वर्तमान समय में आज प्रत्येक मानव की मनोकामना अत्यधिक नाम कमा कर अधिक से अधिक धन अर्जित करने की रहती है क्योंकि बिना धन के वर्तमान में जीवन-यापन असंभव तो नहीं परंतु कठिन जरूर है। प्रत्येक मानव एक प्रबल इच्छा अपने हृदय में हमेशा रखता है कि वह एक प्रसिद्ध व धनवान व्यक्ति बने। अक्सर कहा जाता है - ‘‘बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया’’। प्रसिद्धि तथा धन की इच्छा तो प्रत्येक रोगी, भोगी या योगी सभी में प्रबलता से विद्यमान रहती है। परंतु सभी लाख यत्न करने के बावजूद भी लखपति या करोड़पति नहीं बन पाते और न ही नाम कमा पाते हैं बल्कि अपने भाग्य को और कोसते रहते हैं। ऐसे लोगों के लिये ही शायद ईश्वर ने दिवाली का त्यौहार बनाया है जो तन (उतम स्वास्थ्य), मन (मनोकामनायें) व धन (पैसा) प्राप्त करने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है।
शास्त्रों में दिवाली के त्यौहार को मनोरथ सिद्धि का दिन कहा गया है। यही वह दिन है जब अयोध्या वासियों की भगवान राम के अयोध्या लौटने की मनोकामना पूरी हुई थी। यंत्र-मंत्र, पूजन व साधना द्वारा देवताओं से मनोकामनायें पूर्ण करवाने का दिन होता है दिवाली ! सुख, धन, सौभाग्य, सिद्धि व निरोगी जीवन प्राप्त करने का दिन होता है यह दिवाली का पवित्र दिन ! इसी दिन सभी देवता प्रसन्न मुद्रा में होते हैं, अतः मांग लो जो मांगना है ! दिवाली के दिन जातक को अपने ‘‘प्रसिद्ध नाम’’ के पहले अक्षरानुसार अपनी राशि चुननी चाहिये क्योंकि अपने प्रसिद्ध नाम से ही जातक - कर्म करता है, नौकरी व्यापार आदि करता है, धन की प्राप्ति व भुगतान करता है, बैंक में खाता खोलता है, हस्ताक्षर करता है और आजकल तो आधार कार्ड भी बनवाता है अर्थात जातक अपने प्रसिद्ध नाम से ही धन से जुड़ा प्रत्येक कर्म करता है। इसलिये प्रसिद्ध नामानुसार निम्न उपायों को करने से जातक अपने जीवन को धन-धान्य से भरपूर कर सकता है:-
1. मेष राशि (चू चे चो ला ली लू ले लो आ) -
- दिवाली के दिन शुक्र यंत्र व शनि यंत्र पर क्रमशः जरकन व नीली जड़वा कर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- दिवाली के दिन श्वेतार्क की जड़ जो श्री गणेश का प्रतिरूप समझी जाती है, की सम्मान सहित पूजा स्थल पर प्राण प्रतिष्ठा की जाये और रोजाना महालक्ष्मी जी के निम्न मंत्रों के साथ उनकी व महालक्ष्मी जी की पूजा की जाये तो माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है ः- ‘‘ऊं ह्रीं अष्टलक्ष्म्यै दारिद्रय विनाशिनी सर्व सुख समृद्धिं देहि देहि ह्रीं ऊं नमः’’
- दिवाली के दिन से शुरू कर ‘‘ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरदये नमः’’ मंत्र का गणेश यंत्र के सम्मुख पांच माला जाप यदि रोजाना किया जाये तो यश व धन प्राप्त होता है।
- दिवाली के दिन चांदी की धातु का ‘‘श्रीं’’ बनवाकर उसके चारों ओर सफेद जरकन व नीले जरकन जड़वाकर श्री लक्ष्मी के मंत्रों से पूरित कर गले में धारण करें तो निश्चित ही धनलाभ होता है।
2. वृष राशि - (ई उ ए ओ वा वी वू वे वो)
- दिवाली के दिन बुध यंत्र व गुरु यंत्र बनवाकर क्रमशः ओनेक्स व सुनहला लगवाकर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- दिवाली के दिन श्रीयंत्र की प्राण-प्रतिष्ठा कर प्रतिदिन पूजा करनी चाहिये। इससे सभी प्रकार के दुःख, रोग व दरिद्रता का नाश होता है और भौतिक सुख, शांति व आनन्द प्राप्त होते हैं। इस यंत्र की पूजा के लिये मंत्र इस प्रकार से हैं - ‘‘श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’’.
