आय व्यय चक्र
आय व्यय चक्र

आय व्यय चक्र  

दीपा डुडेजा
व्यूस : 6075 | जुलाई 2016

आय-व्यय देखने की विधि: अपनी नाम राशि के नीचे लिखे आय-व्यय अंकों को जोड़िए। जोड़ने के बाद उसमें से 1 घटाएं और उसके बाद योग में 8 का भाग दीजिए। भाग देने के बाद जो शेष बचेगा उसका फल इस प्रकार से है:

यदि 1 बचे तो उस साल आपकी आय और व्यय कम होता है। धन संचय भी होगा।

यदि 2 बचे तो उस वर्ष आय व्यय बराबर रहता है।

यदि 3 बचे तो उस वर्ष आय कम और व्यय अधिक होता है। व्यर्थ व्यय मन को खिन्न करता है।

यदि 4 बचे तो आमदनी के मार्ग नए-नए खुलते हैं किंतु शारीरिक कष्ट/ रोगादि पर व्यय होता है।

यदि 5 बचे तो आमदनी। बहुत कम होती है किंतु खर्च भी उसी अनुपात में सिमट जाते हैं।

यदि 6 शेष बचे तो आमदनी नहीं के बराबर रहती है परिणामस्वरूप ऋण लेकर काम चलता है।

यदि 7 बचे तो अकस्मात् सट्टे/ लाॅटरी द्वारा या अन्य अनियोजित मार्गों से बड़ी मात्रा में धन लाभ होता है।

यदि 8 या 0 बचे तो आमदनी अच्छी होने के उत्साह में अनियोजित व्यय भी होता है। जैसे-जैसे कांत की राशि मिथुन होती है, इसमें लाभ 11 और व्यय 11 है। दोनों का योग 22 हुआ। इसमें 1 घटाने पर शेष 21 बचता है और इसमें 8 का भाग देने पर 5 शेष रहा। इस अंक फल के उपरोक्त विश्लेषण का निष्कर्ष है कि इस वर्ष आमदनी बहुत कम होगी और खर्च भी कम होंगे।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.