नेत्र रोग आलोक शर्मानेत्र की रचना : अपने अंगूठे मध्य भाग के बराबर जो अंगुल है, उन दो अंगुल के बराबर नेत्र बुद्बुद के अंतः प्रविष्ट नेत्र हैं। अक्षिगोलक लंबाई और चौड़ाई में अढ़ाई अंगुल है। यह आंख सुंदर, गोलाकार, गाय के स्तन के समान पांच भौतिक रचना है।... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याचिकित्सा ज्योतिषजुलाई 2009व्यूस: 17327
मनोकामना सिद्धि का आसान उपाय रुद्राक्ष धारण रंजू नारंगधर्म, अर्थ, काम व मोक्ष मानव जीवन के मुख्य लक्ष्य कहे गए हैं। हर व्यक्ति इन लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु यथासंभव प्रयास करता है। लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु शास्त्रों में विभिन्न ज्योतिषीय सामग्रियों के उपयोग का उल्लेख है, जिनमें रुद्र... और पढ़ेंउपायस्वास्थ्यसंपत्तिरूद्राक्षविवाहशिक्षाबाल-बच्चेव्यवसाययशसुखमई 2010व्यूस: 24018
पेप्टिक अल्सर अविनाश सिंहअम्ल, जो अग्निकारक है, उसका नेतृत्व मंगल एवं सूर्य करता है। इसलिए पंचम भाव, सिंह राशि, सूर्य और मंगल के दुष्प्रभावों के कारण पेप्टिक अल्सर होता है। विभिन्न लग्नों के लिए पेप्टिक अल्सर का ज्योतिषीय दृष्टिकोण।... और पढ़ेंज्योतिषउपायस्वास्थ्यराशिविविधआगस्त 2010व्यूस: 18554
श्वेत प्रदर अविनाश सिंहश्वेत प्रदर स्त्रियों की एक आम समस्या है। प्रस्तुत है इस रोग के कारण, लक्षण व उपचार और विभिन्न लग्नों में इस रोग का ज्योतिषीय दृष्टिकोण।... और पढ़ेंज्योतिषउपायस्वास्थ्यराशिविविधजून 2010व्यूस: 15013
मानसिक तनाव अंजना जोशीज्योतिष, हस्तरेखाओं के माध्यम से मानसिक तनाव की स्थितियों का ज्ञान आसानी से किया जा सकता है और ज्योतिषीय, योग व शास्त्रीय उपायों से कुछ सीमाओं तक तनाव मुक्ति का प्रयास किया जा सकता है।... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याचिकित्सा ज्योतिषअकतूबर 2010व्यूस: 17555
शनि की ढईया और साढ़ेसाती अंजना अग्रवालसाढ़े-साती यानि शनि का आपकी राशि के आस-पास भ्रमण। शनि जब कुंडली में चंद्रमा की स्थिति से बारहवें, प्रथम और द्वितीय स्थान पर होते हैं तब शनि की साढ़े-साती होती है, शनि जब कुंडली में चंद्रमा की स्थिति से चैथे और आठवें स्थान पर होते... और पढ़ेंज्योतिषग्रहविविधनवेम्बर 2014व्यूस: 24000
नकसीर नाक का रक्तस्राव अविनाश सिंहनाक से खून बहने की अवस्था को नकसीर कहते हैं। कई बार ग्रीष्म ऋतु में यह बच्चों बड़ों को समान रूप से प्रभावित करती है। नकसीर के ज्योतिषीय कारण व उपचार पिढ़ए इस लेख में ...... और पढ़ेंज्योतिषउपायस्वास्थ्यराशिभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषणजनवरी 2011व्यूस: 19084
राजभंग योग आचार्य किशोरउच्च कोटि के राजयोग जहां फलित होते देखे गए हैं, वहीं दूसरी ओर इन्हीं राजयोगों का भंग होना भी फलीभूत हुआ है। ऐसा क्यों होता है, आइए कुछ कुंडलियों के माध्यम से इस विषय की तह तक पहुंचने का प्रयास करें।... और पढ़ेंज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय योगदशाभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याआगस्त 2010व्यूस: 24866
शनि से बनने वाले योग अशोक सक्सेनाशनि का नाम सुनकर ही जातक भयभीत/ चिंताग्रस्त हो जाते हैं, जबकि ऐसा सोचना हमेशा सत्य नहीं होता। शनि देव को भगवान शिव ने न्यायधीश का पड़ दिया है। और उसका दायित्व शनिदेव पूर्ण निष्ठां से व बिना किसी दुराग्रह के संपादित करते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्यामार्च 2013व्यूस: 26803
नाड़़ी दोष विचार ब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’नाडि शब्द नाडि मंडल से संबंधित है, जिसका अर्थ है कि आकाशीय विषुवत् सेवा। नाडी कूटं तं संग्राह्यं, कूटानां तु शिरोमणिम्। ब्रह्मणा कन्यका कण्ठ सूत्रत्वेन विनिर्मितम्॥ (अर्थात् जिस प्रकार विवाहित कन्या के लिए मंगल सूत्र आवश्यक है, उस... और पढ़ेंज्योतिषग्रहघरविवाहभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याजनवरी 2011व्यूस: 27749
संतान, स्वास्थ्य, आजीविका एवं वैवाहिक सुख के लिए टोटक अंजली गिरधरसंतान प्राप्ति के उत्तम उपाय: - परिजात का एक कोमल पत्ता व श्वेत पुष्पी कटकारी का मूल लेकर बकरी के दूध में पीसकर माहवारी के बाद स्त्री को लगातार सात दिन तक खिलायें।... और पढ़ेंउपायस्वास्थ्यसंपत्तिभविष्यवाणी तकनीकटोटकेबाल-बच्चेअन्य पराविद्याएंफ़रवरी 2015व्यूस: 21188
कुछ उपयोगी टोटके संत बाबा फतह सिंहछोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है... और पढ़ेंउपायस्वास्थ्यसफलताविवाहटोटकेजनवरी 2010व्यूस: 23113