- ‘‘श्री यंत्र’’ या ‘‘गजलक्ष्मी यंत्र’’ के सम्मुख नित्य दिवाली से शुरु कर ‘‘श्री सूक्त’’ का पाठ करने से धन व यश की प्राप्ति होती है।
- दिवाली के दिन से शुरू कर हर शुक्रवार को श्री विष्णु लक्ष्मी का पूजन करने से धन व नाम मिलता है।
3. मिथुन राशि - (का की कू घ ड छ के को हा)
- दिवाली के दिन ‘‘श्री महालक्ष्मी यंत्र’’ जो सिद्ध किया हो, को घर में स्थापित कर नित्य दर्शन व पूजन करने से माता लक्ष्मी सदा साथ रहती है।
- दिवाली के दिन तुलसी की पूजा व रात्रि में कच्चे सूत को शुद्ध केसर से रंग कर निम्न मंत्र का 5 माला जाप करने के पश्चात कार्य स्थल में रखने से व रोजाना इसके दर्शन व पूजा से उन्नति मिलती है ‘‘ऊं श्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं ऐश्वर्य महालक्ष्म्यै पूर्ण सिद्धिं देहि देहि नमः’’
- दिवाली के दिन चंद्र यंत्र व मंगल यंत्र बनवा कर क्रमशः मोती व मूंगा लगवा कर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- मंगल यंत्र के सम्मुख दिवाली से शुरु कर नित्य ‘‘ऋणहर्ता मंगल स्तोत्र’’ का पाठ करें तो शीघ्र ही ऋण उतरने लगता है और धन की बरकत होने लगती है।
4. कर्क राशि - (ही हू हे हो डा डी डू डे डा)
- दिवाली के दिन सूर्य यंत्र व शुक्र यंत्र बनवा कर क्रमशः माणिक व जरकन लगवा कर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- यदि दिवाली के दिन से शुरू कर 72 दिनों तक निम्न मंत्र का धूप दीपादि का उपयोग कर सवा लाख बार जाप किया जाये तो निश्चय ही प्रचुर धन की प्राप्ति होती है - ‘‘ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन पालिन्य महालक्ष्म्यै आस्माकं दारिद्रय नाशय नाशय प्रचुरं धनं देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ऊं’’
- चांदी से निर्मित दो गायों को दिवाली के दिन अभिमंत्रित कराकर एक गाय किसी विद्वान ब्राह्मण को दान देने व दूसरी गाय को ‘‘कामधेनु दैव्य’’ की भांति घर के पूजन स्थल पर रखकर नित्य दर्शन व पूजन करने से धनागमन बना रहता है।
- दिवाली के दिन सिद्ध व प्राण प्रतिष्ठित ‘‘श्री यंत्र’’ को घर में स्थापित कर नित्य ‘‘श्री सूक्त’’ का पाठ करने से धन योग बढ़ता रहता है।
5. सिंह राशि - (मा मी मू मी टा टी टू ट)
- दिवाली के दिन बुध यंत्र बनवा कर, उस पर ओनेक्स लगवा कर तथा बुध के मंत्रों से अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में यंत्र को स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से लक्ष्मी माता की असीम कृपा प्राप्त होती है।
- दिवाली के दिन सूर्योदय से दो घंटे के भीतर एक नारियल का गोला लेकर उसका मुंह काट लें। तब घर के सभी सदस्य उसमें चीनी, बूरा, मेवे, देसी घी मिला कर भर दें। जब गोला भर जाये तो उसे पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे इस प्रकार गाड़ दें कि गोले का मुंह जमीन से ऊपर कुछ दिखता रहे। गोले के चारों तरफ थोड़ा चीनी बूरा बिखेर दें ताकि चींटियां गोले में जल्दी प्रवेश कर सकें। ऐसा करने से लक्ष्मी उस घर से कभी रूठ कर नहीं जाती हैं।
