बारे में गलत भ्रम बन गया है, जिसकी वजह से आपकी सफलता संदिग्ध हो गई है। कार्य पूर्णता में अनेक बाधाएं, धन हानि तथा परेशानियां दिखाई पड़ रही हैं।

स्तूपांक-9: शीघ्र ही शत्रु परास्त होंगे तथा आपका जो लक्ष्य है, उस लक्ष्य की प्राप्ति होगी। परेशानियों के बादल छट जाएंगे। आपको किसी भी प्रकार से निराश या हताश होने की आवश्यकता नहीं है। सफलता आपके सामने है, आप सफलता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। आपका नामांक आपके भाग्यांक का सहयोगी होना चाहिए- किसी व्यक्ति का भाग्यांक ज्ञात करने के लिए उस व्यक्ति के जन्म की तारीख, जन्म माह की क्रम संख्या और जन्म वर्ष के अंकों को पृथक-पृथक करके जोड़ देना चाहिए। फिर इस संयुक्त अंक का संक्षिप्त अंक या मूल अंक निकालना चाहिए। इस प्रकार प्राप्त संख्या ही व्यक्ति का भाग्यांक होता है।


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उदाहरण- किसी व्यक्ति का जन्म 09 अक्तूबर, 1964 को हुआ हो तो उसका भाग्यांक इस प्रकार ज्ञात करेंगे- 0+9+1+0+1+9+6+4 = 3 = 3+0 = 3 व्यक्ति का नामांक: व्यक्ति के नाम के अंग्रेजी अक्षरों के अंकों के योग के आधार पर उसका नामांक ज्ञात किया जाता है। अक्षरों के अंक तालिका 1 में दिए हुए हैं। उपरोक्त उदाहरण के व्यक्ति का नाम प्रमोद राजोरिया है। उसका नामांक 6 होगा। इस प्रकार... P R A M O D R A J O R I Y A 8+2+1+4+7+4 2+1+1+7+2+1+1+1 26 + 16 = 42 = 4+2 = 6 प्रमोद राजोरिया के भाग्यांक 3 का नामांक 6 अधिशत्रु हैं। (देखें तालिका क्रमांक-2) इसलिए यह नामांक उनको हानिकारक सिद्ध हो रहा है, लाभदायक नहीं, इसलिए उन्हें अपने नाम के अक्षरों में कुछ परिवर्तन करना पड़ेगा/अथवा कुछ अक्षर जोड़ने या घटाने पड़ेंगे, जिससे उनका नामांक परिवर्तित होकर भाग्यांक के अनुकूल हो जाए।

यदि वे अपने सर्नेम की स्पेलिंग में O के बाद U जोड़ दें तो नामांक भी 3 हो जाएगा। भाग्यांक और नामांक एक समान होने से जीवन में उन्नति होगी। PRAMOD RAJOURIYA 8 2 1 4 7 4+2 1 1 7 6 2 1 1 1 26 + 22 = 48 48 = 4 + 8 = 12 = 1+2 = 3 इस प्रकार हम किसी भी शहर, व्यक्ति, फार्म, संस्था, देश या अपने अधिकारी के नाम को अंकों में परिवर्तित करके नामांक के आधार पर यह जान सकते हैं

कि वह हमारे लिए अनुकूल है या प्रतिकूल। स्वयं का भाग्यांक या नामांक के समान अंक, अधिमित्र का अंक, मित्र का अंक अपने लिए शुभ और लाभदायक होते हैं। जबकि स्वयं के अंक के शत्रु व अधिशत्रु अंक के व्यक्ति आदि अशुभ और हानिकारक होते हैं तथा सम अंक उदासीन या तटस्थ होने के कारण सामान्य ही कहे जा सकते हैं। अंग्रेजी वर्णों का अंक निर्धारण: नामांक निकालने के लिए पाश्चात्य अंक शास्त्रियों ने अंग्रेजी के प्रत्येक अक्षर के अंक निर्धारित किए हैं। पश्चिम के सुप्रसिद्ध न्यूमरोलाॅजिस्ट काउंट लुईस हेमन ‘कीरो’ ने अंग्रेजी वर्णमाला के प्रत्येक वर्ण (अक्षर) के अंक निम्न प्रकार से निर्धारित किए हैं।

कसाब को भविष्य में क्षमा दान या जीवन दान देंगी? आइए इस प्रश्न का उŸार हम नामांक के शत्रु-मित्रादि अंकों के आधार पर खोजते है- भारत की महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का सुप्रसिद्ध नाम प्रतिभा पाटिल है। उनका नामांक 5 है। PRATIBHA PATIL 82141251 + 81413 24 + 17 = 41¾4$1 ¾5 अजमल कसाब का प्रसिद्ध नाम कसाब है। उसका नामांक 1 है। KASAAB 213112 = 10 = 1+0 = 1 कसाब के नामांक 1 का राष्ट्रपति का अंक 5 मित्र है तथा अंक 5 का 1 अंक अधिमित्र है। अतः अंक मैत्री होने के कारण राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल कसाब के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं।

वे मानवीय संवेदना के कारण सहानुभूति रखते हुए कसाब को जीवन दान देकर क्षमा मुक्ति या सजा कम कर सकती हैं।


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