आध्यात्मिक दृष्टि से अंकों का विश्लेषण
1. एक को सृष्टि का जीवनदाता और चक्षु माना गया है, जिसका स्वामी सूर्य है।
2. दो को जीवन में सरसता प्रदान करने वाला अंक माना गया है और इसका स्वामी चंद्र है।
3. तीन का अंक जीव और ब्रह्म को जोड़ने वाली कड़ी है। इस को शिव माना गया है। इसका स्वामी बृहस्पति है।
4. चार का अंक जीव के जीवन में उद्वेग - संचार का प्रतीक है। इसका स्वामी हर्षल है।
5. पांच को बौद्धिकता प्रदान करने वाला अंक माना गया है। इसका स्वामी बुध एवं देवता मां भगवती को माना गया है।
6. छः का अंक जीव के शरीर में शुक्र का संचार कर सृष्टि को आगे बढ़ाने में सहायता करता है। इसका स्वामी शुक्र और देवता श्री लक्ष्मी जी हैं।
7. सात का अंक बताता है कि मानव जीवन में पर ब्रह्म तक पहुंचने के लिए सात चक्र हैं, और स्वामी वरुण देव है।
8. आठ का अंक गूढ़ रहस्य एवं उस रहस्य की और उन्मुख करने वाला अंक हैं। स्वामी शनि है।
9. नौ का अंक ईश्वर और जीव के बीच भक्ति एवं मुक्ति प्रदान करने वाला अंक है। इसकी महिमा अनंत है। इसमें किसी भी अंक का गुणा करें तो योग 9 ही होगा। हिंदी में भी 14 + 36 = 50 अक्षर है। उन्हें भी अंक दिये गये हैं। उसके अनुसार सीताराम का अंक योग 108 यानि 9 आता है और राधाकृष्ण का योग भी 108 यानि 9 आता है। इसी कारण हमारे यहां पूजा की माला में 108 मनके रहते हैं।