- देवी दुर्गा के सम्मुख देवी के 108 नामों का नित्य स्मरण दिवाली से शुरु करें तो अतुल्य धन लाभ होता है।
- दिवाली से आरम्भ कर नित्य प्रातः कुछ भी खाने से पहले तुलसी के पत्र का सेवन करें, शुभ होगा।
6. कन्या राशि - (टो पा पी पू ष ण ठ पे पा)
- दिवाली की रात में चांदी की ढक्कन वाली डिबिया में नागकेसर व शहद भर कर अपनी तिजोरी या गल्ले में रख दें। अगली दिवाली तक ऐसे ही रहने दें। फिर दीपक जलाकर रोजाना श्री सूक्त का पाठ या विष्णु सहस्रनाम का जाप करें। तिजोरी सारे साल धन से भरी रहेगी।
- दिवाली के दिन चंद्र यंत्र व शुक्र यंत्र बनवा कर क्रमशः मोती व जरकन लगवा कर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से धन आता है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- कूर्म पृष्ठ पर बने ‘‘श्री यंत्र’’ या ‘‘महालक्ष्मी यंत्र’’ के सम्मुख दिवाली के दिन से आरम्भ कर नित्य ‘‘श्री सूक्त’’ का पाठ करने से धनागमन बना रहता है।
- दिवाली के दिन ‘‘सफेद गुंजा’’ को लक्ष्मी के मंत्रों से अभिमंत्रित कर शहद में डुबोकर पूजन स्थल या तिजोरी में रखने से धन की रक्षा होती है।
7. तुला राशि - (रा री रू रे रो ता ती तू त)
- दिवाली के दिन महालक्ष्मी जी की पूजा के समय मां को एक इत्र की शीशी चढ़ायें। उसमें से एक फुलेल लेकर मां को अर्पित करें। फिर पूजा के पश्चात उसी शीशी में से थोड़ा इत्र स्वयं को लगा लें। इसके बाद रोजाना इसी इत्र में से थोड़ा सा लगाकर कार्य स्थल पर जायें तो रोजगार में भी
- दिवाली के दिन सूर्य यंत्र व मंगल यंत्र बनवाकर क्रमशः माणिक व मूंगा लगवाकर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है व यश मिलता है।
- दिवाली के दिन से आरम्भ कर प्रत्येक रविवार को गायत्री मंत्र व मंगलवार को मंगल मंत्रों का रुद्राक्ष की माला पर जाप करने से धनागमन बना रहता है।
- दिवाली को ‘‘श्री महालक्ष्मी यंत्र’’ को स्थापित कर नित्य ‘‘इन्द्रकृत महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्र’’ का पाठ करने से धन वृद्धि होती है।
8. वृश्चिक राशि - (तो ना नी नू ने नो या यी यू)
- गणेश जी ऋद्धि-सिद्धि के दाता हैं और लक्ष्मी जी धन की देवी हैं। दोनों का संयुक्त यंत्र महायंत्र कहलाता है। दिवाली के दिन इस यंत्र की पूजादि करने के पश्चात गल्ले या तिजोरी में रखने से धन का भंडार भरा रहता है तथा परिवार में व्यक्ति प्रसन्न और सुखी रहता है।
- दिवाली के दिन गुरु यंत्र व बुध यंत्र बनवाकर क्रमशः सुनहला व ओनेक्स लगवाकर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- दिवाली से शुरु कर ‘‘ऊं नमो नारायणाय’’ मंत्र का श्री विष्णु जी के सम्मुख जाप रोजाना करें, धनलाभ होता है।
- देवी दुर्गा के सम्मुख ‘‘देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परम सुखम। रूपं देहि यशो देहि जयं देहि द्विशो जहि।।’’ मंत्र का जप दिवाली से शुरु कर रोजाना करें, धन दूर नहीं जाता।
9. धनु राशि - (ये यो भा भी भू धा फा ढा भे)
