यंत्र एवं जातक डॉ. अरुण बंसलमंत्र देवताओं के मन का कारक हैं, यंत्र देवताओं का विग्रह हैं, जिस प्रकार शरीर एवं आत्मा में संबंध होता है, उसी प्रकार मंत्र एवं यंत्र में आपसी भेद नहीं होता (यंत्र की पूजा किये बिना देवताओं भी प्रसन्न नहीं होते) अत: देवता को प्रसन... और पढ़ेंज्योतिषदिसम्बर 2004व्यूस: 4097
दस महाविद्या - शक्ति एवं साधन डॉ. अरुण बंसलआदि ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख किया गया है जो विभिन्न शक्तियों की दाता हैं।... और पढ़ेंज्योतिषअकतूबर 2012व्यूस: 18124
श्री बगलामुखी का परिचय डॉ. अरुण बंसलव्यष्टिरूप में शत्रुओं को नष्ट करने की इच्छा रखने वाली तथा समष्टिरूप में परमात्मा की संहार शक्ति ही बगला हैं. पीताम्बर विद्या के नाम से विख्यात बगलामुखी की साधना प्राय: शत्रु भय से मुक्ति और वाक् सिद्धि के लिए... और पढ़ेंज्योतिषजुलाई 2004व्यूस: 5438
महामृत्युंजय मंत्र उपासना डॉ. अरुण बंसलमहाम्रत्युन्जय मंत्र के विभिन्न स्वरूपों का उल्लेख हमारे प्राचीन धर्मग्रंथों में मिलता है. इन सबका अपना-अपना महत्व हैं, विशेष स्थिति में इनका विशेष प्रकार से अनुष्ठान किया जाता हैं.... और पढ़ेंज्योतिषमई 2009व्यूस: 16819
मंत्र सार डॉ. अरुण बंसलमन को शक्ति प्रदान करके समस्त भयों से रक्षा करने वाले शब्दों को 'मंत्र' कहते हैं. 'मन' शब्द से मन को एकाग्र करना, 'त्र' शब्द से त्राण (रक्षा) करना जिसका धर्म हैं. वे मंत्र कहे जाते हैं. मंत्र ही समस्त जातकों... और पढ़ेंज्योतिषनवेम्बर 2004व्यूस: 4946
व्यावहारिक अंग लक्षण विज्ञान डॉ. अरुण बंसलव्यक्ति का चेहरा उसके व्यक्तित्व का दर्पण होता है। व्यक्ति का प्रत्येक अंग उसके मस्तिष्क से बंधा होता है। उसका हृदय, लीवर, फेफड़े, किडनी, हड्डियां, नसें, नाड़ियां व मांसपेशियां सभी उसके सोचने व कार्य करने में सहायक होते हैं। पूर्ण श... और पढ़ेंविविधअन्य पराविद्याएंआगस्त 2014व्यूस: 16818
हस्त द्वारा स्वास्थ्य ज्ञान डॉ. अरुण बंसलहमारा हाथ हमारे शरीर का प्रतिबिंब है। इस ज्ञान का उपयोग एक्यूप्रेशर पद्धति में विशेष रूप से किया जाता है। एक्यूप्रेशर के विशेषज्ञ हथेली के पाॅइंट (बिंदु) दबाकर हमारे शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले रोगों का निवारण करते हैं। ... और पढ़ेंहस्तरेखा शास्रस्वास्थ्यभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2017व्यूस: 10437
राहु के राशि परिवर्तन का विभिन्न राशियों में प्रभाव एवं उपाय मनोज कुमार शुक्लाराहु १४ जनवरी २०१३ को सायंकाल ७:१८ बजे तुला राशि में प्रवेश कर चुके हैं। दृष्टव्य है की शनि पहले से ही तुला राशि में गोचर कर रहे हैं। इस प्रकार राहु व् शनि की युति विषयोग का निर्माण कर रही हैं।... और पढ़ेंज्योतिषगोचरग्रहराशिभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2013व्यूस: 20806
कुंडली में ग्रह की अशुभ स्थिति अंजली गिरधरव्यक्ति का सारा जीवन कुंडली के नवग्रह और सत्ताईस नक्षत्रों के द्वारा ही संचालित होता है। अगर कुंडली में सारे ग्रह अच्छे और शुभ हैं तो फिर जीवन में कोई समस्या नहीं होती है और चारों ओर से खुशियों की ही वर्षा होती है। लेकिन अगर कुं... और पढ़ेंज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2015व्यूस: 25478
लग्न नक्षत्र स्वामी की लाभकरी दशा किशोर घिल्डियालज्योतिष का अध्ययन करते समय कई बार यह विचार अवश्य आता है कि जन्म समय के चन्द्र नक्षत्र का प्रयोग जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में किया जाता है। इसी से ही दशाएं ज्ञात कर जातक विशेष के भविष्य से जुड़े सभी सवालों के जवाब दिये जाते हैं। ज्... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगदशाग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याअकतूबर 2013व्यूस: 27530
चक्र कितने प्रकार के होते हैं? फ्यूचर पाॅइन्टप्रश्न: चक्र कितने प्रकार के होते हैं? सुदर्शन चक्र, नर चक्र, षन्नाड़ी चक्र आदि विभिन्न प्रकार के चक्रों का विवरण देते हुए उनके उपयोग सहित महत्व पर प्रकाश डालिए।... और पढ़ेंज्योतिषविविधजुलाई 2006व्यूस: 25228
भृगु संहिता फोरकास्ट सूत्र नंद किशोर पुरोहितईश्वरीय विद्या कहलाने वाले ज्योतिष से आज संपूर्ण मानव जगत में कोई अछूता नहीं है। ब्रह्मांड में गतिशील ग्रह, नक्षत्र, सितारों के प्रभाव में आज ही नहीं, वरन जबसे सृष्टि की रचना हुई, उसी समय से पृथ्वीवासी इनके प्रभाव में है। मानव जगत... और पढ़ेंज्योतिषभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याजनवरी 2004व्यूस: 23291