For Mantra Siddhi Mantra Purushcharana is recommended in Shastras. Purushcharana is chanting of a Mantra as many lakhs of times as many syllables are there in a Mantra for example if there are 5 syllables in a Mantra as are there in Shiv Panchakshari Mantra then it should be recited at least 5 lakh times for completing its Purushcharana but by reciting a mantra 1.25 lakh times also one can attain the blessings of one's presiding deity (Ishta devta). So we can conclude that for Mantra Siddhi it is essential to chant one Mantra at least 1.25 lakh times.
Important Mantras for All
श्री गणेश बीज मंत्र
ऊँ गं गणपतये नमः।।
श्री गणेश मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
गणेश गायत्री मंत्र
ऊँ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात्।।
श्री महालक्ष्मी बीज मंत्र
ऊँ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।।
श्री ललिता त्रिपुरसंुदरी बीज मंत्र
ऊँ श्री श्री ललिता महात्रिपुरसुन्दर्यै श्री महालक्ष्म्यै नमः।।
श्री महालक्ष्मी महामंत्र
ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद।
श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्म्यै नमः।।
श्री महालक्ष्मी गायत्री मंत्र
ऊँ महालक्ष्म्यै च विùहे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्।।
श्री महालक्ष्मी पुराणोक्त मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
शिव गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।।
शनि वैदिक मंत्र
शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शं योरभि स्रवन्तु नः।।
पौराणिक शनि मंत्र
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
पुत्र प्राप्ति हेतु संतान गोपाल मंत्र
ऊँ क्लीं श्रीं ह्रीं जीं ऊँ भूर्भुवः स्वः।
ऊँ देवकीसुतगोविंद वासुदेवजगत्पते।।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः।
ऊँ ऊँ स्वः भुवः भूः जीं हृीं श्रीं त्वीं ऊँ।
सुलक्षणा पत्नी प्राप्ति के लिए मंत्र
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।।
वर प्राप्ति के लिए मंत्र
कात्यायनि महाभाये महायोगिन्य धीश्वरि!।
नन्दगोपसुतं देवं पतिं मे कुरु ते नमः।।
बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए मंत्र
सर्वाबाधा-विनिर्मुक्तो, धनधान्यसुतान्वितः।
मनुष्यो मत्प्रसादेन् भविष्यति न संशयः।।
रोग नाश के लिए महामृत्युंजय बीज मंत्र
ऊँ हौं जूं सः ऊँ।।
रोग नाश के लिए महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
विशेष प्रभावशाली षडप्रणवयुक्त महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ ह्रौं जूं सः ऊँ भूर्भुवः स्वः ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ऊँ स्वः भुवः भूः ऊँ सः जूं ह्रौं ऊँ।।
बगलामुखी मंत्र
ऊँ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय।
जिह्वाम् कीलय बुद्धिं विनाशयीं ऊँ स्वाहा।।
आकर्षण मंत्र
आकर्षय महादेवि रं मम् प्रियं हे त्रिपुरे देवदेवेशि तुभ्यं दश्यामि याचितम्।।
नवग्रह प्रार्थना मंत्र
ऊँ ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च
गुरुश्च शुक्र शनिराहुकेतवः सर्वे ग्रहाः शान्तिकरा भवन्तु।।
गायत्री मंत्र
ऊँ भूर्भवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गोदेवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
कालसर्प मंत्र
ऊँ क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु-कुरु स्वाहा।।
अथवा
ऊँ नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नमः।। ऊँ सर्पेभ्यो नमः।।