- दिवाली के दिन शनि यंत्र व शुक्र यंत्र बनवाकर क्रमशः नीली व जरकन लगवाकर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- दिवाली के दिन 11 हल्दी की गांठों को पीले कपड़े में रख कर निम्न मंत्र का 11 माला जाप कर तिजोरी में रख दिया जाये और रोजाना वहां दीया जलाया जाये तो व्यापार की उन्नति होने लगती है - ‘‘ऊं वक्रतुण्डाय हुं’’।
- दिवाली को लाजवर्त नग को चांदी में जड़वाकर लक्ष्मी के मंत्रों से अभिमंत्रित कर मध्यमा अंगुली में धारण करने से जातक धनवान बनता है।
- ‘‘ऊं ह्रीं क्लीं महालक्ष्मयै नमः’’ मंत्र का श्री लक्ष्मी की तस्वीर या यंत्र के सम्मुख दिवाली से शुरु कर नित्य 5 माला जाप करने से धन आगमन होता है।
10. मकर राशि - (भे जा जी खी खू खे खो गा गी)
- दिवाली के दिन शनि व मंगल यंत्र बनवाकर क्रमशः नीली व मूंगा लगवाकर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- दिवाली की शाम को एक सुपारी व एक तांबे का सिक्का लेकर किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। रविवार को उसी पीपल के पेड़ का पत्ता लाकर कार्यस्थल पर गद्दी के नीचे रख देने से ग्राहक बने रहते हैं और धन आने लगता है।
- दिवाली के दिन शनि यंत्र को घर के पश्चिम दिशा में नीले कपडे़ के आसन पर स्थापित कर नित्य शनि के मंत्रों से जप करें व तेल का दीपक भी जलायें तो जातक धनी बनता है।
- दिवाली से शुरु कर, हर मंगलवार को ‘‘ऋणहर्ता मंगल स्तोत्र’’ का पाठ करने से धनलाभ होता है।
11. कंुभ राशि - (गू गे गो सा सी सू से सो दा)
- दिवाली के दिन गुरु यंत्र बनवाकर, सुनहला लगवाकर तथा गुरु के मंत्रों से यंत्र को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- दिवाली की अमावस्या की रात से पहले आने वाले शनिवार से घर की पूरी साफ-सफाई शुरू कर देनी चाहिये। रद्दी, टूटी चीजें आदि निकालकर बाकी चीजें करीने से रख देनी चाहिये। शाम के समय घर के सभी बल्ब कम से कम 20 मिनट के लिये रोजाना रोशन कर देने चाहिये। निम्न मंत्र से रोजाना लक्ष्मी जी की उपासना करने से सुख व समृद्धि मिलती है। ‘‘ऊं ऐं ह्रीं श्रीं सं सिद्धिदां साधय साधय स्वाहा’’
- दिवाली के दिन ‘‘गुरु यंत्र’’ को सोने में बनवा कर व अभिमंत्रित कर गले में धारण करने से धन की देवी मेहरबान रहती है।
- ‘‘श्री लक्ष्मी नारायण यंत्र’’ को दिवाली के दिन घर के पूजन स्थल पर स्थापित कर पूजन दर्शन करने से धनागमन होता रहता है।
12. मीन राशि - (दी दू थ झ दे देा चा ची)
- दिवाली के दिन शनि व मंगल यंत्र बनवाकर क्रमशः नीलम व मूंगा लगवाकर तथा इन्हीं ग्रहों के मंत्रों से यंत्रों को अभिमंत्रित कर घर के मंदिर में स्थापित करने, नित्य दर्शन व पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- श्री यंत्र, कुबेर यंत्र या दक्षिणावर्ती शंख घर के पूजनस्थल पर रखकर नित्य दर्शन व पूजा करें तो चमत्कारी परिणाम स्वतः ही देखे जा सकते हैं।
- मंूगे के गणपति दिवाली के दिन स्थापित कर ‘‘ऊं एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्’’ मंत्र का जाप करने से निश्चय ही धनलाभ होता है।
- दिवाली से शुरु कर ‘‘दारिद्र्यदहनशिव स्तोत्र’’ (श्री वशिष्ठ मुनिकृत) नित्य पाठ करने से धन योग प्रबल बनता है।