घर की समृद्धि एवं सुरक्षा का प्रतीक संपूर्ण वास्तु यंत्र आचार्य रमेश शास्त्राी सनातन हिंदू धर्म संस्कृति में प्राचीन युग से ही वास्तु देवता की प्रसन्नता के लिए उनकी पूजा का विशिष्ट स्थान रहा है। चाहे नगर निर्माण हो या भवन निर्माण अथवा कर्मकांड के लघु एवं वृहत यज्ञानुष्ठान आदि हों, इन सभी कार्यों में सफलता में आने वाली बाधाओं के शमन के लिए वास्तुपुरुष की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। आज नगरों में निवास करने वाले सभी लोगों के लिए वास्तुशास्त्र के संपूर्ण नियमों के अनुसार बना गृह खरीदना आज की परिस्थितियों के अनुसार असंभव सा हो गया है। ऐसी स्थिति में संपूर्ण वास्तुयंत्र को अपने घर में स्थापित करने से वास्तु देवता प्रसन्न होते हैं जिससे घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस यंत्र को घर, व्यवसाय स्थल, कार्यालय आदि में स्थापित कर सकते हैं। इससे व्यापार में आने वाली बाधाओं का समाधान होता है। स्थान की सुरक्षा बनी रहती है। उपद्रवों का नाश होता है। मन में प्रसन्नता बनी रहती है। इस संपूर्ण वास्तुयंत्र में बारह अन्य महत्वपूर्ण यंत्रों की स्थापना की गई है जिससे यह यंत्र अधिक शक्तिशाली बन गया है। श्री गायत्री यंत्र: गायत्री यंत्र के पूजन, दर्शन से घर में सात्विक वातावरण बनता है जिससे घर के सभी सदस्यों में पवित्र भावना का विकास होता है। महामृत्यंुजय यंत्र: इस यंत्र के दर्शन, पूजन से घर में दुःख, बीमारियों से रक्षा होती है, व्यक्ति उन्नति की ओर अग्रसर होता है। श्री काली यंत्र: महाकाली यंत्र के दर्शन, पूजन से अकाल मृत्यु से रक्षा होती है। आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। श्री वास्तु महायंत्र: इस यंत्र के दर्शन, पूजन से घर में वास्तुदोष का निवारण होता है। घर की सुरक्षा बनी रहती है। श्री केतु यंत्र: केतु यंत्र के दर्शन, पूजन से अचानक होने वाली अशुभ घटनाओं का पूर्वाभास होता है। व्यक्ति सावधानीपूर्वक विकट स्थितियों का सामना करने में सफल होता है। श्री राहु यंत्र: इस यंत्र के दर्शन, पूजन से कार्यों में आने वाली अड़चनें दूर होती हैं। सामान्य संघर्ष के बाद व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। श्री शनि यंत्र: शनि यंत्र के पूजन, दर्शन से हीन भावनाओं का नाश होता है। व्यक्ति स्थिरतापूर्वक कार्यक्षेत्र में सफल होता है। श्री मंगल यंत्र: मंगल यंत्र के पूजन, दर्शन से धैर्य एवं साहस में वृद्धि होती है जिससे व्यक्ति निडर होकर कार्य करता है। श्री कुबेर यंत्र: कुबेर यंत्र के पूजन, दर्शन से आय के स्रोतों में वृद्धि होती है। धन का सदुपयोग होता है। श्री यंत्र: श्री यंत्र के स्थापन, पूजन से घर-परिवार में यश, कीर्ति, धन और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है। जीवन में धनाभाव की स्थिति में शीघ्र सहायता प्राप्त होती है। श्री गणपति यंत्र: श्री विघ्न विनाशक गणपति जी के यंत्र के दर्शन, पूजन से विघ्न-बाधाओं से रक्षा होती है तथा उत्तम विद्या, बुद्धि की प्राप्ति होती है। बगलामुखी यंत्र: इस यंत्र के दर्शन, पूजन से शत्रुओं के षड़यंत्रों से रक्षा होती है। अनावश्यक शत्रुकृत सभी प्रकार की बाधाओं की निराकरण होता है। पूजन एवं स्थापना विधि: इस यंत्र को सोमवार, बुधवार बृहस्पतिवार, शुक्रवार इन शुभवारों में से किसी भी वार में अपने घर, व्यवसाय स्थल आदि में स्थापित कर सकते हैं। यंत्र में स्थापित सभी यंत्रों पर रोली, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, दक्षिणा आदि से पूजन करके यंत्र को उŸार-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। उसके पश्चात निम्न मंत्र का एक माला जप करें। मंत्र: वास्तुदेव नमस्तेऽस्तु भूशय्यानिरत प्रभो। मद्गृहं धन धान्यादि समृद्धं कुरु सर्वदा।।